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CrPC Section 70: गिरफ्तारी के वारंट का प्रारूप और अवधि को परिभाषित करती है धारा 70

सीआरपीसी (CrPC) की धारा 70 (Section 70) में गिरफ्तारी के वारंट (Warrant of arrest) का प्रारूप (Form) और अवधि (Duration) के बारे में बताया गया है. आइए जानते हैं कि सीआरपीसी की धारा 70 इस बारे में क्या जानकारी देती है?

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गिरफ्तारी के वारंट से संबंधित है सीआरपीसी की धारा 70
गिरफ्तारी के वारंट से संबंधित है सीआरपीसी की धारा 70
स्टोरी हाइलाइट्स
  • गिरफ्तारी के वारंट का प्रारूप और अवधि से जुड़ी है ये धारा
  • 1974 में लागू की गई थी सीआरपीसी
  • CrPC में कई बार हुए हैं संशोधन

दंड प्रक्रिया संहिता (Code of Criminal Procedure) में अदालत (Court) और पुलिस (Police) के काम करने की प्रक्रिया (Process) और उससे जुड़े प्रावधान मिलते हैं. इसी प्रकार से सीआरपीसी (CrPC) की धारा 70 (Section 70) में गिरफ्तारी के वारंट (Warrant of arrest) का प्रारूप (Form) और अवधि (Duration) के बारे में बताया गया है. आइए जानते हैं कि सीआरपीसी की धारा 70 इस बारे में क्या जानकारी देती है?

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सीआरपीसी की धारा 70 (CrPC Section 70)
दंड प्रक्रिया संहिता (Code of Criminal Procedure) की धारा 70 (Section 70) में गिरफ्तारी के वारंट (Warrant of arrest) का प्रारूप (Form) और अवधि (Duration) को लेकर प्रावधान किए गए हैं. CrPC की धारा 70 के मुताबिक-

(1) न्यायालय (Court ) द्वारा इस संहिता के अधीन (Under this Code) जारी किया गया गिरफ्तारी (Arrest) का प्रत्येक वारंट (Every warrant) लिखित रूप में और ऐसे न्यायालय के पीठासीन अधिकारी (Presiding officer of court) द्वारा हस्ताक्षरित (signed) होगा और उस पर उस न्यायालय की मुद्रा (seal of the Court) लगी होगी.

(2) ऐसा प्रत्येक वारंट तब तक प्रवर्तन (Enforcement) में रहेगा, जब तक वह उसे जारी करने वाले न्यायालय द्वारा रद्द (Cancelled) नहीं कर दिया जाता है या जब तक वह निष्पादित (executed) नहीं कर दिया जाता है.

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क्या होती है सीआरपीसी (CrPC)
सीआरपीसी (CRPC) अंग्रेजी का शब्द है. जिसकी फुल फॉर्म Code of Criminal Procedure (कोड ऑफ क्रिमिनल प्रोसिजर) होती है. इसे हिंदी में 'दंड प्रक्रिया संहिता' कहा जाता है. CrPC में 37 अध्याय (Chapter) हैं, जिनके अधीन कुल 484 धाराएं (Sections) मौजूद हैं. जब कोई अपराध होता है, तो हमेशा दो प्रक्रियाएं होती हैं, एक तो पुलिस अपराध (Crime) की जांच करने में अपनाती है, जो पीड़ित (Victim) से संबंधित होती है और दूसरी प्रक्रिया आरोपी (Accused) के संबंध में होती है. सीआरपीसी (CrPC) में इन प्रक्रियाओं का ब्योरा दिया गया है.

1974 में लागू हुई थी CrPC
सीआरपीसी के लिए 1973 में कानून (Law) पारित किया गया था. इसके बाद 1 अप्रैल 1974 से दंड प्रक्रिया संहिता यानी सीआरपीसी (CrPC) देश में लागू हो गई थी. तब से अब तक CrPC में कई बार संशोधन (Amendment) भी किए गए है.

 

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