Code of Criminal Procedure: दंड प्रक्रिया संहिता की धाराओं के माध्यम से उन कानूनी प्रक्रियाओं (Legal procedures) को परिभाषित किया गया है, जिनका इस्तेमाल कोर्ट (Court) और पुलिस (Police) अपने काम के दौरान करती है. ऐसे ही सीआरपीसी (CrPC) की धारा 90 (Section 90) समन और गिरफ्तारी के वारंट के लागू होने का प्रावधान (Provision) करती है. तो चलिए जानते हैं कि सीआरपीसी की धारा 90 इस बारे में क्या कहती है?
सीआरपीसी की धारा 90 (CrPC Section 90)
दंड प्रक्रिया संहिता (Code of Criminal Proced) की धारा 90 के तहत इस अध्याय के उपबंधों (Provisions of the chapter) का साधारणतया समनों और गिरफ्तारी के वारंटों (Summons and warrants of arrest) का लागू होना बताया गया है. CrPC की धारा 90 के अनुसार, समन और वारंट (Summon and warrant) तथा उन्हें जारी करने, उनकी तामील और उनके निष्पादन (Service and their execution) संबंधी जो उपबंध इस अध्याय में हैं वे इस संहिता के अधीन (Under the code) जारी किए गए प्रत्येक समन और गिरफ्तारी के प्रत्येक वारंट को, यथाशक्ति (As far as possible) लागू होंगे.
इसे भी पढ़ें--- IPC Section 87: सहमति से किए गए कार्य को परिभाषित करती है आईपीसी की धारा 87
क्या है सीआरपीसी (CrPC)
सीआरपीसी (CRPC) अंग्रेजी का शब्द है. जिसकी फुल फॉर्म Code of Criminal Procedure (कोड ऑफ क्रिमिनल प्रोसिजर) होती है. इसे हिंदी में 'दंड प्रक्रिया संहिता' कहा जाता है. CrPC में 37 अध्याय (Chapter) हैं, जिनके अधीन कुल 484 धाराएं (Sections) मौजूद हैं. जब कोई अपराध होता है, तो हमेशा दो प्रक्रियाएं होती हैं, एक तो पुलिस अपराध (Crime) की जांच करने में अपनाती है, जो पीड़ित (Victim) से संबंधित होती है और दूसरी प्रक्रिया आरोपी (Accused) के संबंध में होती है. सीआरपीसी (CrPC) में इन प्रक्रियाओं का ब्योरा दिया गया है.
1974 में लागू हुई थी CrPC
सीआरपीसी के लिए 1973 में कानून (Law) पारित किया गया था. इसके बाद 1 अप्रैल 1974 से दंड प्रक्रिया संहिता यानी सीआरपीसी (CrPC) देश में लागू हो गई थी. तब से अब तक CrPC में कई बार संशोधन (Amendment) भी किए गए है.