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CrPC Section 98: अपहृत महिला की वापसी कराने से संबंधित है सीआरपीसी की धारा 98

सीआरपीसी (CrPC) की धारा 98 (Section 98) में अपहृत स्त्रियों को वापस करने के लिए विवश करने की शक्ति को परिभाषित (Define) किया गया है. चलिए जानते हैं कि सीआरपीसी की धारा 98 इस बारे में क्या जानकारी देती है?

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 अपहृत महिलाओं की बहाली से जुड़ी है धारा 98
अपहृत महिलाओं की बहाली से जुड़ी है धारा 98
स्टोरी हाइलाइट्स
  • अपहृत महिलाओं की बहाली से जुड़ी है धारा 98
  • 1974 में लागू की गई थी सीआरपीसी
  • CrPC में कई बार हुए है संशोधन

दंड प्रक्रिया संहिता (Code of Criminal Procedure) की धाराएं न्यायलय (Court) और पुलिस (Police) की कार्य प्रणाली के दौरान प्रयोग होने वाली कानूनी प्रक्रियाओं (Legal procedures) के बारे में विधिपूर्ण जानकारी देती हैं. इसी प्रकार सीआरपीसी (CrPC) की धारा 98 (Section 98) में अपहृत स्त्रियों को वापस करने के लिए विवश करने की शक्ति को परिभाषित (Define) किया गया है. चलिए जानते हैं कि सीआरपीसी की धारा 98 इस बारे में क्या जानकारी देती है?

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सीआरपीसी की धारा 98 (CrPC Section 98)
दंड प्रक्रिया संहिता (Code of Criminal Proced) की धारा (98 Section 98) में अपहृत महिलाओं (kidnapped women) की बहाली के लिए बाध्य करने की शक्ति को परिभाषित किया गया है. CrPC की धारा 98 के अनुसार, किसी स्त्री या अठारह वर्ष से कम आयु की किसी बालिका के किसी विधिविरुद्ध (Unlawful) प्रयोजन के लिए अपहृत किए जाने या विधिविरुद्ध निरुद्ध रखे जाने का शपथ पर परिवाद किए जाने की दशा में जिला मजिस्ट्रेट (District Magistrate), उपखंड मजिस्ट्रेट (Sub- divisional Magistrate) या प्रथम वर्ग मजिस्ट्रेट (First Class Magistrate) यह आदेश कर सकता है कि उस स्त्री को तुरंत स्वतंत्र किया जाए या उसे उसके पति, माता-पिता, संरक्षक या अन्य व्यक्ति (husband, parent, guardian or other person) को, जो उस बालिका का विधिपूर्ण भारसाधक (Lawful charge of such woman or child) है, तुरंत वापस कर दी जाए और ऐसे आदेश का अनुपालन ऐसे बल के प्रयोग द्वारा, जैसा आवश्यक हो, करा सकता है.

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क्या है सीआरपीसी (CrPC)
सीआरपीसी (CRPC) अंग्रेजी का शब्द है. जिसकी फुल फॉर्म Code of Criminal Procedure (कोड ऑफ क्रिमिनल प्रोसिजर) होती है. इसे हिंदी में 'दंड प्रक्रिया संहिता' कहा जाता है. CrPC में 37 अध्याय (Chapter) हैं, जिनके अधीन कुल 484 धाराएं (Sections) मौजूद हैं. जब कोई अपराध होता है, तो हमेशा दो प्रक्रियाएं होती हैं, एक तो पुलिस अपराध (Crime) की जांच करने में अपनाती है, जो पीड़ित (Victim) से संबंधित होती है और दूसरी प्रक्रिया आरोपी (Accused) के संबंध में होती है. सीआरपीसी (CrPC) में इन प्रक्रियाओं का ब्योरा दिया गया है.

1974 में लागू हुई थी CrPC
सीआरपीसी के लिए 1973 में कानून (Law) पारित किया गया था. इसके बाद 1 अप्रैल 1974 से दंड प्रक्रिया संहिता यानी सीआरपीसी (CrPC) देश में लागू हो गई थी. तब से अब तक CrPC में कई बार संशोधन (Amendment) भी किए गए है.

 

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