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दिल्ली-पद्घा ISIS आतंकी मॉड्यूल पर कसा शिकंजा, 17 कट्टर कार्यकर्ताओं के खिलाफ NIA की चार्जशीट

आईपीसी, यूए(पी) अधिनियम, शस्त्र अधिनियम और विस्फोटक पदार्थ अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत जिनके खिलाफ आरोप-पत्र दाखिल किया गया है, उन सभी आरोपियों को आईएसआईएस की एक बड़ी साजिश में शामिल पाया गया था.

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एनआईए टीम ने 17 आंतकियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की है (File Photo)
एनआईए टीम ने 17 आंतकियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की है (File Photo)

राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने दिल्ली-पद्घा आईएसआईएस आतंकी मॉड्यूल के लिए युवाओं की भर्ती करने, उनका रेडिकलाइजेशन करने और उन्हें उन्नत विस्फोटक उपकरणों के निर्माण से जुड़ी साजिश में शामिल करने वाले प्रतिबंधित वैश्विक आतंकवादी नेटवर्क के 17 कट्टर एजेंटों के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया है.

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इस तरह से इस मामले में ऐसे कुल आरोपियों की संख्या 20 हो गई है, जिसमें विदेशी संचालकों के साथ वैश्विक संबंधों का खुलासा हुआ था और जिनके खिलाफ चार्जशीट दाखिल की जा चुकी है. एनआईए ने मूल रूप से मार्च 2023 में तीन लोगों के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया था और सोमवार को नई दिल्ली के पटियाला हाउस स्थित विशेष अदालत के समक्ष 17 अन्य लोगों के खिलाफ पूरक आरोपपत्र दाखिल किया, जिनमें से 15 महाराष्ट्र से हैं और एक-एक उत्तराखंड और हरियाणा से हैं.

आईपीसी, यूए(पी) अधिनियम, शस्त्र अधिनियम और विस्फोटक पदार्थ अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत जिनके खिलाफ आरोप-पत्र दाखिल किया गया है, उन सभी आरोपियों को आईएसआईएस की एक बड़ी साजिश में शामिल पाया गया, जिसमें भोले-भाले युवाओं के बीच इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड सीरिया (ISIS) की विचारधारा वाले युवाओं की भर्ती, प्रशिक्षण और प्रचार-प्रसार के साथ-साथ विस्फोटक और आईईडी का निर्माण और प्रतिबंधित संगठन के लिए धन उगाही शामिल थी.

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एनआईए अंतरराष्ट्रीय संगठन के नापाक आतंकी नेटवर्क को खत्म करने के इरादे से देश में सक्रिय विभिन्न आईएसआईएस मॉड्यूल पर नकेल कस रही है. इसी के चलते केंद्रीय एजेंसी ने नवंबर 2023 में आरसी-29/2023/एनआईए/डीएलआई मामला दर्ज किया था. इसके बाद इसकी जांच में विस्फोटकों के निर्माण और आईईडी के निर्माण से संबंधित कई आपत्तिजनक दस्तावेज और डेटा जब्त किए गए, साथ ही आईएस द्वारा प्रकाशित ‘वॉयस ऑफ हिंद’, ‘रुमिया’, ‘खिलाफत’, ‘दबीक’ जैसी प्रचार पत्रिकाएं भी जब्त की गईं.

जांच के दौरान एजेंसी ने पाया कि आरोपी आईईडी निर्माण से संबंधित डिजिटल फाइलें अपने संपर्कों के साथ साझा कर रहे थे. वे भारत में हिंसा फैलाने और इसके धर्मनिरपेक्ष लोकाचार और लोकतांत्रिक व्यवस्था को नष्ट करने के लिए आईएसआईएस के एजेंडे के तहत अपनी आतंकी योजनाओं को आगे बढ़ाने के लिए सक्रिय रूप से धन जुटाते पाए गए. 

आरोपियों ने संगठन में कमजोर युवाओं की भर्ती सहित आतंकवादी हमलों को अंजाम देने की तैयारी में कई काम किए थे. उन्होंने गिरफ्तार किए गए आरोपी साकिब नाचन से ‘बयात’ (वफादारी की शपथ) ली थी, जो पिछले कई आतंकी मामलों में आदतन अपराधी है और भारत में आईएसआईएस का स्वयंभू अमीर-ए-हिंद है. एनआईए आरोपियों के नेटवर्क का पता लगाने के लिए मामले में आगे की जांच कर रही है.

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