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राजधानी दिल्ली में 25 करोड़ की चोरी को अंजाम देने वाले शातिर चोर आखिरकार पुलिस के हत्थे चढ़ ही गए. छत्तीसगढ़ पुलिस ने सबसे बड़ी चोरी की वारदात के मास्टरमाइंड लोकेश श्रीवास को भी गिरफ्तार कर लिया है. लोकेश कोई छोटा-मोटा चोर नहीं है. वो इससे पहले भी चोरी की बड़ी वारदातों को अंजाम दे चुका है. उसका आपराधिक इतिहास बड़ा पुराना है.
कौन है लोकेश श्रीवास?
दिल्ली के जंगपुरा इलाके के भोगल मार्केट में उमराव सिंह ज्वेलर्स की दुकान पर हाथ साफ करने वाले चोर पुलिस के हाथ आ गए. इनमें एक ऐसा चोर भी शामिल है, जिसे आप चोरों का सरदार कह सकते हैं. उसका नाम है लोकेश श्रीवास. वो कवर्धा जिले के रहने वाला है. वो इतना शातिर है कि उसने छत्तीसगढ़ ही नहीं बल्कि कई राज्यों में चोरी की वारदातों को अंजाम दिया है. यही वजह है कि उसके खिलाफ तेलंगाना, महाराष्ट्र, दिल्ली, छत्तीसगढ़ में पिछली चोरियों की कई एफआईआर दर्ज हैं.
भिलाई में हुई गिरफ्तारी
पुलिस छानबीन के दौरान पता चला कि 10 दिन पहले उसने छत्तीसगढ़ में दुर्ग जिले की स्मृति नगर पुलिस चौकी से कुछ मीटर की दूरी पर ही एक कमरा किराए पर लिया था. इसी दौरान बिलासपुर पुलिस कवर्धा से ही उसका पीछा कर रही थी और इसी के चलते उसे भिलाई में पकड़ लिया गया. अब वो छत्तीसगढ़ पुलिस की हिरासत में है.
पहले अंजाम दी थी 5 करोड़ की चोरी
पुलिस के हवाले से पता चला है कि साल 2019 में पारख ज्वैलर्स के यहां 5 करोड़ की बड़ी चोरी का मामले सामने आया था. चोरी की उस वारदात को भी लोकेश श्रीवास ने ही अंजाम दिया था. उसने वहां भी चोरी की वही तकनीक अपनाई थी जो उसने दिल्ली में आजमाई. अब छत्तीसगढ़ पुलिस उस कमरे के बारे में भी पूछताछ कर रही है, जो उसने किराए पर लिया था.
24 सितंबर की वारदात
अब आपको विस्तार से बताते हैं कि कैसे कुछ गुमनाम चोरों ने रविवार यानी 24 सितंबर को दिल्ली में 'ज्वेलरी हाइस्ट' की इतनी बड़ी वारदात को अंजाम दे दिया, जितनी इससे पहले कभी नहीं हुई. मौका-ए-वारदात के हालात देखकर शोरूम मालिक और दिल्ली पुलिस दोनों ही हैरान थे.
दिल्ली में सबसे बड़ी चोरी
दिल्ली के ज्वेलरी शो रूम में चोरी और वो भी 25 करोड़ रुपये से ज्यादा की. शो रूम के मालिक ने मंगलवार की सुबह जब अपनी दुकान की बुरी हालत देखी, तो उनका तो दिमाग ही घूम गया. आनन-फानन में पुलिस को ख़बर दी गई और इसी के साथ हाल के दिनों में दिल्ली में हुई इस सबसे बड़ी चोरी में शामिल चेहरों की तलाश शुरू कर दी गई.
मगंलवार को सामने आई वारदात
दिल्ली के जंगपुरा इलाके के भोगल मार्केट में ज्वेलरी के कई विशाल और आलीशान शो रूम हैं. उन्हीं में से एक है उमराव सिंह ज्वेलर्स नाम की दुकान. जिसे उमराव सिंह और महावीर प्रसाद जैन मिल कर चलाते हैं. भोगल का ये मार्केट हफ्ते में एक रोज़ सोमवार के दिन बंद रहता है. रविवार 24 सितंबर को दिन भर के कारोबार के बाद रात करीब 8 बजे ये दुकान बंद हुई थी. लेकिन जब एक रोज़ बाद यानी मंगलवार सुबह साढे दस बजे शो रूम का ताला खोला गया, तो अंदर की हालत देख कर दुकानदार के साथ-साथ वहां मौजूद मुलाजिमों के पैरों तले भी ज़मीन खिसक गई.
पूरा शो रूम साफ कर गए चोर
चोरों ने पूरा का पूरा शो रूम ही साफ कर दिया था. मानों किसी ने बंद शो रूम के अंदर झाडू फेर दिया हो. दुकान की अलमारियों और शो केस में रखी ज्वेलरी के साथ-साथ यहां बने खुफिया स्ट्रॉन्ग रूम तक में सेंधमारी कर चोरों ने सोने-चांदी की ज्वेलरी के अलावा कीमती जेम्स स्टोन यानी हीरे-जवाहरात तक, सब कुछ उड़ा दिए.
खराब कर दिए थे CCTV कैमरे
स्ट्रॉन्ग रूम की दीवार पर बना सुरंगनुमा छेद अपने-आप में सारी कहानी बयान कर रहा थी. वैसे तो इस दुकान में चोरी की किसी भी वारदात को रोकने के लिए कुल छह सीसीटीवी कैमरे लगे हैं, लेकिन चोरों ने ना सिर्फ उन सभी के सभी छह कैमरों को खऱाब कर दिया, बल्कि उनके तार भी निकाल दिए थे. चोरों ने जिस स्ट्रॉन्ग रूम को खास तौर पर टार्गेट किया, वो स्ट्रॉन्ग रूम शो रूम के गाउंड फ्लोर पर मौजूद है, जिसके तीन तरफ तो कंक्रीट की दीवार है, जबकि एक तरफ लोहे का मजबूत दरवाजा. लेकिन इतनी सख्त सुरक्षा के बावजूद चोरों ने करीब डेढ़ फीट चौड़ी स्ट्रॉन्ग रूम की दीवार को रातों-रात आसानी से छेद दिया और स्ट्रॉन्ग रूम के 32 अलग-अलग लॉकर्स में में रखी ज्वेलरी पर भी हाथ साफ कर फरार हो गए.
दुकान मालिक को नहीं था किसी पर शक
चोरी के बाद दुकान का मंजर देख कर दुकानदार को तो खैर संभलने में ही कई मिनट लग गए, लेकिन पुलिस के पहुंचने पर उन्होंने जो कुछ बताया उसके मुताबिक दुकान से 30 किलो सोने की ज्वेलरी के साथ-साथ, लाखों रुपये के कीमती जेम्स स्टोन और 5 लाख रुपये कैश भी गायब थे. हालांकि 75 साल पुरानी इस दुकान के मालिक महावीर प्रसाद जैन ने इस वारदात को लेकर किसी पर शक होने के बारे में पूछने पर उनका जवाब ना में ही था. बल्कि उन्होंने कहा कि यहां काम करने वाले सारे के सारे मुलाजिम सालों से उनके यहां काम कर रहे हैं, ऐसे में वो किसी पर शक नहीं कर सकते.
भोगल में तीन मंजिला है ज्वेलर्स की दुकान
लेकिन सवाल ये है कि एक ऐसी दुकान, जिसमें सामने से ताला बंद हो और पीछे से भी कोई दीवार या दरवाज़ा ना तोड़ा गया हो, चोरों ने आखिर उस दुकान के अंदर एंट्री कैसे मारी और कैसे वो रातों-रात सारा माल लेकर रफूचक्कर हो गए? तो सीन ऑफ क्राइम यानी मौका-ए-वारदात को देख कर पुलिस और दुकानदार दोनों का ये मानना है कि चोर इस शो रूम में छत के रास्ते से दाखिल हुए. असल में उमराव सिंह ज्वेलर्स नाम की ये दुकान तीन मंजिला है. जिसमें ग्राउंड फ्लोर पर मेन शो रूम है, जहां ज्वेलरी खरीदने और बेचने का काम होता है, इसी फ्लोर पर स्ट्रॉन्ग रूम भी बना है, जिसे जरूरत के मुताबिक खोला और बंद किया जाता है. जबकि ऊपर की तीन मंजिलों पर स्टॉक स्टोर करने के साथ-साथ डिजाइनिंग और रिपयेरिंग का काम चलता है.
छत के रास्ते आए थे चोर
चूंकि दुकान का ताला सामने से बिल्कुल इंटैक्ट था और इसकी बाहरी दीवार पर कहीं से कोई सेंधमारी नहीं हुई थी, तो ये साफ था कि चोर छत के रास्ते ही अंदर आये थे. वैसे भी मंगलवार की सुबह दुकानदार को छत के दरवाजे का ताला टूटा हुआ मिला. एक सवाल ये भी है कि चोर आखिर दुकान की छत पर कैसे पहुंचे, तो पुलिस इस संभावना को भी समझने की कोशिश कर रही है. शक है कि शायद चोर पहले आस-पास की किसी दूसरी बिल्डिंग की छत पर पहुंचे होंगे और फिर वहां से दुकान की छत पर आए होंगे.
CCTV फुटेज में नजर आए नकाबपोश चोर
दुकान के अंदर आते ही चोरों ने ना सिर्फ सीसीटीवी बल्कि वाई-फाई के सारे तार भी डिस्कनेक्ट कर दिए और अपने काम में लग गए. हालांकि मौके पर पहुंची पुलिस ने अपनी तफ्तीश की शुरुआत सीसीटीवी फुटेज से ही की. पुलिस को दुकान के अंदर तीन नकाबपोश नजर आए, जो सीसीटीवी कैमरों को डिस्कनेक्ट करने से पहले उनमें कैद हो गए थे, इसके अलावा आस-पास की दुकानों में लगे कुछ और सीसीटीवी कैमरों में पुलिस को कुछ और संदिग्ध लोगों की तस्वीरें नजर आईं. ये तस्वीरें रविवार की रात करीब साढे ग्यारह बजे के बीच कैद हुई थी, जिन्हें देख कर पुलिस को ये यकीन है कि चोरी की वारदात रात साढे ग्यारह से 12 बजे के बीच ही हुई. पुलिस को रविवार की रात को मार्केट में एक टाटा सूमो गाड़ी भी संदिग्ध तरीके से चक्कर लगाती हुई नजर आई है और उसे शक है कि चोर शायद इसी गाड़ी में सवार होकर वारदात को अंजाम देने पहुंचे थे.
दुकान के कर्मचारियों पर पुलिस की नजर
वैसे दुकान के मालिक बेशक अपने किसी मुलाजिम पर कोई शक ना हो, लेकिन पुलिस को लगता है कि बगैर किसी इनसाइडर यानी भेदिये के सिवाय इस तरह की वारदात को अंजाम दिया ही नहीं जा सकता है. क्योंकि जिस तरह से चोरों ने दुकान को छत के रास्ते से टार्गेट किया, शो रूम के बाहर लगे ताले को तोड़ने से बचते रहे और जिस तरह से अंदर घुस-घुस कर एक-एक ज्लेवरी के साथ-साथ स्ट्रॉन्ग रूम की दीवार तक में सेंध लगा कर माल उड़ा लिया, वो दुकान के अंदर की पूरी जानकारी रखने वाले किसी कर्मचारी, पूर्व कर्मचारी, रिश्तेदार या ग्राहक के सिवाय कोई और कर ही नहीं सकता. पुलिस की रडार पर वैसे तो इस वक्त हर कोई शामिल है, लेकिन दुकान के वैसे कर्मचारियों पर ध्यान थोड़ा ज्यादा है, जो या तो लंबी छुट्टी पर हैं या फिर काम छोड़ कर जा चुके हैं.