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दिल्ली कैंटः उलझा हुआ है नाबालिग से रेप और मर्डर का मामला, क्या इंसाफ दिला पाएगी पुलिस?

दिल्ली कैंट इलाके में एक 9 साल की बच्ची अचानक मौत के मुंह में समा गई. उसकी मौत रहस्यमयी हालात में हुई थी, तो सवाल उठना लाजमी था. बच्ची के साथ रेप और रेप के बाद हत्या की आशंका जताई गई.

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इसी श्मसान घाट में जबरन लड़की का अंतिम संस्कार कर दिया गया
इसी श्मसान घाट में जबरन लड़की का अंतिम संस्कार कर दिया गया
स्टोरी हाइलाइट्स
  • क्या बच्ची को करंट लगा था या उसके साथ रेप हुआ था?
  • क्यों पुजारी ने पुलिस बुलाने के लिए मना किया था?
  • पुलिस ने किस आधार पर कहा कि रेप का मामला नहीं है?

दिल्ली कैंट इलाके में एक 9 साल की लड़की के साथ दरिंदगी की बात आखिरकार पुलिस ने भी मान ली. जिस वारदात को पुलिस पहले केवल हादसा बताकर पल्ला झाड़ने की कोशिश कर रही थी. उसी मामले में अब पुलिस ने रेप, हत्या और एससी एसटी एक्ट की धाराएं भी जोड़ दी हैं. इस मामले में पुलिस की कार्रवाई को लेकर कई तरह के सवाल उठ रहे हैं. विपक्षी पार्टियां भी आपत्ति जता रही हैं. आइए आपको बताते हैं क्या है? ये पूरा मामला.  

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रविवार, 1 अगस्त 2021

दिल्ली कैंट इलाके में एक 9 साल की बच्ची अचानक मौत के मुंह में समा गई. उसकी मौत रहस्यमयी हालात में हुई थी, तो सवाल उठना लाजमी था. बच्ची के साथ रेप और रेप के बाद हत्या की आशंका जताई गई. ठीक उसी रात बच्ची का अंतिम संस्कार कर दिया गया. रात में करीब साढ़े दस बजे पुलिस को एक कॉल आई. पीसीआर कॉल में पुलिस को बताया गया कि दिल्ली कैंट में एक नाबालिग लड़की के साथ बलात्कार किया गया और उसकी मौत हो गई. अब उसके दाह संस्कार को लेकर विवाद हो रहा है. पुरानी नांगल के श्मसान घाट में लगभग 200 ग्रामीण हंगामा कर रहे है.

सूचना मिलने पर फौरन पुलिस मौके पर पहुंची. लेकिन तब तक लड़की की लाश लगभग पूरी तरह जल चुकी थी. लिहाजा पोस्टमार्टम की गुंजाइश ही नहीं बची थी. पुलिस ने भीड़ को वहां से हटाया और शुरू में एक पुजारी के खिलाफ सबूत नष्ट करने, लापरवाही से मौत का मामला मानते हुए केस दर्ज कर लिया. तब तक पुलिस रेप और हत्या की बात मानने को तैयार नहीं थी. जानकारी में आया कि पुजारी ने ही पीड़ित परिवार को पुलिस बुलाने के लिए मना किया था.

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पुलिस के मुताबिक, श्मशान घाट के सामने गांव पुरानी नांगल में 9 साल की लड़की अपने माता पिता के साथ रहती थी. रविवार की शाम को वह अपनी मां को बता कर गई थी कि श्मशान घाट में लगे वाटर कूलर से ठंडा पानी लेने जा रही है. लेकिन इसके बाद वो नहीं लौटी. ऐसे में सवाल ये था कि क्या बच्ची को करंट लगा था या उसके साथ रेप हुआ था? क्यों पुजारी ने पुलिस बुलाने के लिए मना किया था? पुजारी को किस बात का डर था?

छानबीन में पता चला कि शाम के करीब 6 बजे श्मशान घाट के पुजारी पंडित राधेश्याम और नाबालिग लड़की की मां को कुछ लोगों ने श्मशान में बुलाया. जब वे दोनों वहां पहुंचे तो देखा कि उस बच्ची की लाश सामने पड़ी थी. उन लोगों ने पुजारी और बच्ची की मां से कहा कि लड़की वाटर कूलर से पानी पी रही थी. अचानक उसे करंट लग गया था, जिससे उसकी मौत हो गई है. मां ने देखा कि लड़की की बाईं कलाई और कोहनी के बीच जलने के निशान थे. उसके होंठ भी नीले पड़ चुके थे.

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बच्ची की मां बेहाल हो गई. वो पुलिस बुलाने की बात करने लगी. पुलिस के मुताबिक पुजारी और वहां मौजूद अन्य लोगों ने कहा कि अगर आप पीसीआर कॉल करेंगी तो पुलिस केस बनाएगी और पोस्टमॉर्टम में डॉक्टर लड़की के सभी अंगों को चुरा लेंगे. ऐसे में इसका अंतिम संस्कार करना बेहतर है. आरोप है कि इसके बाद पुजारी और उन लोगों ने जबरन लड़की का अंतिम संस्कार कर दिया. इसके बाद लडकी के मां-बाप ने शोर मचाया कि उनकी मर्जी के बिना उनकी लड़की का अंतिम संस्कार कर दिया गया है.

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इसके बाद वहां भीड़ जमा हो गई. हंगामा होने लगा. तभी पीसीआर कॉल की गई. पुलिस मौके पर पहुंची और हालात को संभाला. उसी दिन लडकी की मां ने पुलिस को अपना बयान दर्ज कराया था. हालांकि उन्होंने उस वक्त रेप की आशंका नहीं जताई थी. लेकिन जिस शख्स ने पीसीआर काल की थी, उसने बताया था कि रेप के बाद बच्ची की हत्या की गई थी. लेकिन पुलिस ने इस सिलसिले में रेप को छोड़कर अन्य तमाम धाराओं में केस दर्ज कर लिया था.

सोमवार, 2 अगस्त 2021

आजतक ने इस मामले को कवर किया और सोमवार की अपनी रिपोर्ट में कई सवाल खड़े किए. मसलन, पुलिस ने शुरू में ही लापरवाही क्यों की. रेप के अलावा दूसरी धाराओं में मामला क्यों दर्ज किया गया? जब लड़की का बयान और पोस्टमॉर्टम हुआ ही नहीं तो पुलिस ने किस आधार पर कहा कि रेप का मामला नहीं है? इस मामले में पुलिस का सूचना तंत्र फेल कैसे हुआ? क्या पुलिस को वाकई घटना के बारे में इतनी देर से पता चला कि तब तक लड़की का क्रियाकर्म हो चुका था?

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इसके अलावा भी इस मामले में कई ऐसे सवाल थे, जो पुलिस के सामने सिर उठाए खड़े थे. पीड़िता की मौत के लिए कौन जिम्मेदार है? जिन लोगों को आरोपी मानकर आरोप लगाए गए हैं. उनमें कितनी सच्चाई है? कहीं आरोपियों को बलि का बकरा तो नहीं बनाया जा रहा? सोमवार को हमने बताया था कि किस तरह से पुलिस ने इस केस में लापरवाही बरती. कैसे बिना बयान, बिना पोस्टमार्टम के पुलिस ने बच्ची के साथ रेप जैसी घटना से इनकार किया था. जब खबर आजतक ने चलाई तो दिल्ली पुलिस एक्शन में आ गई और जांच का दायरा बढ़ाया.

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मंगलवार, 3 अगस्त

आजतक की खबर का असर मंगलवार को उस वक्त देखने को मिला, जब दिल्ली पुलिस ने इस केस में बलात्कार, हत्या और एससी-एसटी एक्ट की धाराएं भी जोड़ दी. पुलिस ने ये मान लिया कि लड़की के साथ रेप हुआ था और फिर उसकी हत्या कर दी गई. लेकिन सवाल है कि पुलिस ने पहले ये कार्रवाई क्यों नहीं की? इसके पीछे क्या वजह थी? क्या उस वक्त पुलिस को मामले की गंभीरता का अंदाजा नहीं था? या फिर किसी दबाव में ये कार्रवाई की गई? अब किन सबूतों के आधार पर जांच आगे बढ़ेगी? पहले पुलिस ने कहा कि करंट लगने से मौत हुई, अब पुलिस कह रही है कि ये रेप के बाद हत्या का मामला है. 

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पुलिस की नीयत पर सवाल इसलिए भी उठ रहा है कि पुलिस एफआईआर में कुछ भी लिख सकती है. तो क्या लोगों का गुस्सा शांत कराने के लिए रेप और हत्या का मामला दर्ज किया गया है? क्योंकि पुलिस के पास ना तो मृतक लड़की का बयान है और ना पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट, ऐसे में पुलिस सच सामने कैसे लाएगी. क्योंकि जब दिल्ली पुलिस मौके पर पहुंची थी, तब तक लड़की की लाश जलकर खाक हो चुकी थी.

ऐसे में दिल्ली पुलिस अदालत में कैसे ये साबित करेगी कि लड़की के साथ बलात्कार हुआ था और इसके बाद उसकी हत्या कर दी गई. ये क्या असल में पुलिस के पास कोई सबूत है? अब उम्मीद की जानी चाहिए कि इस केस में दूध का दूध और पानी का पानी होगा. जो सच है वही चार्जशीट में दाखिल किया जाएगा. क्योंकि अब ये जानना ज़रूरी है कि उस बच्ची की मौत का जिम्मेदार कौन है?

डीसीपी बोले- लापरवाह पुलिसवालों पर होगा एक्शन

आपको बता दें कि इस मामले में दिल्ली पुलिस ने चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है. जिनमें पुजारी पंडित राधेश्याम, लक्ष्मी नारायण, कुलदीप और सलीम शामिल है. साउथ वेस्ट जिले के डीसीपी इंगित प्रताप सिंह ने आजतक को इस घटना के बारे में सारी जानकारी दी. इंगित प्रताप सिंह ने बताया कि पुलिस ने रेप, मर्डर पॉक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज किया है. उनके मुताबिक पहले लड़की की मां ने करंट लगने से मौत की बात कही थी. लेकिन 164 के बयान में रेप और मर्डर की बात कही है. इसलिए हमने ये धाराएं (रेप और मर्डर) लगाई हैं. अब चारों आरोपियों को रिमांड पर लेकर पूछताछ की जाएगी. जांच में लापरवाही करने वाले पुलिसवालों पर भी एक्शन लिया जाएगा. 

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