दिल्ली के छतरपुर इलाके के नशा मुक्ति केंद्र में एक लड़की पर 'दरिंदगी' का दबाव डालने का मामला सामने आया है. आरोपी पीड़िता को देह व्यापार में धकेलना चाहते थे. इसको लेकर उसे कई तरह की यातनाएं दी गई हैं. चौंकाने वाली बात ये है कि इस पूरे घटनाक्रम में तीन महिलाएं भी आरोपी हैं. इसके अलावा, एक पुरुष आरोपी है. पुलिस इन चारों की तलाश कर रही है. इस मामले को राष्ट्रीय महिला आयोग ने भी संज्ञान में लिया है. मंगलवार को एक टीम ने सेंटर पर पहुंचकर घटना की जानकारी ली है.
जानकारी के मुताबिक, छतरपुर इलाके में शांति रत्न फाउंडेशन डीएडिक्शन एंड रिहैबिलिटेशन सेंटर के नाम से नशा मुक्ति केंद्र चलता है. बीते 25 नवंबर को पीड़ित लड़की (22 साल) ने पुलिस से शिकायत की कि उसके साथ इस सेंटर में स्टाफ के कई सदस्यों ने मिलकर हैवानियत की है. पीड़ित लड़की यूपी की रहने वाली है. वह इस सेंटर में रहकर अपना इलाज करवा रही थी. आरोप है कि सेंटर में काम करने वाली तीन महिलाएं और एक पुरुष आरोपी ने उसे जबरन देह व्यापार में धकेलना चाहते थे. उसने जब मना किया तो हाथ-पैर बांधकर पिटाई की. घंटों नुकीले ईंट पर बिठाकर रखा. उसके बावजूद जब वह तैयार नहीं हुई तो उसके मुंह में जबरदस्ती टॉयलेट साफ करने वाला ब्रश और पोंछा ठूंस दिया.
महिला आयोग ने तत्काल लिया एक्शन
लड़की ने इन जुल्म की कहानी जैसे-तैसे अपने पिता को बताई. उसके बाद पीड़ित लड़की के पिता छतरपुर के इस सेंटर पर आए और अपनी बेटी को लेकर महरौली थाने पहुंचे. वहां पीड़ित लड़की की तरफ से शिकायत दी गई. दिल्ली पुलिस ने लड़की का मेडिकल करवाया और केस दर्ज किया. बाद में राष्ट्रीय महिला आयोग के संज्ञान में मामला आया तो तुरंत एक एसआईटी बनाकर जांच शुरू कर दी गई.
सेंटर के संचालन में पाई लापरवाही
13 दिसंबर को राष्ट्रीय महिला आयोग की टीम सबसे पहले महरौली थाने पहुंची. यहां के एसएचओ के साथ नशा मुक्ति केंद्र पर गई और घटना के संबंध में जानकारी जुटाई. शुरुआती जांच में महिला आयोग की तरफ से बताया गया कि इस सेंटर के संचालन में कई तरह की लापरवाही बरती जा रही हैं. दूसरी तरफ लड़की के आरोप के मुताबिक पुलिस ने अभी तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया है. इस पूरे मामले की जांच में अभी काफी कमी देखने को मिल रही है.
चारों आरोपी सेंटर से 'फरार'
पीड़ित लड़की ने जिन चार सदस्यों पर आरोप लगाए हैं उनसे अभी तक पुलिस ने पूछताछ भी नहीं की है. महिला आयोग की टीम जब उनसे पूछताछ करने के लिए सेंटर पर पहुंची तो पता लगा कि चारों आरोपी सेंटर पर मौजूद नहीं हैं. स्टाफ ने बताया कि फिलहाल वह दिल्ली से बाहर हैं. प्रबंधन ने आश्वासन दिया कि चारों आरोपियों को 13 दिसंबर की शाम तक बुला लिया जाएगा. महिला आयोग की टीम आरोपी उन सदस्यों से पूछताछ का इंतजार कर रही है जिसके बाद यह साफ हो पाएगा कि पीड़ित महिला के आरोप में कितनी सच्चाई है, उसके बाद ही महिला को इंसाफ भी मिल पाएगा.
घटना की जांच को लेकर उठ रहे सवाल
इस पूरे मामले में राष्ट्रीय महिला आयोग के हस्तक्षेप के बाद दिल्ली पुलिस भी गंभीरता से जांच में जुट गई है. केस के इन्वेस्टिगेशन ऑफिसर इस सेंटर में ही मौजूद थे. महिला आयोग की टीम का कहना है कि जांच में अगर आरोप साबित होते हैं तो एफआईआर में धाराएं भी जोड़ी जा सकती हैं. महिला आयोग की टीम का कहना है कि इस पूरे मामले में कई चीजें हैं जो शक के घेरे में हैं. अगर पीड़ित लड़की ने इतने गंभीर आरोप के बारे में पुलिस को बताया था तो फिर अब तक कार्रवाई क्यों नहीं की गई? इतने दिनों तक आरोपी गिरफ्त से कैसे बाहर हैं?
(रिपोर्ट- अमरदीप कुमार)