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दिल्ली को दहला देने वाले कंझावला कांड को आज 20 दिन पूरे हो चुके हैं. इन बीते बीस दिनों में यह मामला सुलझने के बजाय उलझता ही रहा है. काफी फजीहत होने के बाद बुधवार को दिल्ली पुलिस ने अंजलि की मौत के मामले में आईपीसी की धारा 302 जोड़ दी. अब तफ्तीश का दायरा भी कत्ल के लिहाज से बढ़ाया जाएगा. मगर इस मामले में जिस तरह से पुलिस ने एक गलती को छुपाने चक्कर में कई गलतियां की हैं, उसके बाद अभी भी कई सवाल हैं, जो जवाब की राह देख रहे हैं. ऐसा लगता है कि जब तक उन सवालों के जवाब नहीं मिलेंगे, ये मामला यूं ही उलझा रहेगा.
नए साल की रात हुई थी वारदात
सवाल तो तभी उठने लगे थे, जिस दिन ये मामला सामने आया था. यानी नए साल की रात से. 31 दिसंबर 2022 और 1 जनवरी 2023 की दरम्यानी रात राजधानी दिल्ली के कंझावला में ये वारदात सामने आई थी. ये वो रात थी, जिस रात दिल्ली पुलिस ने राजधानी के चप्पे-चप्पे पर सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त करने का दावा किया था. उसी रात आरोपियों की कार ने अंजलि की स्कूटी को टक्कर मारी थी. फिर अंजलि कार के नीचे जा फंसी और आरोपी उसे 12 किलोमीटर तक कार के नीचे घसीटते रहे. उन्होंने अंजलि को तब तक घसीटा, जब तक वो मर नहीं गई.
इस हाल में मिली थी अंजलि की लाश
अंजलि की लाश जिस हालात में मिली थी, उसे देखकर किसी भी इंसान का कलेजा बैठ सकता है. उसके जिस्म से खून का एक-एक कतरा सड़क पर बह चुका था. उसकी कमर से हड्डियां बाहर आ चुकी थीं. उसके पैर और घुटने पूरी तरह से घिस चुके थे. उसकी खोपड़ी दो हिस्सों में बंट चुकी थी. उसका भेजा कहीं सड़क पर निकलकर गिर चुका था. उसके जिस्म पर जख्मों के इतने निशान थे कि पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टरों को कई बार गिनती करनी पड़ी. उसका चेहरा पहचाना पाना बेहद मुश्किल था. साफ कहें तो कार के नीचे जिंदा अंजलि को घसीटा गया और इसके बाद उसकी लाश एक कंकाल जैसे हाल में मिली थी.
पुलिस की कहानी में कितने झोल
जब इस मामले को लेकर दिल्ली पुलिस पहली बार मीडिया के सामने आई तो पुलिस ने कहा कि हादसे की रात अंजलि अकेली स्कूटी पर सवार होकर अपने घर की तरफ जा रही थी. तभी एक मारुति बलेनो कार ने उसे सामने से टक्कर मारी. अंजलि स्कूटी समेत नीचे गिरी और कार के नीचे फंस गई. उस कार में पांच लोग सवार थे. जिनकी शिनाख्त पुलिस ने मनोज मित्तल, दीपक खन्ना, अमित खन्ना, कृष्ण और मिथुन के तौर पर की थी. पुलिस के मुताबिक, जब कार अंजलि को घसीट रही थी, तब इनमें से दीपक कार चला रहा था. इसी दौरान पोस्टमार्टम होने से पहले ही आउट ड्रिस्ट्रिक के डीसीपी ने बाकायदा कैमरे पर ऐलान कर दिया कि ना तो अंजलि का कत्ल हुआ है और ना उसके साथ रेप हुआ. पुलिस ने 1 जनवरी को दिन में आरोपियों की कार बरामद कर ली और आरोपियों को गिरफ्तार करने का दावा भी किया.
2 जनवरी 2023
डीसीपी के ऐलान के बाद दिल्ली के स्पेशल कमिश्नर ऑफ पुलिस सागरपीत सिंह हुड्डा ने करीब 26 घंटे बाद मीडिया से मुखातिब होकर कहा कि अंजलि की लाश का पोस्टमॉर्टम कराने के लिए डॉक्टरों की टीम के साथ बोर्ड बनाने की सिफारिश की गई है. ताकि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट पर कोई ऊंगली ना उठा सके. इसके बाद पुलिस पहले पोस्टमार्टम और फिर पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार करती रही.
पूरे देश की मीडिया में ये मामला छा गया तो उसी रात गृह मंत्रालय ने दिल्ली पुलिस कमिश्नर के नाम एक लेटर जारी किया. जिसमें हुक्म दिया गया कि मामले की पूरी जांच फौरन हो और इस जांच की जिम्मेदारी सीनियर आईपीएस अफसर शालिनी सिंह को दी जाए. फिर हुआ भी ऐसा ही.
3 जनवरी 2023
अंजलि का पोस्टमार्टम दो जनवरी की दोपहर के बाद शुरू हुआ था. जबकि पोस्टमार्टम की रिपोर्ट 3 जनवरी 2023 की सुबह पुलिस को मिली. इस रिपोर्ट में मौत की वजह गंभीर चोटें बताई गई थी. साथ ही ये भी बताया गया कि अंजलि के साथ रेप नहीं हुआ था. जैसा कि पहले ही दिन डीसीपी ने ऐलान किया था.
पुलिस ने फिर बदली केस की कहानी
घटना के पांच दिन बाद यानी 5 जनवरी को पुलिस ने इस केस की कहानी फिर बदल दी. पहले पुलिस ने दावा किया था कि अंजलि को घसीटने वाली कार में चालक समेत 5 आरोपी सवार थे. अब उस दिन पुलिस ने खुलासा किया कि कार में ड्राइवर समेत केवल 4 लोग ही सवार थे. घटना की रात कार दीपक नहीं बल्कि अमित चला रहा था. यहां तक कि पुलिस ने बताया कि दीपक हादसे के वक्त अपने घर पर मौजूद था.
यही नहीं, पुलिस ने नए ड्राइवर के नाम के साथ-साथ और दो नए आरोपियों का खुलासा किया. पुलिस ने बताया कि दो अन्य आरोपी अंकुश और आशुतोष हैं. अंकुश और आशुतोष ने पुलिस को गुमराह किया था और दीपक से कहा था कि वे पुलिस से कहें कि हादसे के वक्त वही कार चला रहा था. क्योंकि आरोपियों के पास ड्राइविंग लाइसेंस नहीं था, जबकि दीपक के पास लाइसेंस था.
फिर कहानी में निधि को लेकर आई पुलिस
पुलिस जब इस मामले से जुड़ी सीसीटीवी फुटेज जुटा रही थी. तभी एक फुटेज में पुलिस ने देखा कि अंजलि रात 1 बजकर 45 मिनट पर एक होटल से नए साल की पार्टी करके निकली थी. अंजलि के साथ एक और लड़की भी नजर आ रही थी. फिर वो दोनों स्कूटी पर भी साथ जाती हुई दिखाई देती हैं. पहले स्कूटी अंजलि की सहेली चला रही थी. बाद में अंजलि स्कूटी चलाती हुई दिख रही है. साथ ही ये भी पता चला है कि एक्सीडेंट के वक्त स्कूटी पर अंजिल और उसकी दोस्त दोनों ही सवार थे. लेकिन घटना के बाद वो लड़की अंजलि को वहीं मरता छोड़ अपने घर चली गई थी.
निधि ने बताई थी हादसे की कहानी
बाद में उस लड़की को आजतक की टीम ने खोज निकाला और उससे बातचीत की. उसने बताया कि नए साल की रात वो दोनों साथ थीं, एक होटल में उनका रूम बुक था. दोनों देर रात तक वहीं थीं. दोनों पार्टी की थी. उनके कमरे में उन दोनों के अलावा कोई नहीं था. फिर अचानक उनके बीच झगड़ा हो गया. गाली गलौच तक होने लगी. होटल स्टाफ ने ऐसा करने पर टोका तो दोनों होटल के बाहर आईं और फिर वहां से साथ निकल गईं. उसी के बाद हादसा हुआ.
सवाल पर सवाल
अब बात करते हैं, उन सवालों के जिनके जवाब अभी तक मिलना बाकी है. या यूं कह सकते हैं कि घटना के बीस दिन बीत जाने पर भी ऐसे दस सवाल हैं, जिनके जवाब मिलना ज़रूरी है. तो इस पूरे मामले में उठने वाले दस सवाल ये हो सकते हैं-
01. नए साल के जश्न की रात सुल्तानपुरी से कंझावला तक यानी 12 किमी के फासले में कोई पुलिसवाला या नाका क्यों नहीं था?
02. पुलिस ने इस मामले को पहले ही दुर्घटना कैसे करार दे दिया था? इसके पीछे कैसी जल्दबाजी थी?
03. क्या पुलिस को पहले ही पता चल गया था कि कार में सवार आरोपियों में एक भाजपा नेता भी था? क्या आरोपियों की संख्या को लेकर पुलिस गफलत में थी?
04. जब पुलिस को पहले ही पता चल गया था कि स्कूटी पर अंजलि के साथ दूसरी लड़की भी मौजूद थी, तो उस तक पहुंचने में देरी क्यों की गई?
05. इस केस में शुरू से ही निधि की भूमिका संदिग्ध है. पुलिस ने उससे पूछताछ भी की थी. लेकिन अचानक निधि सीन से बाहर क्यों हो गई?
06. पुलिस ने अभी तक ये क्यों नहीं बताया कि घटना की रात होटल में जिस पैसे को लेकर अंजलि से निधि का झगड़ा हुआ था, वो कौन सा पैसा था? और कहां से आया था?
07. उस रात सभी आरोपी नशे में थे. कार तेजी से चला रहे थे. कहीं उस रात खुद निधि ने जानबूझकर तो अंजलि को कार के नीचे नहीं धकेला था?
08. जब निधि का अतीत सामने आया और पुलिस को पता चल गया कि वह झुग्गी झोपड़ी में रहा करती थी. फिर ड्रग्स के धंधे से जुड़ी. आगरा में जेल भी गई थी. तो उसने जिस पैसे से 18 लाख का घर खरीदा था, वो पैसा उसके पास कहां से आया था? किसने दिया था?
09. अब इस मामले में हत्या की धारा लग जाने यानी आईपीसी की धारा 302 जुड़ जाने के बाद क्या सभी 7 आरोपी इसकी जद में आएंगे? या केवल कार में सवार 4 आरोपियों पर ही ये धारा लागू होगी?
10. क्या हादसे की रात निधि भी नशे में थी? पुलिस ने बात की पुख्ता जांच की है या नहीं?
निधि के दोस्त का बयान
इस मामले में जहां पुलिस पर सवाल उठे, वहीं निधि की कहानी में भी झोल नजर आया. अंजलि का एक और दोस्त सामने आया, जिसने खुलासा किया था कि अंजलि ने उस रात उसे फोन करके होटल में बुलाया था, पर वो नहीं गया. फिर उसने दूसरा लड़का भेजकर उसे बुलवाया था. होटल में दो रूम बुक थे. एक में कुछ लड़के थे, जबकि दूसरे रूम में केवल अंजलि और निधि थी. अचानक उनके बीच झगड़ा शुरू हो गया था. उनका झगड़ा पैसों को लेकर था. निधि अपने पैसे अंजलि से मांग रही थी. फिर निधि गुस्से में नीचे चली गई थी और उसने खूब बवाल काटा. अंजलि ने उसे शांत कराने की कोशिश की थी. इसके बाद वे दोनों रात के करीब 1:30 बजे वहां से निकल गईं थीं.
अंजलि के दोस्त ने उसकी मौत के बाद निधि की भूमिका पर सवाल उठाते हुए उसकी कॉल डिटेल की जांच की मांग की थी. यहां तक कि दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने दिल्ली पुलिस पर सवाल उठाते हुए पूछा था कि अब तक निधि का फोन जब्त क्यों नहीं किया गया?
अंजलि की मौत को 20 दिन हो चुके हैं. दिल्ली पुलिस की 18 टीम इस मामले की जांच में लगी हैं. अब इस मामले में आईपीसी की धारा 302 लग जाने के बाद पुलिस को नए सिरे से जांच करनी है. नए तरीके से सोचना है. लेकिन अभी तक ये सवाल बाकी है कि अंजलि की मौत का सच कब सामने आएगा.