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दिल्ली पुलिस (Delhi Police) ने ईरानी गैंग (Irani Gang) का पर्दाफाश (Busted) करते हुए 5 लोगों को गिरफ्तार (Arrest) किया है. ये लोग करोल बाग इलाके में सोना और हीरे के कारोबारियों से सीबीआई अफसर (Fake CBI Official) बन कर लूटपाट को अंजाम देते थे. पुलिस ने ईरानी मोहल्ले में रहने वाले मोहम्मद, मोहम्मद काबिल, अनवर, शौकत और मुख्तार को गिरफ्तार किया है. पुलिस ने आरोपियों के पास से सोने की जूलरी के साथ-साथ फर्जी सीबीआई आईडेंटिटी कार्ड भी बरामद किए हैं.
27 जून को दिल्ली में हुई थी वारदात
सेंट्रल दिल्ली के डीसीपी जसमीत सिंह ने बताया कि 27 जून को दिल्ली के करोल बाग इलाके में कुछ लोगों ने सोना व्यापारी से सीबीआई अफसर बनकर सोने के गहने छीन लिए थे. स्पेशल 26 फिल्म की तर्ज पर की गई लूटपाट का खुलासा करने के लिए डीसीपी जसमीत सिंह ने सब इंस्पेक्टर सोहनलाल, सब इंस्पेक्टर विक्रम सिंह और इंस्पेक्टर मनीष जोशी की टीम को लगाया था. इस टीम की अगुवाई एसीपी विदुषी कौशिक कर रहे थे.
सेंट्रल दिल्ली के डीसीपी जसमीत सिंह ने कहा इसमें सिर्फ कुछ अनजान लोगों के लूटपाट में शामिल होने की सूचना पुलिस के पास थी जिसके बाद पुलिस टीम ने करोलबाग इलाके के1 किलोमीटर तक के दर्जनों सीसीटीवी खंगाले. दिल्ली पुलिस की कोशिश रंग लाई और एक सीसीटीवी फुटेज में पांच संदिग्ध लोग नजर आए. चेहरे की बनावट के हिसाब से दिल्ली पुलिस टीम ने इन पांचों में से मोहम्मद उर्फ साबिर नाम के शख्स की पहचान कर ली जोकि भोपाल का रहने वाला है. पुलिस को यह भी जानकारी मिली कि आरोपी भोपाल से झांसी भागने की फिराक में है.
पुलिस ने ऐसे पकड़ा
दिल्ली पुलिस ने आईआरटीसी के जरिए इन पांचों का जानकारी निकाली और पांचों आरोपियों को झांसी के पास से ट्रेन के अंदर से गिरफ्तार किया गया. इन आरोपियों से सोने की खरीद-फरोख्त करने वाला मजनू मरी फिलहाल फरार है. सभी आरोपी व्यक्ति ईरानी मूल के हैं और लगभग कई दशक पहले उनके पूर्वज भारत आए थे. वर्तमान में सभी आरोपी ईरानी मोहल्ला, भोपाल रेलवे स्टेशन के पास रहते थे.
आरोपी शौकत अली और अनवर अली पहले फेरीवाले बनकर रेलवे स्टेशन पर पिक-पॉकेटिंग में शामिल थे. इसके बाद उन्होंने अपने करीबी रिश्तेदारों को मिलाकर अपना गैंग बना लिया. उन्होंने अपराध करने के लिए एक अनूठा तरीका अपनाया, पहले वे किसी भी राज्य में प्रसिद्ध आभूषण बाजार की पहचान करते हैं, ज्वैलर्स के सप्लायर/एजेंट/ग्राहकों के बारे में जानकारी प्राप्त करते हैं और फिर वे सीबीआई/पुलिस अधिकारी के रूप में खुद को लक्षित करते हैं.
फिट दिखने के लिए जाते थे जिम
आम तौर पर वे अवैध विदेशी मुद्रा/हथियार/नशीले पदार्थ आदि रखने के नाम पर पीड़ित से उनकी तलाशी के लिए कहते हैं. अपने गिरोह में वे पुलिस-कर्मियों की तरह दिखने के लिए केवल लंबे और गठीले शरीर वाले व्यक्तियों को रखते थे. सभी आरोपी व्यक्ति फिट दिखने के लिए जिम जाते थे और उच्च प्रोटीन आहार लेते थे.वे अपने लक्ष्य को ठगने के लिए विभिन्न राज्यों का दौरा करते हैं. सभी आरोपी 25 से अधिक मामलों में शामिल हैं और 10 से अधिक मामलों में घोषित अपराधी (पीओ) भी घोषित किए गए हैं.ये पश्चिम बंगाल, दिल्ली, यूपी आदि में दर्ज कई मामलों में भी वांछित हैं.