राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में ट्रैक्टर परेड के दौरान हिंसा भड़क उठी थी. दिल्ली के आउटर नॉर्थ जिले के समयपुर बादली थाने में भी एक और एफआईआर दर्ज की गई है. इस एफआईआर में तमाम किसान संगठनों और उनके नेताओं के नाम का जिक्र है, जिन्होंने एनओसी के लिए दिल्ली पुलिस के साथ करार किया था. हालांकि, इन नेताओं के खिलाफ एफआईआर दर्ज नहीं की गई है. लेकिन एफआईआर में इन नेताओं के नाम आने का मतलब है कि इन पर भी शिकंजा कसेगा.
एफआईआर में इस बात का जिक्र है कि हिंसा के दौरान उपद्रवियों ने एक सब इंस्पेक्टर के साथ मारपीट की और उसकी सरकारी पिस्टल और 10 राउंड कारतूस भी छीन लिया था. सूत्रों के मुताबिक कई पुलिसकर्मियों से उनका हथियार छीनने की कोशिश हुई जिसमें टियर गैस चलाने वाली बंदूक भी शामिल है. शिकायत के आधार पर एफआईआर दर्ज होगी. धारा 307 भी लगाई गई है.
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समयपुर बादली थाने में दर्ज एफआईआर में दर्शनपाल, कुलवंत सिंह संधू, बूटा सिंह बुर्जहिल, निर्भय सिंह, रुलदू सिंह, इंद्रजीत सिंह, हरजिंदर सिंह टांडा, गुरबख्श सिंह, सतनाम सिंह पन्नू, जोगिंदर सिंह, सुरजीत सिंह फूल, जगजीत सिंह दल्लेवाल का नाम है. हरमीत सिंह कादयान, बलवीर सिंह राजेवाल, सतनाम सिंह साहनी, भोग सिंह मनका, बलविंदर सिंह ओलख, सतनाम सिंह बेहरु, बूटा सिंह शादीपुर, बलदेव सिंह सिरसा, जगबीर सिंह तादा, मुकेश चंद्रा, सुखपाल सिंह दफ्फर, हरपाल संगा, कृपाल सिंह नाथू बाला, हरजिंदर सिंह लखोवाल, प्रेम सिंह भंगू, गुरनाम सिंह चढूनी, योगेंद्र यादव, राकेश टिकैत के साथ ही कुछ महिला नेताओं के भी नाम हैं.
मुकरबा चौक पर हुई हिंसा को लेकर दर्ज इस एफआईआर में लूट, हत्या की कोशिश, साजिश, दंगा फैलाने, सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने, पुलिस पर हमला करने के आरोप लगाए गए हैं. आरोप है कि किसानों के साथ ट्रैक्टर परेड के लिए रूट निर्धारित किया गया था. निर्धारित रूट और ट्रैक्टर परेड के लिए दी गई एनओसी का उल्लंघन किया गया. गौरतलब है कि किसानों की ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई हिंसा के मामले में दिल्ली पुलिस पहले ही 22 एफआईआर दर्ज कर चुकी है. दिल्ली पुलिस इस हिंसा के पीछे साजिश के एंगल की भी जांच करेगी.