उत्तर प्रदेश पुलिस पिछले दो महीने में जो नहीं कर पाई उसे दिल्ली पुलिस (Delhi Police) ने दो दिन में कर दिखाया. दिल्ली पुलिस ने गोरखपुर से जुलाई में लापता हुई नाबालिग लड़की के मामले में स्टेटस रिपोर्ट दाखिल की है.
सुप्रीम कोर्ट (supreme court) ने कहा कि दिल्ली पुलिस को जांच हस्तांतरित किए जाने के बाद लापता लड़की को तत्काल प्रभाव से पता लगाने में सक्षम रही है. नाबालिग लड़की को किसी भी बुरी स्थिति में आने से बचाने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाने चाहिए.
सुप्रीम कोर्ट में मामले की सुनवाई अब अगले मंगलवार को होगी. ASG रुपिंदर सिंह सूरी ने बताया कि दिल्ली पुलिस ने स्टेटस रिपोर्ट दाखिल कर दिया है. लड़की को बरामद कर लिया गया है. फिलहाल लड़की ने शादी कर ली है.
इसे भी क्लिक करें --- गोरखपुर से लापता हुई नाबालिग का पता नहीं लगा पाई UP पुलिस, SC ने दिल्ली पुलिस को सौंपा केस
उन्होंने बताया कि गोरखपुर पुलिस ने लड़की को हिरासत में ले लिया है क्योंकि वह लड़की को मजिस्ट्रेट के सामने पेश करना चाहते हैं. सूरी ने कोर्ट को यह भी बताया कि लड़की ने मां के साथ जाने से मना कर दिया है, लेकिन इस मामले में दिल्ली पुलिस को ही जांच जारी रखनी चाहिए क्योंकि वह लड़की मात्र 13 वर्ष की है.
वकील अमित पाई ने कहा कि लड़की की उम्र चाहे जो भी हो, वह निस्संदेह छोटी है. दुर्भाग्य से, उसका गर्भावस्था परीक्षण भी सकारात्मक आया है.
SC ने यूपी पुलिस को लगाई फटकार
इससे पहले गोरखपुर की रहने वाली एक महिला ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी. महिला के मुताबिक, दो महीने पहले उसकी बेटी गोरखपुर से गायब हो गई थी, इस मामले में एफआईआर दर्ज कराई थी. उसका कहना है कि गोरखपुर पुलिस ने एफआईआर दर्ज की लेकिन कोई एक्शन नहीं लिया.
महिला की ओर से इस पर भी चिंता व्यक्त की गई कि उसकी बेटी को कहीं देह व्यापार में नहीं धकेल दिया गया हो. महिला की शिकायत पर सुप्रीम कोर्ट ने यूपी पुलिस से जवाब तलब किया, लेकिन पुलिस कोई ठोस जवाब नहीं दे पाई.
सुप्रीम कोर्ट ने पिछले हफ्ते इस मसले पर यूपी पुलिस की लापरवाही को लेकर फटकार लगाई और पूरा केस तत्काल प्रभाव से दिल्ली पुलिस को ट्रांसफर कर दिया. कोर्ट ने दिल्ली पुलिस कमिश्नर को खुद इस मामले को देखने का निर्देश भी दिया.