दिल्ली पुलिस के मालखाने में करीब 8 लाख लीटर शराब और थाना परिसरों में 53 हजार वाहन बेकार पड़े हुए हैं. ये सभी जब्त किए गए हैं. पुलिस ने सुप्रीम कोर्ट से गुहार लगाई है कि उसके पास अब जगह नहीं बची है, इसलिए इनके लिए कोई व्यवस्था की जाए.
गौरतलब है कि दिल्ली पुलिस जो अवैध या तस्करी वाले शराब जब्त करती है, उसे थानों के मालखाने में रखा जाता है. दूसरी तरफ, जब्त मोटरसाइकिलों और कारों आदि को थाना परिसरों में रखा जाता है. ऐसे हजारों वाहन थाना परिसरों में पड़े हुए सड़ रहे हैं.
टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक जस्टिस मदन बी लोकुर और दीपक गुप्ता की पीठ में दिए हलफनामे में दिल्ली पुलिस ने कहा है, 'थानों के मालखाने में अवैध शराब रखने के लिए काफी जगह कवर हो गया है. 31 अगस्त, 2018 तक दिल्ली पुलिस के थानों में 8,02,370 लीटर जब्त शराब पड़ी हुई है.'
पीठ ने दिल्ली पुलिस से पूछा कि इस तरह से रखे गए जब्त माल को नष्ट करने की कोई नीति क्यों नहीं बनाई गई. पुलिस ने बताया कि कुल 53,043 वाहन थानों के परिसरों में पड़े हुए हैं. इनमें से 40,223 जब्त वाहन हैं और कुछ वाहन इस वजह से थानों में पड़े हुए हैं कि उन पर मालिकों को बीमा की राशि मिल चुकी है और बीमा कंपनी उसे ले नहीं जाना चाहती, क्योंकि वह वाहनों की ढुलाई, उसे कहीं रखने या उसके डिस्पोजल के खर्चे से बचना चाहती है.
दिल्ली पुलिस ने कोर्ट को बताया कि उसने कई जिलों में 'केंद्रीकृत मालखाना' की अवधारणा शुरू की है. पुलिस ने कहा कि इसका दीर्घकालिक समाधान यही हो सकता है कि वाहनों के डिस्पोजल की पुख्ता व्यवस्था की जाए.