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इस्लामिक स्टेट खुरासान (ISKP) ने अपनी मुखपत्रिका वॉइस ऑफ हिंद के ताजा संस्करण में ये दावा किया था कि अमेरिका के मरीन कमांडो पर हमला करने वाला आतंकी पांच साल भारत में गिरफ्तार किया गया था. आईएसकेपी के दावे के आधार पर आजतक ने पड़ताल की तो ये दावा सच के आसपास नजर आ रहा है. भारतीय खुफिया एजेंसी रॉ (RAW) और दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के फरीदाबाद से आईएसकेपी के एक फिदायीन को पकड़ा था.
भारतीय एजेंसी ने अमेरिका की खुफिया एजेंसी सीआईए (CIA) के साथ मिलकर अफगानिस्तान में ऑपरेशन भी चलाया था और 600 से ज्यादा आतंकियों को मार गिराया था. दरअसल, भारतीय खुफिया एजेंसी RAW ने दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल के साथ मिलकर यह सीक्रेट ऑपरेशन साल 2016 में चलाया था. इस ऑपरेशन में अफगनिस्तान मूल के एक शख्स को फरीदाबाद से पकड़ा था. अफगानिस्तान का रहने वाला वो शख्स ISKP का ट्रेंड फिदायीन हमलवार था जो भारत में मेट्रो सिटी की रेकी करके हमला करने वाला था.
जानकारी के मुताबिक प्लान के तहत अफगान मूल के उस फिदायीन ने फरीदाबाद की एक नामी यूनिवर्सिटी में एडमिशन भी लिया हुआ था लेकिन यूनिवर्सिटी में पढ़ाई के नाम पर वो दिल्ली और आसपास के इलाके में रेकी करता था. जैसे ही भारतीय खुफिया एजेंसी RAW को इनपुट मिला तो स्पेशल सेल के अफसरों की मदद से उस अफगान मूल के फिदायीन को यूनिवर्सिटी से पकड़ा. पूछताछ में उससे अफगनिस्तान में चल रहे कई आतंकी ट्रेनिंग कैम्प का पता भी चला. इसके बाद भारतीय खुफिया एजेंसी R&AW ने अमेरिका की खुफिया एजेंसी सीआईए से संपर्क कर अफगान मूल के फिदायीन को अफगनिस्तान डिपोर्ट किया गया.
अफगनिस्तान पहुंचते ही लड़के को सीआईए और अफगानिस्तान की सुरक्षा एजेंसियों ने हिरासत में लेकर पूछताछ की. इसमें अफगनिस्तान में चल रहे आईएसकेपी के आतंकी ट्रेनिंग कैम्प की जानकारी मिली. इसके बाद अमेरिका ने ड्रोन अटैक के जरिए अफगानिस्तान में चल रहे आतंकी ट्रेनिंग कैम्प पर हमले किए. इन हमलों में 600 से ज्यादा आतंकी मार गिराए गए थे. इस ऑपरेशन को सीक्रेट रखा गया था.