दिल्ली पुलिस को 17 साल पहले हुए एक हत्याकांड में बड़ी सफलता मिली है. पुलिस ने इस हत्या के आरोपी को लंबे समय के बाद रोहिणी से गिरफ्तार कर लिया है. 57 वर्षीय इस आरोपी की पहचान वीरेंद्र सिंह के रूप में हुई है, जो कि बिहार के वैशाली जिले का रहने वाला है. आरोपी ने साल 2007 में कालकाजी थाना क्षेत्र में स्थित एक अपार्टमेंट में 22 वर्षीय महिला की हत्या कर दी थी. वो सेक्स वर्कर का काम करती थी.
पुलिस के मुताबिक, हत्यारोपी वीरेंद्र सिंह साल 1991 में बिहार से दिल्ली आया था. यहां चितरंजन पार्क इलाके में रहने लगा. वो टैक्सी ड्राइवर के तौर पर काम करता था. कुछ समय बाद वो ऐसे लोगों के संपर्क में आया, जो देह व्यापार में शामिल थे. उसे भी कम समय में ज्यादा पैसे कमाने की चाहत थी. इसलिए वो भी जिस्मफरोशी के इस धंधे में शामिल हो गया. वेस्ट बंगाल से लड़कियां खरीदकर दिल्ली में सप्लाई करने लगा.
बीमारी में धंधे से इनकार पर लड़की की हत्या कर दी
साल 2001 में वीरेंद्र सिंह ने एक लड़की को 10 हजार में खरीदा था. उसे दिल्ली लाकर उससे देह व्यापार कराने लगा. छह साल तक वो लड़की उसके इशारे पर काम करती रही, लेकिन 4 जून 2007 को बीमारी की वजह से उसने काम पर जाने से इनकार कर दिया. लड़की के इनकार की वजह से आरोपी आगबबूला हो गया. उसने गुस्से में आकर उसकी हत्या कर दी. इसके बाद उसके शव को एक बॉक्स में बंद करके किराए के घर में छिपा दिया.
कमरे से बदबू आई तो मकान मालिक ने पुलिस बुलाया
इसके बाद वेस्ट बंगाल भाग गया. वो सिलीगुड़ी में एक महिला के घर में रहने लगा. इधर, दिल्ली में कई दिनों तक घर बंद रहने की वजह से मकान मालिक ने उसके दरवाजा खटखटाया, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला. इसी बीच मकान मालिक घर में बदबू भी आने लगे. उसे तुरंत पुलिस को सूचित किया. मौके पर पहुंची पुलिस घर का दरवाजा तोड़कर शव को बरामद कर लिया. इस मामले में पुलिस ने एफआईआर दर्ज करके जांच शुरू कर दी.
पासपोर्ट साइज फोटो के सहारे शुरू हुई आरोपी की तलाश
आरोपी के एक सहयोगी और इस मामले में सह-आरोपी शंकर घोष को स्थानीय पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया. लेकिन पुलिस के लिए सबसे ज्यादा जरूरी वीरेंद्र सिंह को पकड़ना था, क्योंकि उसकी गिरफ्तारी के बाद ही ये सनसनीखेज मर्डर केस सॉल्व हो पाता. पुलिस को उसके मकान मालिक से उसका फोटो मिल गया, जो कि वेरीफिकेशन फॉर्म भरवाते समय उन्होंने उससे लिया था. बस इस एक तस्वीर के सहारे आरोपी की तलाश शुरू हो गई.
एएसआई रमेश कुमार को दी गई इस केस की जिम्मेदारी
इसकी जिम्मेदारी कालाजी पुलिस स्टेशन में तैनात एक एएसआई रमेश कुमार को दी गई. वो उस इलाके के बीट अफसर भी थे, जहां सेक्स वर्कर की हत्या हुई थी. एएसआई ने ठान लिया था कि वो किसी भी सूरत में आरोपी को जरूर धर दबोचेंगे. इसी बीच उनका ट्रांसफर हो गया. इसके बावजूद वो इस केस पर काम करते रहे. उन्होंने फिर से उन लोगों के माध्यम से आरोपी के बारे में जानकारी इकट्ठा करना शुरू कर दिया.
सिलीगुड़ी, अंबाला से होते हुए ऐसे पानीपत पहुंचा आरोपी
इधर, साल 2009 में वीरेंद्र सिंह सिलीगुड़ी से अंबाला आ गया. वहां अपने एक दोस्त लभू के साथ मिलकर देह व्यापार में शामिल हो गया. स्थानीय पुलिस ने जब उस पर शिकंजा कसना शुरू किया तो वो साल 2013 में अंबाला से भाकर पानीपत चला गया. वहां भी जिस्मफरोशी के धंधे में लड़कियों को झोंकता रहा. इसके बाद साल 2019 में दिल्ली वापस आ गया और विजय विहार में रहने लगा. यहां भी उसका गंदा धंधा जारी रहा.
क्राइम ब्रांच में जाने के बाद एएसआई ने तेज कर दी जांच
इसी बीच एएसआई रमेश कुमार का ट्रांसफर क्राइम ब्रांच में हो गया. अब वो स्वतंत्रता पूर्वक इस केस की जांच कर सकते थे. उनको मुखबिरों से पता चला कि आोरपी वीरेंद्र सिंह हरियाणा के पानीपत में छिपा हुआ है, लेकिन वहां देह व्यापार का काम जारी रखे हुए है. एएसआई ने एक टीम लेकर पानीपत में उसके संभावित ठिकाने पर छापा मारा, लेकिन उसका पता नहीं चल पाया, क्योंकि वो अपना किराए का मकान बार-बार बदल रहा था.
मोबाइल सर्विलांस के जरिए पकड़ा गया शातिर हत्यारोपी
क्राइम ब्रांच के डीसीपी अमित गोयल ने बताया कि एएसआई रमेश किसी तरह से आरोपी वीरेंद्र सिंह का मोबाइल नंबर ढूंढने में सफल रहे. इसके साथ ही किरायेदारों के डेटाबेस से उसकी पहचान हो गई. पुलिस को सर्विलांस के जरिए पता चला कि आरोपी रोहिणी के विजय विहार इलाके में रह रहा है. इसके बाद पुलिस की कई टीमें बनाई गईं. विजय विहार में आरोपी को चारों तरफ से घर कर गिरफ्तार कर लिया गया. उससे पूछताछ की जा रही है.
एक पुलिसवाले की जिद ने ऐसे सुलझाई मर्डर मिस्ट्री
इस तरह एक पुलिसवाले की जिद ने एक मुश्किल केस को 17 साल बाद सॉल्व कर दिया. यदि एएसआई रमेश बाकी पुलिसकर्मियों की तरह इस केस को ठंडे बस्ते में डाल देते तो आरोपी कभी नहीं पकड़ा जाता. इसके साथ ही वो जिस्मफरोशी के धंधे में मासूम और बेकसूर लड़कियों को ढकेलता रहता. पुलिस आरोपी से पूछताछ के दौरान ये भी जानने की कोशिश कर रही है कि वो इस तरह के वारदात में कब-कब शामिल रहा है. उसके साथ कौन-कौन लोग जुड़े हैं.