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Shraddha murder case: पूरे देश को दहला देने वाले श्रद्धा मर्डर केस में वही हुआ जिसका अंदेशा था. वही हुआ जिसके बारे में कई महीने पहले हमने अपनी खबरों के जरिए आपको आगाह किया था. जी हां, गिरफ्तारी के करीब 6 महीने बाद पहली बार अदालत के सामने आफताब अमीन पूनावाला अपने गुनाह से मुकर गया. वो इस बात से मुकर गया कि उसी ने श्रद्धा का कत्ल किया था. वो मुकर गया कि कत्ल के बाद उसने श्रद्धा की लाश के टुकड़े किए थे.
अपने बयान से मुकर गया आफताब
वो मुकर गया इस बात से कि बाद में उसने उन टुकडों को दिल्ली के अलग-अलग इलाकों में फेंका था. वो मुकर गया अपनी उन्हीं बातों से जो उसने पहले दिल्ली पुलिस, फिर लाई डिटेक्टर टेस्ट और फिर अदालत के सामने कही थी. तब हर बार हर जगह हर मौके पर उसने इकरार किया था कि हां, वही श्रद्धा का कातिल है. लेकिन मंगलवार को साकेत कोर्ट में जज के सामने पहली बार उसने श्रद्धा को मारने की बात से इनकार कर दिया.
आईपीसी की धारा 302 और 201 का केस
दरअसल, मंगलवार को साकेत की कोर्ट में श्रद्धा मर्डर केस के सिलसिले में आफताब पूनावाला के खिलाफ आरोप तय होने थे. ये आरोप उस चार्जशीट के आधार पर तय होने थे, जो दिल्ली पुलिस ने 24 जनवरी को अदालत के सामने रखी थी. अदालत ने दिल्ली पुलिस की चार्जशीट को सबूतों की रौशनी में दुरुस्त करार देते हुए आफताब के खिलाफ दो धाराओं में मुकदमा चलाने की इजाजत दे दी. ये दो धाराएं हैं दफा 302 यानी कत्ल और दफा 201 यानी सबूत मिटाना.
इल्जाम से किया इनकार
इस मौके पर खुद आफताब अदालत के अंदर मौजूद था. जज साहब ने जब उसे उसी के सामने उसके आरोपों की कहानी सुनाई और इन दो धाराओं में ट्रायल शुरू करने की जानकारी देते हुए आफताब से पूछा कि क्या उसे कुछ कहना है? तब आफताब ने पहली बार भरी अदालत में कहा कि वो इन इल्जामों से इनकार करता है. आफताब ने कहा कि हम इन आरोपों खारिज करते हुए ट्रायल का सामना करेंगे. ये पहला मौका था जब आफताब श्रद्धा के कत्ल की बात से मुकरा था.
किस अदालत में चलेगा ट्रायल
अब चूंकि आरोप तय हो चुके हैं, लिहाजा जल्द ही ट्रायल भी शुरू हो जाएगा. अब देखना ये होगा कि इस मुकदमे का ट्रायल रोजाना होगा, एक टाइम फेम के अंदर ट्रायल पूरा होगा या फिर जल्दी फैसले के लिए ट्रायल फास्ट टरैक कोर्ट में भेजा जाएगा? हालांकि उम्मीद यही की जा रही है कि इस मुकमदे का फैसला जल्दी होगा.
आफताब ने बयां की थी पूरी वारदात
तो अदालत में आफताब पूनावाला बेशक मुकर गया. लेकिन पहले श्रद्धा के कत्ल, कत्ल के बाद लाश के टुकडे करने, उन्हें ठिकाने लगाने और कत्ल की वजह को लेकर दिल्ली पुलिस के सामने उसने सबकुछ सिलसिलेवार तरीके से इकरार किया था. तब आफताब के अपने बयान में श्रद्धा की मौत से लेकर मौत के बाद के छह महीने तक की पूरी कहानी बयां की थी.
पुलिस के पास है सबूतों का पिटारा
हालांकि आफताब को भी पता था कि पुलिस हिरासत में दिए गए उसके इस बयान की अदालत में कोई अहमियत नहीं है. शायद इसीलिए जब तक वो पुलिस की हिरासत में रहा, तोते की तरह बोलता रहा. झूठ नहीं, बल्कि सच. सच इसलिए क्योंकि उसी की निशानदेही पर श्रद्धा की लाश के तमाम टुकड़े अलग-अलग जगहों से पुलिस ने बरामद किए थे. लेकिन अब जैसे ही मुकदमे की शुरुआत होने जा रही है, आफताब ने अपना रंग बदल लिया. पर कानून के जानकारों की मानें तो आफताब के मुकर जाने से भी इस केस पर कोई ज्यादा फर्क पड़नेवाला नहीं है. क्योंकि उसे उसके अंजाम तक पहुंचाने के लिए पुलिस ने सबूतों का पूरा पिटारा जमा कर रखा है. इसलिए माना जा रहा है कि इस मामले में आफताब का बचना अब मुश्किल है.