
Mahesh Kumar Murder Case: दिल्ली में एक सरकारी मुलाजिम का कत्ल पुलिस के लिए किसी चुनौती से कम नहीं था. लेकिन पुलिस ने इस मामले का खुलासा भी कर दिया और कातिल को भी सलाखों के पीछे पहुंचा दिया. लेकिन इस कत्ल और फिर कत्ल के खुलासे की जो कहानी है, वो बेहद हैरान करने वाली है. ऐसा लगता है कि जैसे किसी फिल्म की स्क्रिप्ट हो. मगर ये कोई फिल्म नहीं बल्कि हकीकत है. ये कहानी है सर्व ऑफ इंडिया के सीनियर सर्वेयर महेश कुमार की.
28 अगस्त 2023
दिल्ली पुलिस को एक महिला ने इत्तिला देकर बताया कि उसके पति महेश कुमार लापता हैं. वो कहीं मिल नहीं रहे हैं. ना दफ्तर में मौजूद हैं और ना ही घर पहुंचे हैं. वो अपनी कार भी अपने एक दोस्त के पास छोड़कर गए हैं. जानकारी मिलते ही पुलिस हरकत में आ गई. पुलिस ने मामले की छानबीन शुरू कर दी. इसी दौरान पुलिस को पता चला कि महेश की अपने सहकर्मी अनीस के साथ अच्छी दोस्ती है. ये वही अनीस है, जिसके पास महेश अपनी कार छोड़कर कहीं चला गया था.
अनीस से पूछताछ करने का फैसला
इसी बीच पुलिस ने महेश की पत्नी से उसके दोनों मोबाइल नंबर लिए और उन्हें सर्विलांस पर लगा दिया. पुलिस ने जब महेश के मोबाइल ट्रेस किए तो उसकी आखरी लोकेशन दिल्ली से सटे हरियाणा के फरिदाबाद में मिली. लेकिन महेश का कुछ अता पता नहीं था. अब पुलिस ने सबसे पहले महेश के दोस्त अनीस से पूछताछ करने का फैसला किया.
अनीस की बातों पर पुलिस को था यकीन
पुलिस ने अनीस को तलब किया और पूछताछ की. जब अनीस से पूछा कि महेश कहां गया था, तो उसने कहा कि उसे इस बारे में कोई जानकारी नहीं है. पुलिस ने दोनों के रिश्तों को लेकर सवाल किए. ये भी पूछा कि जब वो तुम्हारा इतना अच्छा दोस्त है तो उसने तुम्हें क्यों नहीं बताया कि वो कहां जा रहा है? ये भी पूछा कि वो अपनी कार यहां क्यों छोड़ गया? उसकी लोकेशन फरीदाबाद कैसे आ रही है? अनीस ने सभी बातों के जवाब पुलिस को कुछ इस तरह से दिए कि पुलिस को उसकी बातों पर यकीन होने लगा था.
महेश के कत्ल का खुलासा
तफ्तीश के दौरन पुलिस महेश के बैंक खातों की जांच भी कर रही थी. तभी पुलिस को पता चला कि मृतक महेश ने अनीस को 9 लाख रुपए दे रखे थे. इस बात से पुलिस का माथा ठनका. अब पुलिस की सूई एक बार फिर से अनीस की तरफ घूम गई. इस बार जब पुलिस ने उससे सख्ती से पूछताछ की तो सारा सच खुलकर सामने आ गया. जिसे सुनकर पुलिस भी हैरान रह गई. अनीस ने अपना जुर्म कुबूल कर लिया. पुलिस ने अनीस को अरेस्ट किया और उसकी निशानदेही पर महेश की लाश उसके दोस्त के खाली पड़े फ्लैट 623 से बरामद कर ली.
महेश ने अनीस को दिए थे 9 लाख
अनीस पूछताछ के दौरान पुलिस को कत्ल की साजिश और वजह दोनों के बारे में तफ्सील से बताया. पुलिस को छानबीन में पता चला कि महेश, अनीस और अनीस की प्रेमिका तीनों एक ही दफ्तर में काम करते थे. और इस कहानी का आगाज़ भी यहीं से होता है. महेश और अनीस दोनों अच्छे दोस्त थे. यही वजह थी कि जब एक बार अनीस को 9 लाख रुपये की जरूरत पड़ी तो महेश ने बिना सोचे समझे उसे पैसे दे दिए. समय कटता रहा. इसी बीच अनीस की ऑफिस में ही एक लड़की से दोस्ती हो गई और वो अनीस की गर्लफ्रेंड बन गई.
..इसलिए महेश को मारना चाहता था अनीस
लेकिन समस्या ये थी कि महेश भी अनीस की प्रेमिका पर गंदी नजर रखता था. वो उससे नजदीकियां बढ़ाना चाहता था. उसके करीब आना चाहता था. जब यह बात अनीस को पता चली तो उसने इस बात का विरोध किया. उसने महेश को समझाने की कोशिश भी की. लेकिन महेश नहीं माना. इसी बात को लेकर महेश और अनीस में बहस हो गई. इस दौरान महेश ने अनीस को बहुत कुछ उल्टा-सीधा बोला. वो उससे अपने पैसे भी वापस मांगने लगा. जिसकी वजह से अनीस के मन में महेश के लिए नफरत पैदा हो गई थी. अनीस इतना आहत था कि उसने महेश को खत्म करने का प्लान बना डाला.
खूनी साजिश को पूरा करने के लिए 5 दिन की छुट्टी
अनीस आरके पुरम के सेक्टर 2 में फ्लैट संख्या 1121 में रहता था. अनीस ने महेश की हत्या करने के लिए 5 दिन की छुट्टी ली और 27 अगस्त को अपने गांव सोनीपत चला गया. फिर वो वापस लौटा और अपनी साजिश को पूरा करने के लिए पहले मार्केट से 6 फीट की पॉलिथीन और एक फावड़ा खरीदा. इसके बाद 28 अगस्त की सुबह अनीस ने महेश को व्हॉट्सएप कॉल किया और कहा कि वो उसके पैसे लौटना चाहता है, इसलिए वो सीधे उसके फ्लैट पर आ जाए और अनीस ने अपना मोबाइल फोन सोनीपत में छोड़ा और सीधे दिल्ली अपने फ्लैट पर आ गया. महेश दोपहर करीब 12 बजे अपनी कार से आरके पुरम सेक्टर-2 में मौजूद अनीस के घर पर पहुंचा. महेश को इस बात का ज़रा भी अंदाजा नहीं था कि अनीस अपने मन में उसके लिए नफरत पाले बैठा है.
लोहे की रॉड से किया था महेश का कत्ल
अनीस के फ्लैट में उन दोनों के बीच फिर से बहस होने लगी. इसी बीच गुस्से में आकर अनीस ने महेश के सिर पर लोहे की रॉड से वार किया, जिससे मौके पर ही महेश की मौत हो गई. इसके बाद अनीस ने एसी ऑन कर दिया और अपना फ्लैट बंद करके वहां से निकल गया. वो महेश के फोन अपने साथ लेकर बाइक से फरीदाबाद की तरफ निकल पड़ा. प्लान के मुताबिक, हत्याकांड को अंजाम देने के बाद अनीस फरीदाबाद में था. जहां उसने महेश का फोन ऑन किया और फिर स्विचऑफ कर दिया. अनीस को इस बात का अंदाजा था कि अगर पुलिस कभी महेश को तलाश करेगी तो उसकी लोकेशन फरीदाबाद की मिलेगी. और पुलिस उसे वहीं आस-पास तलाश करती रहेगी. इसलिए उस रोज यानी 28 अगस्त को वहां कई जगहों पर यूं ही घूमता रहा.
29 अगस्त को अपने फ्लैट पर पहुंचा था अनीस
वहां घूमने के बाद वो आखिरकार बाइक से सोनीपत चला गया. इधर, जब महेश की तलाश शुरू हुई तो घरवालों ने अनीस को कॉल किया. जिस पर अनीस ने महेश के घरवालों से कहा कि उसे पता नहीं महेश कहां है? लेकिन अनीस सोच रहा था कि उसके घर पर पुलिस न पहुंच जाए, साथ-साथ वो महेश के घरवालों को बरगला भी रहा था कि वो अपने फ्लैट पर नहीं है. 29 अगस्त को वो वापस अपने घर आरके पुरम सेक्टर दो में मौजूद मकान नंबर 1121 पहुंचा.
अनीस ने बनवाई थी डुप्लीकेट चाबी
अपने फ्लैट पर आने के बाद उसने महेश की लाश को अपनी कार की डिग्गी में डाला और फिर सीधा CPWD ऑफिस पहुंचा और अपने सहकर्मी से उसके फ्लैट की चाबी मांगी. दरअसल सहकर्मी दोस्त का फ्लैट खाली रहता था. अनीस उस फ्लैट की चाबी लेने के बाद सीधा आरके सेक्टर 6 पहुंचा. वहां उसने एक डुप्लीकेट चाबी बनवाई और फिर दोबारा वो सीपीडब्लूडी के ऑफिस पहुंचा और चाबी अपने सहकर्मी दोस्त को वापस दे दी.
फ्लैट के पीछे दफ्न की थी लाश
अब अनीस के पास अपने दोस्त के फ्लैट की डुप्लीकेट चाबी थी. वो कार में पड़ी लाश को लेकर सहकर्मी के फ्लैट पर पहुंचा. वहां उसने फ्लैट के पीछे तकरीबन डेढ़ फीट गहरा गड्ढा खोदा और महेश की लाश को उसमें गाड़ दिया. इसके बाद अनीस पड़ोस के पलंबर राहुल से संपर्क किया. और जहां उसने लाश को दफ्न किया था. वहां सीमेंट से चबूतरा बनाने के लिए कहा. पलंबर ने पैसे लेकर वहां चबूतरा बना दिया.
अनीस की जेब से मिली महेश की कार की चाबी
ये सब करने के बाद उसने चैन की सांस ली. अब वो अपने फ्लैट पर वापस आ चुका था. इस दौरान पुलिस की तफ्तीश जारी थी. पुलिस महेश के बैंक खातों की जांच के दौरान यह जान चुकी थी कि महेश ने अनीस को 9 लाख रुपये दिए थे. इसलिए पुलिस ने अनीस को बुलाकर पूछताछ की. उसने पुलिस को बताया कि महेश पर बहुत कर्ज था इसलिए वो कहीं गायब हो गया है. लेकिन पुलिस को उस पर शक हो गया था. पुलिस ने उसकी तलाशी ली. तलाशी के दौरान अनीस की जेब से महेश की कार की चाबी पुलिस को मिली.
ऐसे खुला कत्ल का राज
अब पुलिस का माथा ठनका. क्योंकि महेश की मोबाइल की लास्ट लोकेशन तो फरीदाबाद की मिली थी. मगर उसकी कार सरोजनी नगर में खड़ी थी. और उस कार की चाबी अनीस के पास थी. तो कैसे? अब अनीस पूरी तरह से पुलिस के शिकंजे में आ चुका था. पुलिस ने कड़ाई के साथ अनीस से पूछताछ की तो इस कत्ल का राज खुल गया. अनीस ने अपना गुनाह कुबूल कर लिया.
फ्लैट से महेश की लाश बरामद
उसकी निशानदेही पर पुलिस ने अनीस के सहकर्मी के फ्लैट से जमीन में दफ्न महेश की लाश बरामद कर ली. पुलिस लाश के ऊपर चबूतरा बनाने वाले पलंबर राहुल तक भी जा पहुंची. राहुल को तो ये पता ही नहीं था कि जहां वो सीमेंट का चबूतरा बना रहा है, वहां एक लाश दफ्न है. राहुल ने आजतक की टीम को बताया कि जिसने ये काम किया, उसने पूरा दिन खुद खड़े होकर अपने सामने ही सीमेंट का चबूतरा बनवाया था.
10 हजार में बनवाया था लाश के ऊपर चबूतरा
राहुल ने बताया कि अनीस दोपहर डेढ़ बजे आया था. वो उसे फ्लैट के पीछे लेकर गया और कहा कि वहां लंबा सीमेंट का चबूतरा बनना है. राहुल ने उससे 12 हजार मांगे तो उसने 10 हजार दिए. 2000 नहीं दिए. राहुल के मुताबिक, उसने जब अनीस से पूछा कि यहां सीमेंट का चबूतरा क्यों बनवा रहे हैं, तो अनीस ने बताया कि उसकी पत्नी वहां आने वाली है और वहां पानी काफी जमा होता है, इसलिए करवा रहा है.
राहुल ने कहा कि उसे देखकर लगा नहीं था कि उसने लाश वहां गाड़ी है. बाद में पुलिस ने उसे बुलाया तो पता चला. इसके बाद राहुल के घर में 3 दिन खाना नहीं बना. उसके घर में सब डरे हुए थे.
जॉब लगवाने के नाम पर लिए थे 9 लाख
पुलिस के मुताबिक, आरोपी अनीस ने महेश से 9 लाख रुपये लिए थे. दरअसल अनीस ने महेश को झांसा दिया था कि उसकी एक सरकारी विभाग में जान पहचान है, वो किसी को भी फोर्थ क्लास कर्मचारी में जॉब दिलवा सकता है. महेश ने अनीस को कहा था कि वो तीन लोगों की जॉब लगवा दे. जिसके बाद अनीस ने महेश से उस काम के लिए 9 लाख रुपये लिए थे.