दिल्ली के चर्चित सागर धनखड़ हत्याकांड के बाद कुख्यात गैंगस्टर काला काला जठेड़ी का नाम चर्चाओं में आया था. दरअसल, पहलवान सागर धनखड़ के साथ हमले के वक्त मौजूद सोनू महाल गैंगस्टर काला जठेड़ी का रिश्तेदार है. अब पुलिस ने सात लाख के इनामी बदमाश काला जठेड़ी को गिरफ्तार कर लिया है. ये वही काला जठेड़ी है, जिससे रेसलर सुशील कुमार ने खुद को जान का खतरा बताया था. आइए जानते हैं आखिर कौन है कुख्यात काला जठेड़ी?
काला जठेड़ी का असली नाम संदीप उर्फ काला है. वह हरियाणा सोनीपत का रहने वाला है. उसके नाम के साथ जठेड़ी कब जुड़ गया ये तो पुलिस भी नहीं जानती. हालांकि पुलिस के पास उसकी और उसके गुर्गों की करतूतों की एक लंबी फेहरिस्त है. बताया जाता है कि काला जठेड़ी कभी दुबई तो कभी मलेशिया में बैठकर हिंदुस्तान में अपना गैंग ऑपरेट कर रहा था.
पुलिस रिकॉर्ड के मुताबिक कुछ साल पहले काला जठेड़ी की दोस्ती कुछ बदमाशों से हो गई थी. उस दौरान उसके खर्चे भी बढ़ गए थे. अपने खर्चे पूरे करने के लिए उसने अपने मां बाप से पैसों की मांग की, लेकिन फिर भी उसके खर्चे पूरे नहीं हुए. इसके बाद उसने झपटमारी का काम शुरू कर दिया. काला जठेड़ी के खिलाफ दिल्ली में पहला मुकदमा 29 सितंबर 2004 को दर्ज हुआ था.
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उस दिन जठेड़ी अपने साथियों के साथ सिरसपुर इलाके में एक शख्स का मोबाइल छीन कर भाग रहा था लेकिन पुलिस ने उसे रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया था. इस मामले में काला जठेड़ी के खिलाफ दिल्ली के समयपुर बादली में पहली एफआईआर दर्ज हुई थी, लेकिन एक बार जेल से छूटने के बाद काला जठेड़ी ने एक के बाद एक कई वारदातों को अंजाम दिया.
शुरुआत में काला जठेड़ी झपटमारी, लूटपाट और हत्या की कोशिश जैसी वारदातों को अंजाम दिया करता था, लेकिन देखते ही देखते जठेड़ी ने अपनी गैंग बना लिया और जबरन उगाही करने के साथ-साथ, वो विवादित संपत्तियों में दखल देने लगा. काला जठेड़ी पर दिल्ली पुलिस ने एक लाख का इनाम रखा था. लेकिन वो इतना कुख्यात बन गया कि हरियाणा पुलिस ने काला जठेड़ी की गिरफ्तारी पर सात लाख का इनाम घोषित किया हुआ था.
सागर हत्याकांड के बाद रेसलर सुशील कुमार ने सोनू महाल के मामा गैंगस्टर जठेड़ी काला को फोन भी किया था. इसी साल 4 और 5 मई की रात काला जठेड़ी का भांजा सोनू महाल सागर धनखड़ के साथ मौजूद था. मारपीट में सोनू महाल भी घायल हुआ था.
जानकारी के मुताबिक काला जठेड़ी लॉरेंस बिश्नोई गैंग का भी मुखिया बना हुआ था और दिल्ली के अलावा राजस्थान, हरियाणा, पंजाब और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में अपने काले कारनामों को अंजाम दे रहा था.
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दिल्ली के ज्यादातर बदमाशों को पुलिस ने तिहाड़ जेल पहुंचा दिया था. लेकिन काला जठेड़ी ही पुलिस के हाथ नहीं आ रहा था. वो विदेश में बैठकर अपना गैंग बढ़ा रहा था और उसका विस्तार भी कर रहा था. बताया जाता है कि काला जठेड़ी और लॉरेंस बिश्नोई की मुलाकात नजफगढ़ के रहने वाले एक शख्स ने कराई थी और उसके बाद से ही काला जठेड़ी लॉरेंस बिश्नोई गैंग का कामकाज संभालने लगा था. काला जठेड़ी की गिरफ्तारी पुलिस के लिए एक बड़ी सफलता है.
गौरतलब है कि गैंगस्टर काला जठेड़ी, फरवरी 2020 में फरीदाबाद से पुलिस हिरासत के दौरान फरार हो गया था. जब पुलिस उसे तलाश कर रही थी, तब पुलिस के हत्थे चढ़े एक बदमाश नितीश कुमार ने पूछताछ में बताया था कि काला जठेड़ी हरियाणा में ही छुपा हुआ है. उसने दूसरे गैंग और पुलिस को गुमराह करने के लिए यह अफवाह खुद फैलाई कि वो विदेश में रहकर अपना गैंग चला रहा है.