'उल्टा चोर कोतवाल को डांटे' वाली कहावत हरियाणा में गुरुग्राम के सेक्टर 12 के निजी अस्पताल पर सटीक बैठती देखी जा सकती है. दरअसल, नॉर्थ ईस्ट की एक प्रसूता के पेट में डॉक्टर्स की बड़ी लापरवाही के चलते कॉटन (रुई) का बड़ा बंडल छूट गया था जिसके चलते महिला की जान पर बन आई थी.
मामले की शिकायत मेडिकल बोर्ड के अलावा गुरुग्राम पुलिस को भी दी गई थी. पीड़िता के पति डीवास रॉय ने बताया कि अस्पताल प्रबंधन ने पीड़िता को भर्ती कर परिवार को आश्वासन दिया था कि इलाज फ्री में किया जाएगा. लेकिन आज डिस्चार्ज के वक्त अस्पताल प्रबंधन ने इन्हें 85 हजार का बिल थमा दिया.
वहीं, जब इस मामले की जानकारी नॉर्थ ईस्ट एसोशिएशन को मिली तो अस्पताल प्रबंधन की इस बेवजह लूट की शिकायत स्थानीय पुलिस को भी दी. परिवार ने बार-बार सभी को फोन किए लेकिन अस्पताल प्रबंधन की पहुंच के कारण इस परिवार को न तो पुलिस की मदद मिली न ही सहयोग.
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न ही परिवार को अस्पताल प्रबंधन की इस बेवजह की जा रही लूट से सुरक्षा ही मिल पाई. इसके चलते पीड़िता को अस्पताल प्रबंधन ने अभी तक डिस्चार्ज नहीं किया है.
वहीं, अस्पताल प्रबंधन इस मामले को लेकर कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है. परिवार का आरोप है कि अपनी लापरवाही छिपाने के लिए डॉक्टरों ने बिना सहमति के दोबारा ऑपरेशन किया है. इसके बाद अब डिस्चार्ज के नाम पर पैसा मांग रहे हैं.
बता दें कि साइबर सिटी में निजी अस्पतालों की लापरवाही का यह कोई पहला मामला नहीं है जिसमें पीड़ित परिवारों को लाखों रुपये के साथ-साथ जान तक गवानी पड़ी हो. लेकिन बावजूद इसके निजी अस्पतालों की यह शर्मनाक लूट बदस्तूर जारी है.
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