पंजाब के एक कारोबारी ने अपनी पत्नी और चार अन्य लोगों के साथ मिलकर अपनी मौत की झूठी कहानी रच डाली. पुलिस के अनुसार कारोबारी को बिजनेस में नुकसान हो गया था, इस वजह से उसने 4 करोड़ रुपये के एक्सीडेंटल बीमा के लिए अपने दोस्त की हत्या की. इसके बाद अपनी मौत की कहानी तैयार कर दी. यह मामला तब सामने आया, जब सुखजीत की पत्नी जीवनदीप कौर ने सुखजीत के लापता होने की रिपोर्ट दर्ज कराई.
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक रवजोत कौर ग्रेवाल ने कहा कि रामदास नगर इलाके का रहने वाला गुरप्रीत सिंह, उसकी पत्नी खुशदीप कौर और अन्य चार लोगों को सुखजीत सिंह नाम के शख्स की हत्या के आरोप में गिरफ्तार किया गया है.
दरअसल, यह मामला पंजाब के फतेहगढ़ साहिब का है. यहां 4 करोड़ का एक्सीडेंटल बीमा लेने के लिए गुरदीप सिंह नाम के व्यक्ति ने सुखजीत सिंह नाम के व्यक्ति की हत्या कर दी. इसके बाद एक्सीडेंट कर खुद की मौत दिखाने की कोशिश की. घटना को अंजाम देने से पहले गुरदीप ने खुद से मिलते जुलते व्यक्ति को ढूंढ़ना शुरू किया था. गुरदीप ने सुखजीत सिंह से दोस्ती की, फिर उसे कई दिनों तक शराब पिलाई और पैसे भी देता रहा.
वारदात वाले दिन भी गुरदीप ने मृतक सुरजीत को शराब में दवाई मिलकर पिलाई थी. इसके बाद बेहोशी की हालत में उसे राजपुरा ले जाकर ट्रक से कुचल दिया था. मर्डर के बाद गुरदीप ने खुद का एक्सीडेंट केस बनाया और उसके परिवार के लोगों ने थाने में मामला दर्ज करा दिया.
SSP डॉ. रवजोत कौर ग्रेवाल ने बताया कि सानीपुर में रहने वाली जीवनदीप कौर का पति सुखजीत सिंह 19 जून को घर से निकला था, इसके बाद से वह घर नहीं लौटा. परिजनों ने उसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट सरहिंद थाने में दर्ज कराई. पुलिस ने जांच-पड़ताल की तो सुखजीत की बाइक और चप्पलें पटियाला रोड पर नहर किनारे मिलीं थीं. वहीं एक किलोमीटर की दूरी पर सुखजीत सिंह का मोबाइल जमीन में दबा मिला. पुलिस ने संदेह होने पर जांच शुरू की. इस दौरान सुखजीत के दोस्त गुरप्रीत के बारे में पुलिस को जानकारी हुई.
कुछ दिनों से सुखजीत की दोस्ती सानीपुर में रहने वाले गुरप्रीत सिंह से हो गई थी. गुरप्रीत अपने पैसों से सुखजीत को शराब पिलाता था. 19 जून को गुरप्रीत सिंह, उसकी पत्नी खुशदीप कौर, दोस्त सुखविंदर सिंह संघा इकट्ठे देखे गए थे. जांच आगे बढ़ी तो पता चला कि 20 जून को गुरप्रीत सिंह की सड़क हादसे में मौत का दावा करते हुए राजपुरा थाना में एक्सीडेंट केस दर्ज कराया गया.
गुरप्रीत सिंह के जिंदा मिलने पर शक और गहराया
राजपुरा पुलिस को एक कुचला हुआ शव मिला था, जिसकी पहचान खुशदीप कौर ने अपने पति गुरप्रीत सिंह के तौर पर की थी. एक्सीडेंट केस दर्ज करवाकर पोस्टमार्टम के बाद शव लेकर अंतिम संस्कार कर दिया गया. कहानी में मोड़ तब आया, जब गुरप्रीत सिंह जिंदा पाया गया. फतेहगढ़ साहिब पुलिस ने ह्यूमन इंटेलिजेंस, तकनीकी साधनों और फोरेंसिक टीम की मदद से जांच आगे बढ़ाई. इसमें सामने आया कि गुरप्रीत सिंह होलसेल व्यापारी है. व्यापार में घाटा हो गया था. इसके चलते कुछ महीनों से वह गलत योजनाएं बनाने लगा.
जांच में 4 करोड़ के इंश्योरेंस की बात सामने आई
गुरप्रीत का दोस्त राजेश कुमार शर्मा बीमा करता था, उसी से गुरप्रीत ने 4 करोड़ का एक्सीडेंटल बीमा कराया था. राजेश ने उससे कहा था कि डेथ सर्टीफिकेट और पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आधार पर पूरी रकम वारिसों को मिलेगी. इसके बाद गुरप्रीत के एक दोस्त और इस पूरे मामले के मास्टर माइंड सुखविंदर सिंह संघा ने पूरा प्लान बनाया और सुखजीत सिंह के मर्डर की प्लानिंग की गई.
मृतक सुखजीत सिंह से पहले दो अन्य लोगों को ट्रेस किया गया था, मगर कुछ कारणों के चलते उन्हें छोड़ सुखजीत को चुना और इस घटना को अंजाम दिया. पुलिस ने इस मर्डर केस में गुरप्रीत सिंह, उसकी पत्नी खुशदीप कौर, सुखविंदर सिंह संघा, जसपाल सिंह, दिनेश कुमार व राजेश कुमार को गिरफ्तार किया है.
(रिपोर्टः हरप्रीत सिंह)