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गाजियाबाद: स्कूल हुआ बंद तो प्रिंसिपल और अध्यापक बन गए ठग, 600 लोगों को लगाया लाखों का चूना

कोरोना काल में स्कूल बंद होने के चलते स्कूल प्रिसिंपल और टीचर ऑनलाइन ठगी का काम शुरू करने लगे. इन जालसाजों ने अपने 600 से ज्यादा लोगों को अपना शिकार बनाया. लेकिन अब पुलिस ने इन्हें गिरफ्तार कर जेल की सलाखों के पीछे भेज दिया है.

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ठगी के आरोप में स्कूल प्रिंसिपल और टीचर गिरफ्तार
ठगी के आरोप में स्कूल प्रिंसिपल और टीचर गिरफ्तार
स्टोरी हाइलाइट्स
  • स्कूल प्रिंसिपल और टीचर करने लगे ठगी
  • 13 माह में 50 लाख से ज्यादा का ट्रांजैक्शन्स
  • फर्जी आधार कार्ड तैयार कर खोलते थे बैंक अकाउंट

लोन और क्रेडिट कार्ड के नाम पर कई लोगों से ठगी करने वाले गैंग का पर्दाफाश हुआ है. गाजियाबाद की साइबर सेल ने खुलासा करते हुए तीन आरोपी को गिरफ्तार किया है. हैरानी की बात यह है कि तीनों आरोपी टीचर हैं और हापुड़ में स्कूल चलाते थे. कोरोना काल में स्कूल बंद होने के बाद तीनों ने ठगी का कारोबार शुरू कर दिया था. इस दौरान 13 महीने में 600 से ज्यादा लोगों को ठगी का शिकार बनाया. 

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स्कूल बंद ठगी का काम शुरू

दरअसल साइबर सेल को शिकायत मिली थी कि लोन और क्रेडिट कार्ड दिलाने के नाम पर कुछ लोगों के साथ धोखाधड़ी हुई है.  मामले को गंभीरता से लेते हुए साइबर सेल ने जब जांच शुरू की. ट्रांजैक्शन्स डिटेल के आधार पर खोजबीन की गई तो ठगी करने वालों का पता हापुड़ में लगा. जो एक फर्जी कॉल सेंटर चला रहे थे पुलिस ने जाल बिछाया और  यहां से तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया. जिसमें संदीप कुमार, धर्मेंद्र कुमार और नितिन कुमार शामिल हैं. संदीप स्कूल का प्रबंधक हुआ करता था. जबकि धर्मेंद्र और नितिन स्कूल में प्रिंसिपल और अध्यापक की भूमिका में थे. 

लोन दिलाने के नाम पर लोगों से ठगी 

पुलिस ने बताया कि कोरोना के दौरान स्कूल बंद हो जाने पर इन्होंने लोन देने के नाम पर धोखाधड़ी करने का काम शुरू कर दिया था. यह सभी आरोपियों को फोटोशॉप ऐप के माध्यम से फर्जी आधार कार्ड तैयार करते थे. इस फर्जी आधार कार्ड के आधार पर मोबाइल सिम कार्ड हासिल करते थे.  बैंकों में खाते खोले जाते थे और लोगों को क्रेडिट कार्ड और लोन दिलाने के नाम पर फंसा कर ठगी की जाती थी. 

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पुलिस ने आरोपियों को किया अरेस्ट 

ये आरोपी प्रोसेसिंग फीस, फाइल चार्ज अप्रूवल चार्ज के बहाने दो हजार रुपये लेते थे. पुलिस ने इन आरोपियों के अब तक 8 खातों की पहचान कर ली है.  पिछले 13 महीने के अंदर पचास लाख से ज्यादा के ट्रांजैक्शन्स कर चुके हैं. पुलिस इनके अन्य साथियों की तलाश कर रही है. 

 

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