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कन्नौज के इत्र कारोबारी से नोएडा के अधिकारी तक... कैसे निकल रहा है कैश?

यूपी में इनकम टैक्स और डीजीजीआई जैसी जांच एजेंसियों की छापेमारी 18 दिसंबर से शुरू हुई थी. लखनऊ से लेकर बेंगलुरु तक इनकम टैक्स की टीमों ने 4 लोगों के 30 ठिकानों पर छापेमारी की थी. यह छापेमारी 4 दिन तक चली और इनकम टैक्स की टीम को 30 ठिकानों से एक करोड़ 12 लाख रुपए से ज्यादा की नकदी मिली थी.

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यूपी में आयकर विभाग की छापेमारी लगातार जारी है
यूपी में आयकर विभाग की छापेमारी लगातार जारी है
स्टोरी हाइलाइट्स
  • यूपी में चुनाव से पहले इनकम टैक्स की लगातार छापेमारी
  • कन्नौज से लेकर नोएडा तक निकल रहा कैश ही कैश

उत्तर प्रदेश में चुनाव से पहले आयकर विभाग की छापेमारी लगातार जारी है जिसमें कारोबारी से लेकर सफेदपोश नेता और वर्दीधारी अधिकारी तक सभी की काली कमाई सामने आ रही है. कानपुर से लेकर नोएडा तक ऐसे कारोबारी और अधिकारी इनकम टैक्स विभाग के निशाने पर हैं.

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नोएडा में यूपी कैडर के पूर्व आईपीएस अफसर आरएन सिंह के घर बीते 3 दिन से लगातार आयकर विभाग की छापेमारी चल रही है. आयकर विभाग ने तलाशी के दौरान अबतक करोड़ों रुपये बरामद किए हैं जबकि बेसमेंट में  650 से ज्यादा लॉकर की भी उन्हें जानकारी मिली है. यूपी की मौजूदा राजनीति में छापेमारी का सिलसिला बीते दिसंबर से ही जारी है.

आयकर विभाग की टीम ने अब तक 3 से 4 बेनामी लाकर्स को कटर से कटवाया है. इन लाकर्स में 3 करोड़ रुपये से ज्यादा का कैश बरामद हुआ है जिनमें एक लॉकर से करीब ढाई करोड़ और बाकी 3 लॉकर्स से 30 से 40 लाख रुपये कैश मिले हैं. कुछ और बेनामी लॉकर्स को खोले जाने का काम किया जा रहा है. आधिकारिक सूत्रों की माने तो कई लॉकरों में नगदी के अलावा आभूषण मिले हैं.

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कानपुर से शुरू हुआ था छापेमारी का सिलसिला

कानपुर के चर्चित इत्र कारोबारी पीयूष जैन के ठिकानों पर इनकम टैक्स और  डीजीजीआई की छापेमारी ने यूपी में राजनीतिक बवंडर खड़ा कर दिया था. पीयूष जैन के कानपुर और कन्नौज के ठिकानों पर कई दिनों की छापेमारी के दौरान 200 करोड़ रुपए से ज्यादा की नकदी और कई किलो सोना चांदी बरामद हुआ था. 

पीयूष जैन से बरामद हुए 200 करोड़ से ज्यादा के कैश को लेकर बीजेपी और समाजवादी पार्टी आमने सामने आ गई थी. बीजेपी ने इसे समाजवादी पार्टी का पैसा बताया था तो समाजवादी पार्टी ने उन पैसों को बीजेपी नेता का बताया था. शुरुआत में पीयूष जैन को समाजवादी पार्टी का करीबी बताया गया था लेकिन जांच में पीयूष जैन का समाजवादी पार्टी से कोई कनेक्शन सामने नहीं आया.

वाराणसी में ज्वेलर्स के घर आयकर विभाग का छापा

सोमवार यानी की 31 जनवरी को वाराणसी में आयकर विभाग की टीम ने कई आभूषण कारोबारियों के ठिकाने पर छापेमारी की थी. आईटी की टीम ने गहना कोठी ज्वेलर्स, कृतिकुंज ज्वेलर्स के मालिक नन्हेलाल वर्मा के ठिकानों पर छापेमारी की थी. इन कारोबारियों पर आचार संहिता के दौरान अवैध रूप से लाखों-करोड़ों रुपये के संदिग्ध लेनदेन का आरोप है. आयकर विभाग को इन ज्वेलर्स के खिलाफ कुछ दिन पहले ही इनपुट्स मिले थे. 

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आगरा में जूता कारोबारी के ठिकाने पर छापेमारी

कानपुर में इत्र कारोबारी पीयूष जैन और पुष्पराज जैन पर तोबड़तोड़ कार्रवाई के बाद आगरा में भी बीते महीने में इनकम टैक्स विभाग की टीम ने शू एक्सपोर्टर्स विजय आहूजा और मानसी चंद्रा की जूता फैक्ट्री पर छापा मारा था जिसमें कई अहम दस्तावेज बरामद हुए थे. 

आगरा में 4 कारोबारियों के 11 ठिकानों पर छापेमारी की गई थी. जिसमें विजय अहूजा, मन्नू अलघ, मानसी चंद्रा, राजेश उर्फ रूबी सहगल शामिल हैं. इन चारों कारोबारियों में मन्नू अलघ को सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव का करीबी बताया गया था लेकिन समाजवादी पार्टी से मन्नू अलघ का कोई अधिकारिक कनेक्शन सामने नहीं आया था. 

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