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दिल्लीः लोगों की जासूसी करने वाले गैंग का पर्दाफाश, आरोपी CDR से लीक कर रहा था पर्सनल जानकारी

दिल्ली में पुलिस ने एक ऐसे गैंग का भंडाफोड़ किया है, जो लोगों की कॉल डिटेल रिकॉर्ड और अन्य जानकारी उपलब्ध करवा रहा था. इसमें बैंक स्टेटमेंट, जीएसटी रिटर्न, आईटीआर आदि की जानकारी भी शामिल थी. पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार करने के लिए जाल बिछाया. हालांकि गैंग का सरगना अभी भी पुलिस की गिरफ्त से बाहर है.

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सांकेतिक तस्वीर
सांकेतिक तस्वीर

दिल्ली में लोगों की जासूसी करने वाले गैंग का खुलासा हुआ है. दिल्ली की आउटर-नॉर्थ डिस्ट्रिक्ट पुलिस ने गैंग का पर्दाफाश किया है. बताया जा रहा है कि गैंग कॉल डिटेल रिकॉर्ड (CDR) और अन्य जानकारी प्रोवाइड करा रहा था. पुलिस ने ग्राहक बनकर गैंग में एक्टिव आरोपी पवन कुमार को गिरफ्तार कर लिया. आरोपी डिटेक्टिव एजेंसी में काम करता है. गैंग का सरगना पंकज फरार है. पुलिस ने बताया कि हमें सीक्रेट इन्फॉर्मेशन मिली थी कि एक शख्स लोगों से पैसा लेकर CDR और अन्य जानकारी उपलब्ध करवा रहा है.

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पुलिस ने एक डिकॉय टीम बनाकर डिटेक्टिव एजेंसी चलाने वाले से संपर्क किया. आरोपी 25000 रुपए में CDR (कॉल डिटेल रिकॉर्ड ) देने पर राजी हो गया. इसके बाद आरोपी को रोहिणी इलाके में बुलाया गया. 25 हज़ार रुपए देने के बाद आरोपी ने  पेन ड्राइव के जरिए सीडीआर उपलब्ध करा दी. तभी AATS आउटर नॉर्थ डिस्ट्रिक्ट पुलिस की टीम ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया.

डिटेक्टिव एजेंसी का ऑफिस नोएडा में है. पुलिस अब उसके ऑफिस में छापा मारकर तमाम सबूत जुटा रही है. पुलिस ने लैपटॉप और अन्य सामान सीज कर लिया है. पुलिस ये पता लगाने में जुटी है कि आरोपी अब तक कितने लोगों की CDR मंगवा चुका है, और कौन गैंग को CDR उपलब्ध करवाता है.

आरोपी पवन ने बताया कि दिल्ली की कई डिटेक्टिव एजेंसी ये काम कर रही हैं, जो ग्राहक की जरूरत के मुताबिक सीडीआर, बैंक स्टेटमेंट्स, आईटीआर, जीएसटी रिटर्न मोबाइल लोकेशन और ओनरशिप उपलब्ध करवाती हैं.

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पुलिस ने समयपुर बादली थाने में IPC की धारा 409, 420, 464, 120 और टेलीग्राफ एक्ट के तहत FIR दर्ज कर ली है. पुलिस के मुताबिक इस गैंग के और भी सदस्यों की गिरफ्तारी हो सकती है. 

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