डीआरआई की टीम ने एक अंतरराष्ट्रीय ड्रग्स रैकेट का भंडाफोड़ किया है. केंद्रीय एजेंसी ने गुजरात की मुंद्रा बंदरगाह से 9000 करोड़ रुपये की ड्रग्स बरामद की है. एजेंसी के अधिकारियों ने वहां से 2,988.22 किलोग्राम हेरोइन जब्त की है. ड्रग्स की इस खेप का कनेक्शवन आंध्र प्रदेश के विजयवाड़ा से बताया जा रहा है.
दरअसल, पकड़ी गई नशे की खेप विजयवाड़ा की आशी ट्रेडिंग कंपनी के आयात किए गए पैकेज के अंदर छिपी हुई थी. यह कंपनी अफगानिस्तान से टैल्क पत्थरों को आयात करने का दावा करती है और उन्हें ईरान की अब्बास पोर्ट से गुजरात की मुंद्रा पोर्ट भेजती है.
विजयवाड़ा की कंपनी पर आरोप है कि वह कंधार में हसन हुसैन लिमिटेड से आयातित 'टैल्कम पाउडर' के नाम पर हेरोइन की तस्करी कर रही थी. जिसे रंगे हाथों पकड़ लिया गया. यह DRI द्वारा बरामद की गई ड्रग की सबसे बड़ी खेप बताई जा रही है, जिसकी कीमत 9,000 करोड़ रुपये है.
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विजयवाड़ा में डीआरआई के अधिकारियों ने अब ड्रग और विजयवाड़ा का लिंक तलाशना शुरु कर दिया है. साथ ही कंपनी के मालिकान और उनके ड्रग्स कनेक्शन की छानबीन भी की जा रही है. इस मामले मं विजयवाड़ा में क्लॉक स्ट्रीट स्थित कंपनी के कार्यालय में पूछताछ की जा रही है.
सूत्रों का कहना है कि कम से कम चार फारसियों को हिरासत में लिया गया है और आगे की जांच जारी है. इस बात की भी जांच की जा रही है कि गुजरात के तट पर उतरने वाली ड्रग्स विजयवाड़ा के लिए थीं या किसी अन्य दक्षिणी राज्य या अन्य स्थानों के लिए.
आशा ट्रेडिंग कंपनी ने इस खेप को टेलकम पाउडर बताया था. निर्यातक फर्म की पहचान अफगानिस्तान के कंधार में स्थित हसन हुसैन लिमिटेड के रूप में की गई है. डीआरआई और कस्टम ने जब कंसाइनमेंट रोक कर जांच की तो टेलकम पाउडर की जगह करोड़ों की ड्रग्स बरामद हुई. बता दें कि डीआरआई और कस्टम विभाग पिछले पांच दिनों से इस ऑपरेशन को चला रहा था.