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आमतौर पर देखा जाता है कि पुलिस अपराधियों को पकड़ने के लिए हाईटेक तरीके अपनाती है. लेकिन एक चोर को पकड़ने के लिए गुजरात पुलिस को फेरीवाला बनना पड़ा. और सिर्फ 48 घंटे में ही चोर को चोरी के पूरे माल के साथ पकड़ लिया.
दरअसल, अहमदाबाद के चाणक्यपुरी इलाके में रहने वाले वकील के घर से 1.5 लाख रुपए के जेवरात-कैश चोरी होने की घटना की शिकायत पुलिस को मिली थी. इसके बाद सोला थाना पुलिस के PSI के डी गढवी ने अपनी टीम को जांच में लगाया. पूरे इलाके के 500 से ज्यादा सीसीटीवी चेक करने के बाद पता चला कि गोल्डन कलर की एक्टिवा लेकर चोर एक जगह पर चाय पीने के लिए रुका था. वहां से उसकी पहचान मिली. उस इलाके में पुलिस ने जांच शुरू की. गोल्डन एक्टिवा का मालिक गोल गप्पे बेचने वाला निकला.
पुलिस ने जब पूछताछ की तो उसने बताया कि एक्टिवा किसी ने नहीं चलाई, वह खुद ही उसका उपयोग करता है. पुलिस को पूरे मामले में कुछ गड़बड़ लगा. इसके बाद पुलिस ने उसे पूरा मामला समझाया, तब जाकर पानीपुरी वाले ने बताया कि गांव से उसका एक दोस्त आया था. पिछले दिनों उसी ने एक्टिवा का इस्तेमाल किया था और वह एक दिन पहले ही सुबह 6:00 बजे की ट्रेन से मध्य प्रदेश लौट गया.
अब पुलिस के लिए यह मामला और पेचीदा हो गया, क्योंकि मध्य प्रदेश के ग्वालियर में रहने वाला अशोक शर्मा चोरी कर अपने गांव लौट गया था. ऐसे में PSI गढ़वी ने अपनी टीम को ग्वालियर भेजा. जहां उनकी टीम के सदस्य अलग-अलग फेरीवाले बने. किसी पुलिसकर्मी ने गुब्बारे बेचे तो किसने सब्जी की लौरी चलाई ताकि चोर अशोक पर नजर रखी जा सके.
उधर, अशोक को भी अंदाजा हो गया था कि उसकी चोरी पकड़ी गई है. इसीलिए वह चोरी करने के लिए अहमदाबाद में जिस दोस्त के घर रुका था, उसी से कॉल पर बार-बार पूछ रहा था कि पुलिस उसके वहां पहुंची या नहीं?
पानीपुरी वाले दोस्त ने यह बात पुलिस को बताई. पुलिस ने वीडियो कॉल पर बात करने की सलाह दी ताकि चोरी करके ग्वालियर भागे अशोक का घर पहचाना जा सके. पुलिस के कहने पर दोस्त ने अशोक को वीडियो कॉल और बातचीत में उलझाए रखा. उसी दिन ग्वालियर में अशोक अपने घर से कुछ काम के लिए बाहर निकला, तब ठेला लगाकर सादी वर्दी में बाहर खड़े पुलिसकर्मियों ने अशोक को उसके जूते से पहचान लिया और मौका पाते ही दबोच लिया.
पुलिसकर्मियों ने चोर को पकड़ा तो उसने सब कुबूल कर लिया और चोरी का पूरा माल पुलिस को दिखाया. पुलिस जिस तेजी से पूरे मामले की जांच कर रही थी, उस वज़ह से चोर को माल बेचने का मौका ही नहीं मिला.
PSI गढ़वी ने बताया, आरोपी अशोक ग्वालियर के जिस इलाके में रहता था, वह बहुत ही भीड़-भाड़वाला इलाका था. जिसकी वजह से सीधे उसके घर तक पहुंचना मुश्किल था. ऐसे में टीम के सदस्यों को अलग-अलग वेशभूषा धारण करने को कहा गया. इसी के चलते उनकी टीम लॉरी/फेरी वालों के रूप में उस इलाके में तैनात हुई.
जिसकी वज़ह से चोरी के 48 घंटे मे ही चोर को पूरे माल के साथ पकड़ लिया गया. पुलिस की प्राथमिक जांच में अशोक इससे पहले भी कई गुनाह कर चुका हैं और उस पर तमाम मामले दर्ज हैं. यह बात भी सामने आई कि अशोक ग्वालियर से दो और लोगों को लेकर अहमदाबाद आया था, पर वो दोनों डर गए और चोरी में शामिल नहीं हुए.