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हरेंद्र नागर हत्याकांड: 6 साल, 38 गवाह और 9 ट्रायल, तब जाकर मिली सुंदर भाटी को उम्रकैद की सजा

दोषियों में सुंदर भाटी के अलावा दिनेश भाटी, अनूप भाटी, सुरेंद्र पंडित, जितेंद्र चौधरी, सोनू और धनु बाबू, शेर सिंह ,कालू, रिशिपाल, योगेश, सिंहराज और विकास पंडित शामिल हैं.

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कोर्ट ने उम्रकैद की सजा के साथ-साथ 1.80 लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया है.
कोर्ट ने उम्रकैद की सजा के साथ-साथ 1.80 लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया है.
स्टोरी हाइलाइट्स
  • सुंदर भाटी और उसके 11 गुर्गों को उम्रकैद की सजा
  • हर दोषी पर 1.80 लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया

गौतमबुद्ध नगर के बहुचर्चित "हरेंद्र नागर हत्याकांड" पर मंगलवार को नोएडा की निचली अदालत का फैसला आ गया. अदालत ने इस मामले में कुख्यात अपराधी सुंदर भाटी और उसके 11 गुर्गों को उम्रकैद की सजा सुनाई है. देशभर के कई हाईकोर्ट, सुप्रीम कोर्ट और निचली अदालतों के फैसलों की 64 नजीर इस फैसले में शामिल हैं. अपर जिला एवं सत्र न्यायधीश (फास्ट ट्रैक-1) जस्टिस अनिल कुमार सिंह ने 61 पेज का फैसला सुनाया है. इस मामले में 38 गवाहों की गवाही दर्ज की गई. 9 ट्रायल चले थे.

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दोषियों में सुंदर भाटी के अलावा दिनेश भाटी, अनूप भाटी, सुरेंद्र पंडित, जितेंद्र चौधरी, सोनू और धनु बाबू, शेर सिंह ,कालू, रिशिपाल, योगेश, सिंहराज और विकास पंडित शामिल हैं. उम्रकैद की सजा देने के साथ-साथ अदालत ने सभी दोषियों पर 1 लाख 80 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है. सभी 12 दोषियों से कुल 21 लाख 60 हजार रुपए का जुर्माना लिया जाएगा. इस रकम का आधा हिस्सा मृतक सरकारी गनर भूदेव शर्मा के परिजनों को दिया जाएगा.

क्या था हरेंद्र नागर हत्याकांड?
दनकौर कोतवाली क्षेत्र के दादूपुर गांव के रहने वाले हरेंद्र प्रधान की 2015 में ग्रेटर नोएडा के नियाना गांव में हत्या कर दी गई थी. हरेंद्र प्रधान अपने साथियों के साथ एक शादी समारोह में शामिल होने गया था. वहां से वापस लौटते वक्त सुंदर भाटी गैंग के गुर्गों ने उसकी गोली मारकर हत्या कर दी थी. हरेंद्र नागर दादूपुर गांव का ग्राम प्रधान था. हमले के दौरान हरेंद्र प्रधान के सरकारी गनर भूदेव शर्मा की भी गोली लगने से मौत हुई थी. इस मामले में पुलिस ने सुंदर भाटी और उसके 13 साथियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था.

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भाटी को सजा मिलना पुलिस की भी बड़ी जीत
पुलिस के लिए ये जीत इसलिए बड़ी है क्योंकि ये वही अपराधी था, जो पुलिस के लिए सिरदर्द बना हुआ था. यही वजह थी की पुलिस कमिश्नर आलोक सिंह खुद इस पूरे मामले को बारीकी से देख रहे थे. सुंदर भाटी और उसके गैंग से जुड़े तमाम बदमाशों की करोड़ों रुपए की संपत्ति कुर्क कर दी थी. पुलिस ने जांच के दौरान सुंदर भाटी गैंग के खिलाफ साक्ष्य इकट्ठे किए थे. इसके बाद एक-एक करके सुंदर भाटी सहित गैंग के बदमाशों को गिरफ्तार करके पुलिस ने जेल भेजा था. पुलिस कमिश्नर आलोक कुमार सिंह ने बताया कि सुंदर भाटी और इसके सहयोगियों पर बुलंदशहर, मेरठ, गौतमबुद्धनगर, फरीदाबाद (हरियाणा), दिल्ली, साहिबाबाद (गाजियाबाद) में हत्या और हत्या की कोशिश के 11 मुकदमे और अन्य मामलों में 152 मुकदमे दर्ज हैं.

 

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