हरियाणा के गुरुग्राम में अपहरण और लूट की वारदात को अंजाम देने वाले पांच आरोपियों को अदालत ने दोषी ठहराते हुए सात साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है. सत्र न्यायालय ने 2022 के किडनैपिंग केस में गुरुवार को ये फैसला सुनाया.
इस मामले में पुलिस ने पीटीआई को बताया कि अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश सौरभ गुप्ता ने साल 2022 में दो लोगों को अपनी कैब में लिफ्ट देने के बाद बंदूक की नोक पर अगवा करने वाले पांच आरोपियों को दोषी करार दिया और उन पर जुर्माना भी लगाया है.
आरोपियों ने वारदात के वक्त दोनों पीड़ितों को अगवा कर उनकी पिटाई की थी और उनसे नकदी, सेल फोन, पर्स लूट लिए थे और उन्हें यूपीआई के जरिए पैसे ट्रांसफर करने के लिए मजबूर किया था. मानेसर पुलिस ने अपनी जांच के दौरान सभी पांच आरोपियों विवेक उर्फ बड़ा, पवन, चिंटू, अवधेश और सोनू को गिरफ्तार कर लिया था.
गुरुग्राम पुलिस के प्रवक्ता ने बताया कि साक्ष्यों और गवाहों के आधार पर अदालत ने 11 मार्च को सभी पांचों आरोपियों को सात साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई और दोषी सोनू पर 30,000 रुपये और चारों दोषियों पर 20,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया है.
पुलिस के मुताबिक, यह घटना 10 जुलाई, 2022 को सुबह करीब 4.30 बजे हुई थी, जब मानेसर स्थित एक निजी कंपनी के कर्मचारी और उसके दोस्त को मानेसर बस स्टैंड से दिल्ली के आनंद विहार तक लिफ्ट देने की पेशकश की गई थी. पीड़ित के बयान में कार में पांच लोगों की मौजूदगी दिखाई गई थी.
उन बदमाशों ने दोनों पीड़ितों को बंदूक की नोक और चाकू दिखाकर धमकाया था और हमलावरों के यूपीआई खाते में 27,000 रुपये ट्रांसफर करने के लिए मजबूर किया था. पुलिस ने बताया कि करीब दो घंटे बाद, उस गैंग ने पीड़ितों को गुरुग्राम के सेक्टर 50 में निर्वाण कंट्री के पास छोड़ दिया था और फरार हो गए थे.
इस मामले में गुरुग्राम पुलिस ने आरोपियों के पास से अपराध में इस्तेमाल की गई कार, कारतूस के साथ एक देसी पिस्तौल और एक चाकू बरामद कर लिए थे. तभी से यह मामला अदालत में चल रहा था.