तमिलनाडु के मदुरै में पुलिस एनकाउंटर में एक कुख्यात बदमाश मारा गया है. इसकी पहचान सुभाष चंद्र बोस (22) के रूप में है, जो कि एक हिस्ट्रीशीट था. उस पर 21 से अधिक हत्याओं का केस दर्ज था. पुलिस ने उसके शव को पोस्टमार्टम के लिए राजाजी सरकारी अस्पताल भेजा है. इस मामले में आगे की जांच की जा रही है.
जानकारी के मुताबिक, मदुरै में गुरुसामी और राजपंडी गिरोह के बीच पिछले 21 साल से गैंगवार चल रहा था. इसकी शुरुआत साल 2003 में चिन्ना मुनीश की हत्या के साथ हुई थी. इस प्रतिद्वंद्विता में हाल ही में गुरुसामी गिरोह के सदस्य वागुथलाई मणि के दोस्त मुरुगनंधम की हत्या हुई थी, जो पुलिस भर्ती की तैयारी कर रहा था.
मुरुगनंधम की सड़क पर सिर कलम कर हत्या कर दी गई थी. आखिरकार साल 2023 में गुरुसामी पर पांच लोगों के एक गिरोह ने हमला किया, जब वह कोर्ट से लौट रहा था. उस समय से उसका इलाज चल रहा है. इसी बीच हाल ही में हुई एक हत्या के मामले में वांछित हिस्ट्रीशीटर सुभाष चंद्र बोस के बारे में पुलिस को सूचना मिली.
उसे पुलिस चेक पोस्ट पर रोका गया, लेकिन उसने रुकने से इनकार कर दिया. जब पुलिस ने उसे पकड़ने की कोशिश की, तो उसने दरांती से उन पर हमला कर दिया. पुलिस ने उसे चेतावनी दी, तो उसने एक देशी बंदूक निकाली और गोलीबारी करने लगा. इस दौरान पुलिस की जवाबी कार्रवाई में उसके सीने में गोली लगी और उसे अस्पताल ले जाया गया.
मदुरै के पुलिस आयुक्त जे. लोगनाथन ने बताया कि हिस्ट्रीशीटर सुभाष चंद्र बोस ने कांस्टेबल कर्ण और सरवनन पर गोली चलाई थी, जिसके बाद इंस्पेक्टर बुमीनाथन ने उस पर गोली चलाई. इस दौरान वो गंभीर रूप से घायल हो गया और अस्पताल में उसे डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया. बोस हत्या के कई बड़े मामलों में वांछित था.
पुलिस आयुक्त ने बताया, ''मृतक बदमाश की पहचान सुभाष चंद्र बोस के रूप में हुई है. वह हाल ही में हुई एक हत्या के मामले में वांछित था. हमें सूचना मिली कि वह शहर में है. उस सूचना के आधार पर हमने उसे गिरफ्तार करने की कोशिश की थी. उसने दो चेकपोस्ट पार किए, लेकिन पुलिस टीम ने आगे चलकर उसे रास्ते में ही घेर लिया था.''
उन्होंने कहा. "जब दो पुलिस कर्मियों ने उसे सरेंडर करने के लिए कहा, तो उसने हमला कर दिया. एक इंस्पेक्टर पर भी गोली चलाई. आत्मरक्षा के लिए इंस्पेक्टर ने अपनी सर्विस रिवॉल्वर से उस पर गोली चलाई. इस एनकाउंटर में घायल दोनों पुलिसकर्मियों को प्राथमिक इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया. वे अब पूरी तरह सुरक्षित हैं."