आपकी गाड़ी को पुलिस सड़क पर रोक ले, फिर आपकी चेकिंग करे और बाद में आपके मोबाइल के चैट पढ़ने लगे तो आपका क्या रिएक्शन होगा? यह सवाल हम इसलिए पूछ रहे हैं क्योंकि तेलंगाना पुलिस ने ड्रग्स लेने वालों की तलाश में एक ऐसे ही अभियान की शुरुआत की है, जिसमें वह राहगीरों के मोबाइल चैट को पढ़ रही है.
वीडियो सामने आने के बाद कई संगठनों ने इस पर आपत्ति जताई है और इसे निजता का उल्लंघन करार दिया है. दरअसल, तेलंगाना पुलिस गांजा-नशीले पदार्थों के खिलाफ अपने अभियान के दौरान पुराने शहर में वाहनों (विशेष रूप से दोपहिया वाहनों) की जांच कर रही है और ड्राइवरों के मोबाइल फोन में 'ड्रग्स' चैट की भी तलाशी कर रही है,
दक्षिण क्षेत्र के डीसीपी गजराव भूपाल के अनुसार, बहादुरपुरा थाना क्षेत्र के असदबाबा नगर क्षेत्र के तहत एक घेराबंदी तलाशी अभियान में 100 से अधिक पुलिसकर्मियों ने हिस्सा लिया और 58 वाहन जब्त किए गए, पिछले दो महीनों से, हम हैदराबाद कमिश्नरेट में ड्रग्स, गांजा के खिलाफ एक विशेष अभियान चला रहे हैं और आरोपियों को बख्शा नहीं जाएगा.
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हालांकि, डीसीपी गजराव भूपाल ने मोबाइल चैट पढ़ने के सवाल का जवाब नहीं दिया. वहीं, मोबाइल की तलाशी पर सामाजिक कार्यकर्ता श्रीनिवास कोडाली ने कहा, 'पुलिस गांजा जैसे शब्दों के लिए फोन चैट खोज रही है, तब तक प्रतीक्षा करें जब तक वे शब्दों को एनआरसी, मोदी या भाजपा से बदल नहीं देते.'
इंटरनेट फ्रीडम फाउंडेशन ने इसे 'अवैध और समान' करार दिया. कार्यकर्ता एसक्यू मकसूद ने इसे 'आम और अनपढ़ लोगों के लिए स्पष्ट उत्पीड़न' करार दिया. उन्होंने कहा कि पैदल चलने वालों को रोकना, उनके व्यक्तिगत सामानों की तलाशी लेना और मोबाइल फोन के चैट पढ़ना आप किस कानून के तहत कर सकते हैं?
इस बीच हैदराबाद के पुलिस आयुक्त अंजिनी कुमार ने कहा कि उन्हें वीडियो के बारे में जानकारी नहीं है और हम इसकी जांच करेंगे.