भारतीय खुफिया एजेंसियों को जानकारी मिली है कि आतंकी संगठन इंडियन मुजाहिद्दीन देश को दहलाने की साजिश का नया प्लान बना रहा है. एजेंसियों को इस संगठन से जुड़े आतंकियों का फुट प्रिंट मिला है.
आज तक/इंडिया टुडे को एजेंसियों के हवाले से मिली जानकारी के मुताबिक, पाकिस्तान समेत अलग-अलग देशों में छुपे या अंडरग्राउंड हो चुके इंडियन मुजाहिद्दीन के टॉप आतंकी भारत में स्लीपर सेल का नया मॉड्यूल खड़ा कर चुके हैं. अब इंडियन मुजाहिद्दीन को रिग्रुप किया गया है.
भारत में कई बम धमाके करने वाले आतंकी संगठन इंडियन मुजाहिद्दीन को लेकर मिले इस इनपुट के बाद एजेंसियां पूरी तरह सतर्क हो गई हैं. भारत की खुफिया एजेंसियां आतंकियों को मुंहतोड़ जवाब देने की तैयारी कर चुकी हैं.
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बता दें कि देश के अलग-अलग राज्यों में साल 2006 से लेकर 2013-14 तक आतंकी संगठन इंडियन मुजाहिद्दीन ने दिल्ली, मुंबई, गुजरात, बेंगलुरू हैदराबाद, पुणे और बिहार में दर्जनों आतंकी वारदातों को अंजाम दिया था. जिसमें सैकड़ों लोगों ने अपनी जान गंवाई थी. इसी आतंकी संगठन ने दिल्ली में साल 2008 में सीरियल ब्लास्ट को अंजाम दिया था.
इसके बाद दिल्ली पुलिस के स्पेशल सेल समेत अलग-अलग राज्यों की पुलिस ने सेंट्रल एजेंसियों के साथ मिलकर इंडियन मुजाहिद्दीन के स्लीपर सेल की कमर तोड़ दी थी. नेपाल में सालों से नाम बदलकर छुपे इंडियन मुजाहिद्दीन के फाउंडर मेंबर सुभान तौकरी और बाटला हाउस एनकाउंटर के बाद से फरार चल रहे आतंकी आरिज उर्फ जुनैद को साल 2018 में नेपाल बॉर्डर से गिरफ्तार किया गया था.
एजेंसियों का मानना था कि दोनों की गिरफ्तारी के बाद आतंकी संगठन इंडिया मुजाहिद्दीन का लगभग खात्मा हो चुका है. लेकिन आज तक/इंडिया टुडे को सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक भारत में पिछली कुछ आतंकी वारदातों की जांच के दौरान इंडियन मुजाहिद्दीन के टॉप आतंकियों के फुट प्रिंट मिले हैं, इसके बाद एजेंसी हरकत में आ गई है.
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आज तक/इंडिया टुडे को जानकारी मिली है कि हाल ही में दरभंगा रेलवे स्टेशन पर पार्सल बम से धमाका करने वाले आतंकियों में से एक आतंकी नासिर साल 2012 में जब पाकिस्तान ट्रेनिंग लेने गया था तो कराची में उसकी मुलाकात इंडियन मुजाहिद्दीन के नंबर वन आतंकी रियाज भटकल से हुई थी.
खुफिया सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक आतंकी संगठन आईएम के स्लीपर सेल के एक्टिव होने का इनपुट मिलना और IM का नए सिरे से खड़ा होना, ये यूं ही अचानक नहीं हुआ. दरअसल, इसके पीछे पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI का प्रेशर है. दरअसल, पिछले दिनों दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल ने सेंट्रल एजेंसियों के साथ मिलकर ISI और अंडरवर्ल्ड के बड़े टेरर मॉड्यूल का खुलासा किया था. इस मॉड्यूल को दाऊद इब्राहिम का भाई अनीस इब्राहिम लीड कर रहा था.
उसी दौरान एजेंसियों को पता चला था कि ISI ने पाकिस्तान में पनाह लेने वाले अंडरवर्ल्ड और इंडियन मुजाहिद्दीन के आतंकियों और खालिस्तानी आतंकियों पर दबाव बनाना शुरू कर दिया है कि वे भारत में कुछ बड़ा करें. मतलब आतंकी वारदातों को अंजाम दें. जिससे भारत में अस्थिरता पैदा हो और देश का माहौल बिगड़े.
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शायद यही वजह है की पाकिस्तान में बैठे अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम के भाई अनीस इब्राहिम को नया टेरर मॉड्यूल खड़ा कर दिल्ली और मुंबई को दहलाने की जिम्मेदारी दी गई थी. लेकिन सेंट्रल एजेंसी ने दिल्ली पुलिस के स्पेशल के साथ मिलकर नए मॉड्यूल का खुलासा कर दिया है.
दिल्ली पुलिस के पूर्व कमिश्नर और ईडी के पूर्व डायरेक्टर करनैल सिंह का कहना है कि जो पाकिस्तान में इंडियन मुजाहिद्दीन के टेररिस्ट हैं, वो इंडिया में स्लीपर सेल एक्टिवेट करने की कोशिश करते हैं और बहुत पॉसिबल है कि इंडियन मुजाहिद्दीन ने कुछ स्लीपर सेल क्रिएट कर दिए हों.
क्या होते हैं स्लीपर सेल?
करनैल सिंह के मुताबिक कुछ लोगों को पाकिस्तान में बुलाकर ट्रेनिंग दी जाती है. उनको टेररिस्ट एक्टिविटी के लिए एक्सपर्ट बनाया जाता है. फिर उनको भारत भेज दिया जाता है और किसी जगह पर उनको एस्टेब्लिश कर दिया जाता है. एस्टेब्लिश होने के लिए उनको टेररिस्ट ऑर्गनाइजेशन या पाकिस्तान से फंडिंग होती है. उस फंडिंग के जरिए वो कहीं सेटल हो जाते हैं. घर बना लेते हैं. कुछ बिजनेस शुरू कर देते हैं.
ऐसा लगता है कि वो नॉर्मल लाइफ जी रहे हैं. नॉर्मल काम कर रहे हैं. जब इंडियन मुजाहिद्दीन या किसी पाकिस्तान बेस्ड टेररिस्ट ऑर्गनाइजेशन को लगता है कि टेररिस्ट एक्टिविटी करनी है, तो इन वो इन स्लीपर सेल को एक्टिवेट कर देते हैं ताकि कोई ब्लास्ट किया जा सके.
करनैल सिंह ने बताया कि सितंबर 2008 में बाटला हाउस एनकाउंटर के बाद इंडियन मुजाहिद्दीन से जुड़े आतंकियों के खिलाफ काफी सबूत मिले. उन सबूतों के आधार पर भारत की जांच एजेंसियों ने टेररिस्ट को फॉलो किया और उसमें से अधिकतर टेररिस्ट पकड़े गए. लेकिन उनमें कुछ इंडियन मुजाहिद्दीन के टेररिस्ट पाकिस्तान भागने में कामयाब हो गए. जिनमें इकबाल भटकल, रियाज भटकल, मोहसिन चौधरी, डॉक्टर शाहनवाज वगैरह शामिल हैं.
इन फरार लोगों ने पाकिस्तान में शेल्टर लिया है. पाकिस्तानी एजेंसी ISI और पाकिस्तान बेस्ड जो टेररिस्ट ऑर्गनाइजेशन हैं, वो इन पर सडन प्रेशर डालती हैं कि वो इंडिया में ब्लास्ट करें. टेररिस्ट एक्टिविटी करें.