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IPC Section 122: सरकार के खिलाफ जंग करने के मकसद से हथियार जमा करने से जुड़ी है ये धारा

भारतीय दंड संहिता (IPC) की यह धारा भी भारत सरकार के खिलाफ होने वाले अपराध को परिभाषित करती है. ऐसा अपराध जिसमें सरकार के खिलाफ युद्ध छेड़ने या छेड़ने की कोशिश करने के मकसद से हथियार जमा करना आदि शामिल है.

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सरकार के खिलाफ किए जानेवाले अपराध से जुड़ी है ये धारा
सरकार के खिलाफ किए जानेवाले अपराध से जुड़ी है ये धारा
स्टोरी हाइलाइट्स
  • सरकार के खिलाफ किए जानेवाले अपराध से जुड़ी है ये धारा
  • अंग्रेजी शासनकाल में लागू हुई थी आईपीसी
  • अपराध और उनकी सजा का प्रावधान बताती है IPC

Indian Penal Code: भारतीय दंड संहिता (IPC) की यह धारा भी भारत सरकार के खिलाफ होने वाले अपराध को परिभाषित करती है. ऐसा अपराध जिसमें सरकार के खिलाफ युद्ध छेड़ने या छेड़ने की कोशिश करने के मकसद से हथियार जमा करना आदि शामिल है. आईपीसी की धारा 122 (Section 122) में भारत सरकार के खिलाफ ऐसा करने व्यक्ति या समूह के खिलाफ कड़ी सजा का प्रावधान है. चलिए जानते हैं कि आईपीसी की धारा 122 इस बारे में क्या जानकारी देती है?

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आईपीसी की धारा 122 (Indian Penal Code Section 122)
भारतीय दंड संहिता 1860 की धारा 122 (Section 122) में भारत सरकार (Government of India) के विरुद्ध युद्ध करने के आशय से (Intention of waging war) हथियार आदि एकत्र करना (collection of weapons) और उसकी सजा के बारे में बताया गया है. IPC की धारा 122 के मुताबिक, जो कोई भी भारत सरकार के खिलाफ युद्ध छेड़ने (wage war against the Govern­ment of India) या युद्ध छेड़ने के इरादे से पुरुषों, हथियारों या गोला-बारूद (Arms or ammunition) को इकट्ठा करता है या अन्यथा युद्ध छेड़ने की तैयारी (Preparation for war) करता है, उसे आजीवन कारावास (Life imprisonment) या दस साल से अधिक की अवधि के लिए किसी भी तरह के कारावास (Imprisonment) से दंडित किया जाएगा और जुर्माने (Fine) के लिए भी उत्तरदायी (Liable) होगा.

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इसे भी पढ़ें--- IPC Section 121: भारत सरकार के खिलाफ जंग छेड़ना या बहकाना परिभाषित करती है ये धारा 

क्या होती है आईपीसी (IPC)
भारतीय दंड संहिता (Indian Penal Code) IPC भारत में यहां के किसी भी नागरिक (Citizen) द्वारा किये गये कुछ अपराधों (certain offenses) की परिभाषा (Definition) और दंड (Punishment) का प्रावधान (Provision) करती है. आपको बता दें कि यह भारत की सेना (Indian Army) पर लागू नहीं होती है. पहले आईपीसी (IPC) जम्मू एवं कश्मीर में भी लागू नहीं होती थी. लेकिन धारा 370 हटने के बाद वहां भी आईपीसी लागू हो गई. इससे पहले वहां रणबीर दंड संहिता (RPC) लागू होती थी.

अंग्रेजों ने लागू की थी IPC
ब्रिटिश कालीन भारत (British India) के पहले कानून आयोग (law commission) की सिफारिश (Recommendation) पर आईपीसी (IPC) 1860 में अस्तित्व में आई. और इसके बाद इसे भारतीय दंड संहिता (Indian Penal Code) के तौर पर 1862 में लागू किया गया था. मौजूदा दंड संहिता को हम सभी भारतीय दंड संहिता 1860 के नाम से जानते हैं. इसका खाका लॉर्ड मेकाले (Lord Macaulay) ने तैयार किया था. बाद में समय-समय पर इसमें कई तरह के बदलाव किए जाते रहे हैं.

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