Indian Penal Code: भारतीय दंड संहिता (IPC) की इस धारा में भारत सरकार के खिलाफ जंग की साजिश को आसान बनाने के मकसद से छुपाना एक अपराध माना गया है. आईपीसी की धारा 123 (Section 123) में भारत सरकार के खिलाफ ऐसी ही साजिश को छुपाने के बारे में विस्तार से प्रावधान किया गया है. आइए जानते हैं कि आईपीसी की धारा 123 इस बारे में क्या कहती है?
आईपीसी की धारा 123 (Indian Penal Code Section 123)
भारतीय दंड संहिता 1860 की धारा 123 (Section 123) के अनुसार, जो कोई भारत सरकार के विरुद्ध युद्ध (Wage war against the Government of India) करने की परिकल्पना के अस्तित्वों (Hypotheses of existence) को किसी कार्य द्वारा, या किसी अवैध लोप (illegal omission) द्वारा, इस आशय से कि इस प्रकार छिपाने के द्वारा ऐसे युद्ध करने को सुकर (Easy) बनाए, या यह सम्भाव्य (Potential) जानते हुए कि इस प्रकार छिपाने के द्वारा ऐसे युद्ध करने को सुकर बनाएगा या छिपाएगा, वह अपराधी माना जाएगा.
साधारण शब्दों में कहें तो अगर कोई भी व्यक्ति भारत सरकार के खिलाफ युद्ध छेड़ने के लिए किसी षडयंत्र के माध्यम से अपने इरादे को छिपाता है या किसी गैर कानूनी तरीके से उसे छिपाता है तो ऐसे व्यक्ति पर भारतीय दण्ड संहिता की धारा 123 के तहत कायर्वाही होती है.
सजा का प्रावधान
ऐसे अपराध को संगीन अपराध (Capital crime) माना गया है. जिसके लिए किसी भांति के कारावास से दंडित (Punished with imprisonment) किया जा सकता है. जिसकी अवधि अधिकतम दस वर्ष तक की हो सकेगी. साथ ही दोषी पर जुर्माना (Fine on the guilty) भी लगाया जा सकता है. या दोषी को दोनों ही प्रकार से दंडित किया जाएगा. यह एक गैर-जमानती (Non-bailable) और संज्ञेय अपराध (Cognizable offenses) है. जिसकी सुनवाई सत्र न्यायालय (Sessions court) के न्यायधीश द्वारा विचारणीय होगी.
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क्या होती है आईपीसी (IPC)
भारतीय दंड संहिता (Indian Penal Code) IPC भारत में यहां के किसी भी नागरिक (Citizen) द्वारा किये गये कुछ अपराधों (certain offenses) की परिभाषा (Definition) और दंड (Punishment) का प्रावधान (Provision) करती है. आपको बता दें कि यह भारत की सेना (Indian Army) पर लागू नहीं होती है. पहले आईपीसी (IPC) जम्मू एवं कश्मीर में भी लागू नहीं होती थी. लेकिन धारा 370 हटने के बाद वहां भी आईपीसी लागू हो गई. इससे पहले वहां रणबीर दंड संहिता (RPC) लागू होती थी.
अंग्रेजों ने लागू की थी IPC
ब्रिटिश कालीन भारत (British India) के पहले कानून आयोग (law commission) की सिफारिश (Recommendation) पर आईपीसी (IPC) 1860 में अस्तित्व में आई. और इसके बाद इसे भारतीय दंड संहिता (Indian Penal Code) के तौर पर 1862 में लागू किया गया था. मौजूदा दंड संहिता को हम सभी भारतीय दंड संहिता 1860 के नाम से जानते हैं. इसका खाका लॉर्ड मेकाले (Lord Macaulay) ने तैयार किया था. बाद में समय-समय पर इसमें कई तरह के बदलाव किए जाते रहे हैं.