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IPC Section 126: किसी मित्र देश के क्षेत्र में लूटपाट जैसे अपराध करने से जुड़ी है ये धारा

आईपीसी की धारा 126 (Section 126) में भारत सरकार से मैत्री संबंध रखने वाली किसी शक्ति के क्षेत्र में लूटपाट या लूटपाट की कोशिश करने के अपराध को परिभाषित किया गया है. आइए जानते हैं कि भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 126 इस बारे में क्या कहती है?

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मित्र देश के क्षेत्र में लूटपाट करने से जुड़ी है ये धारा
मित्र देश के क्षेत्र में लूटपाट करने से जुड़ी है ये धारा
स्टोरी हाइलाइट्स
  • मित्र देश के क्षेत्र में लूटपाट करने से जुड़ी है ये धारा
  • अंग्रेजी शासनकाल में लागू हुई थी आईपीसी
  • जुर्म और सजा का प्रावधान बताती है IPC

Indian Penal Code: भारत सरकार के खिलाफ जंग की साजिश करने और उसे छुपाने की बात तो धारा 123 में परिभाषित है. इसी इसी प्रकार भारत के किसी एशियाई मित्र देश के खिलाफ जंग को लेकर भी आईपीसी में प्रावधान है. लेकिन आईपीसी की धारा 126 (Section 126) में भारत सरकार से मैत्री संबंध रखने वाली किसी शक्ति के क्षेत्र में लूटपाट या लूटपाट की कोशिश करने के अपराध को परिभाषित किया गया है. आइए जानते हैं कि भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 126 इस बारे में क्या कहती है?

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आईपीसी की धारा 126 (Indian Penal Code Section 126)
भारतीय दंड संहिता 1860 की धारा 126 (Section 126) के मुताबिक, जो कोई भारत सरकार (Indian government) से मैत्री या शांति का संबंध (Relation of friendship or peace) रखने वाली किसी शक्ति के राज्यक्षेत्र (Territories of power) में लूटपाट करेगा या लूटपाट करने की कोशिश (Plunder or attempt to plunder) करेगा, वह आईपीसी के तहत अपराधी (Offender) माना जाएगा. यह एक गंभीर अपराध है और समझौता करने योग्य नहीं है. ऐसा करने से भारत सरकार के संबंध अन्य देश के साथ ख़राब हो सकते हैं.

सजा का प्रावधान
ऐसे अपराध के लिए दोषी (Guilty) पाए जाने पर कारावास से दंडित (Punished with imprisonment) किया जाएगा, जिसकी अवधि सात वर्ष तक की हो सकेगी. साथ ही उस पर जुर्माना (Fine) भी लगाया जाएगा. या फिर दोनों ही प्रकार से उसे दंडित किया जाएगा. इसके साथ ही ऐसी लूटपाट की घटना को अंजाम देने के लिए इस्तेमाल में लाई गई या लाई जाने के लिए आशयित या ऐसी लूटपाट द्वारा अर्जित संपत्ति को जब्त (Confiscation of acquired property) किया जाएगा.

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इसे भी पढ़ें--- IPC Section 125: भारत सरकार के किसी एशियाई मित्र देश के खिलाफ जंग छेड़ने से जुड़ी है ये धारा 

क्या होती है आईपीसी (IPC)
भारतीय दंड संहिता (Indian Penal Code) IPC भारत में यहां के किसी भी नागरिक (Citizen) द्वारा किये गये कुछ अपराधों (certain offenses) की परिभाषा (Definition) और दंड (Punishment) का प्रावधान (Provision) करती है. आपको बता दें कि यह भारत की सेना (Indian Army) पर लागू नहीं होती है. पहले आईपीसी (IPC) जम्मू एवं कश्मीर में भी लागू नहीं होती थी. लेकिन धारा 370 हटने के बाद वहां भी आईपीसी लागू हो गई. इससे पहले वहां रणबीर दंड संहिता (RPC) लागू होती थी.

अंग्रेजों ने लागू की थी IPC
ब्रिटिश कालीन भारत (British India) के पहले कानून आयोग (law commission) की सिफारिश (Recommendation) पर आईपीसी (IPC) 1860 में अस्तित्व में आई. और इसके बाद इसे भारतीय दंड संहिता (Indian Penal Code) के तौर पर 1862 में लागू किया गया था. मौजूदा दंड संहिता को हम सभी भारतीय दंड संहिता 1860 के नाम से जानते हैं. इसका खाका लॉर्ड मेकाले (Lord Macaulay) ने तैयार किया था. बाद में समय-समय पर इसमें कई तरह के बदलाव किए जाते रहे हैं.

 

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