Indian Penal Code: भारतीय दंड संहिता सेना, नौसेना और वायु सेना के अधिकारियों और कर्मचारियों के संबंध में कानूनी प्रावधान करती है. इसी कड़ी में आईपीसी की धारा 135 में सैनिक, नौसैनिक या वायुसैनिक का बहकावे में आकर काम छोड़कर भाग जाना परिभाषित किया गया है. चलिए जान लेते हैं कि IPC की धारा 135 इस बारे में क्या बताती है?
आईपीसी की धारा 135 (Indian Penal Code Section 135)
भारतीय दंड संहिता 1860 की धारा 135 (Section 135) सैनिक को काम छोड़कर भाग जाने के लिए बहकाना एक अपराध (Offence) बताया गया है, जिसके लिए दंड का प्रावधान भी है. IPC की धारा 135 के अनुसार, जो कोई भी भारत सरकार की सेना (Army), नौसेना (Navy) या वायु सेना (Air Force) में किसी अधिकारी, सैनिक, नाविक या वायुसैनिक को परित्याग के लिए उकसाता (incites to abandon) है, तो वह अपराधी (Offender) माना जाएगा.
सजा का प्रावधान (Punishment provision)
ऐसा करने वाले को कारावास से दंडित (Punished with imprisonment) किया जाएगा, जिसकी अवधि दो वर्ष तक की हो सकेगी. या उस पर आर्थिक जुर्माना (Monetary penalty) भी किया जाएगा. या फिर ऐसे दोषी को दोनों तरह से दंडित किया जाएगा. यह एक जमानतीय (Bailable) और संज्ञेय अपराध (Cognizable offense) है. लेकिन यह अपराध समझौता योग्य नहीं (Not negotiable) है. ऐसा मामला किसी भी श्रेणी के मजिस्ट्रेट (Magistrate) द्वारा विचारणीय है.
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क्या होती है आईपीसी (IPC)
भारतीय दंड संहिता (Indian Penal Code) IPC भारत में यहां के किसी भी नागरिक (Citizen) द्वारा किये गये कुछ अपराधों (certain offenses) की परिभाषा (Definition) और दंड (Punishment) का प्रावधान (Provision) करती है. आपको बता दें कि यह भारत की सेना (Indian Army) पर लागू नहीं होती है. पहले आईपीसी (IPC) जम्मू एवं कश्मीर में भी लागू नहीं होती थी. लेकिन धारा 370 हटने के बाद वहां भी आईपीसी लागू हो गई. इससे पहले वहां रणबीर दंड संहिता (RPC) लागू होती थी.
अंग्रेजों ने लागू की थी IPC
ब्रिटिश कालीन भारत (British India) के पहले कानून आयोग (law commission) की सिफारिश (Recommendation) पर आईपीसी (IPC) 1860 में अस्तित्व में आई. और इसके बाद इसे भारतीय दंड संहिता (Indian Penal Code) के तौर पर 1862 में लागू किया गया था. मौजूदा दंड संहिता को हम सभी भारतीय दंड संहिता 1860 के नाम से जानते हैं. इसका खाका लॉर्ड मेकाले (Lord Macaulay) ने तैयार किया था. बाद में समय-समय पर इसमें कई तरह के बदलाव किए जाते रहे हैं.
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