scorecardresearch
 

IPC Section 137: मालिक की लापरवाही से कमर्शियल जलयान पर छिपा हो भगोड़ा, लागू होती है ये धारा

आईपीसी की धारा 137 में भगोड़े सैनिक, नौसैनिक या वायुसैनिक के बारे में प्रावधान किया गया है, जो मालिक की लापरवाही से किसी कारोबारी जलयान पर छिपा हुआ हो. चलिए जान लेते हैं कि IPC की धारा 137 के इस बारे में क्या कहती है?

Advertisement
X
कारोबारी जलयान पर छुपे भगोड़े से जुड़ी है ये धारा
कारोबारी जलयान पर छुपे भगोड़े से जुड़ी है ये धारा
स्टोरी हाइलाइट्स
  • कमर्शियल जलयान पर छुपे भगोड़े से जुड़ी है ये धारा
  • अंग्रेजी शासनकाल में लागू हुई थी आईपीसी
  • जुर्म की सजा का प्रावधान बताती है IPC

Indian Penal Code: भारत की सेना, नौसेना और वायु सेना के अधिकारियों और कर्मचारियों को लेकर भारतीय दंड संहिता (IPC) में कई तरह के कानूनी प्रावधान दर्ज हैं. इसी प्रकार आईपीसी की धारा 137 में भगोड़े सैनिक, नौसैनिक या वायुसैनिक के बारे में प्रावधान किया गया है, जो मालिक की लापरवाही से किसी कारोबारी जलयान पर छिपा हुआ हो. चलिए जान लेते हैं कि IPC की धारा 137 के इस बारे में क्या कहती है?

Advertisement

आईपीसी की धारा 137 (Indian Penal Code Section 137)  
भारतीय दंड संहिता 1860 की धारा 137 (Section 137) में ऐसे भगोड़े सैनिक के बारे में बताया गया है, जो मालिक की लापरवाही से किसी कारोबारी जलयान पर छिपा हुआ हो. IPC की धारा 137 के मुताबिक, किसी ऐसे वाणिज्यिक जलयान का, जिस पर भारत सरकार की सेना, नौसेना या वायुसेना का कोई अभित्याजक छिपा हुआ हो, मास्टर या भारसाधक व्यक्ति, यद्यपि वह ऐसे छिपने के सम्बन्ध में अनभिज्ञ हो, ऐसी शास्ति से दण्डनीय होगा जो पांच सौ रुपए से अधिक नहीं होगी, यदि उसे ऐसे छिपने का ज्ञान हो सकता था, किन्तु केवल इस कारण नहीं हुआ कि ऐसे मास्टर या भार-साधक व्यक्ति के नाते उसके कर्त्तव्य में कुछ उपेक्षा हुई, या उस जलयान पर अनुशासन का कुछ अभाव था.

इसे भी पढ़ें--- IPC Section 136: किसी भगोड़े सैनिक को पनाह देने के मामले में प्रावधान बताती है ये धारा 

Advertisement

क्या होती है आईपीसी (IPC)
भारतीय दंड संहिता (Indian Penal Code) IPC भारत में यहां के किसी भी नागरिक (Citizen) द्वारा किये गये कुछ अपराधों (certain offenses) की परिभाषा (Definition) और दंड (Punishment) का प्रावधान (Provision) करती है. आपको बता दें कि यह भारत की सेना (Indian Army) पर लागू नहीं होती है. पहले आईपीसी (IPC) जम्मू एवं कश्मीर में भी लागू नहीं होती थी. लेकिन धारा 370 हटने के बाद वहां भी आईपीसी लागू हो गई. इससे पहले वहां रणबीर दंड संहिता (RPC) लागू होती थी.

अंग्रेजों ने लागू की थी IPC
ब्रिटिश कालीन भारत (British India) के पहले कानून आयोग (law commission) की सिफारिश (Recommendation) पर आईपीसी (IPC) 1860 में अस्तित्व में आई. और इसके बाद इसे भारतीय दंड संहिता (Indian Penal Code) के तौर पर 1862 में लागू किया गया था. मौजूदा दंड संहिता को हम सभी भारतीय दंड संहिता 1860 के नाम से जानते हैं. इसका खाका लॉर्ड मेकाले (Lord Macaulay) ने तैयार किया था. बाद में समय-समय पर इसमें कई तरह के बदलाव किए जाते रहे हैं.

 

Advertisement
Advertisement