Indian Penal Code: भारतीय दंड संहिता (IPC) की कुछ धाराओं में भारत की सेना (Army), नौसेना (Navy) और वायु सेना (Air Force) के अधिकारियों (Officers) और कर्मचारियों (Staff) के संबंध में कानूनी प्रावधान किए गए हैं. इसी प्रकार से आईपीसी की धारा 139 में कुछ अधिनियमों के अधीन व्यक्ति की स्थिति को परिभाषित किया गया है. चलिए जान लेते हैं कि आईपीसी की धारा 139 के इस विषय में क्या कहती है?
आईपीसी की धारा 139 (Indian Penal Code Section 139)
भारतीय दंड संहिता 1860 की धारा 139 (Section 139) के अनुसार, कोई व्यक्ति, जो आर्मी एक्ट, सेना अधिनियम, 1950, (1950 का 46), नेवल डिसिप्लिन एक्ट, इंडियन नेवी (अनुशासन) अधिनियम, 1934 (1934 का 34), एयर फोर्स एक्ट या वायुसेना अधिनियम, 1950 (1950 का 45) के अध्यधीन है, इस अध्याय में परिभाषित अपराधों में से किसी के लिए भी वह इस संहिता के अधीन दंडनीय नहीं है.
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क्या होती है आईपीसी (IPC)
भारतीय दंड संहिता (Indian Penal Code) IPC भारत में यहां के किसी भी नागरिक (Citizen) द्वारा किये गये कुछ अपराधों (certain offenses) की परिभाषा (Definition) और दंड (Punishment) का प्रावधान (Provision) करती है. आपको बता दें कि यह भारत की सेना (Indian Army) पर लागू नहीं होती है. पहले आईपीसी (IPC) जम्मू एवं कश्मीर में भी लागू नहीं होती थी. लेकिन धारा 370 हटने के बाद वहां भी आईपीसी लागू हो गई. इससे पहले वहां रणबीर दंड संहिता (RPC) लागू होती थी.
अंग्रेजों ने लागू की थी IPC
ब्रिटिश कालीन भारत (British India) के पहले कानून आयोग (law commission) की सिफारिश (Recommendation) पर आईपीसी (IPC) 1860 में अस्तित्व में आई. और इसके बाद इसे भारतीय दंड संहिता (Indian Penal Code) के तौर पर 1862 में लागू किया गया था. मौजूदा दंड संहिता को हम सभी भारतीय दंड संहिता 1860 के नाम से जानते हैं. इसका खाका लॉर्ड मेकाले (Lord Macaulay) ने तैयार किया था. बाद में समय-समय पर इसमें कई तरह के बदलाव किए जाते रहे हैं.