Indian Penal Code: हमारे देश में कई लोग सेना में भर्ती होना चाहते हैं, लेकिन बहुत कम लोगों को ऐसा मौका मिलता है कि वे सेना की गौरवशाली वर्दी पहन सकें. कई लोग सेना में नहीं होते मगर फिर भी वे शौक में सेना जैसी वर्दी पहन लेते हैं. भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 140 में ऐसे ही लोगों के खिलाफ प्रावधान किया गया है, जो अवैध रूप से सैन्य वर्दी पहन लेते हैं. आइए जानते हैं कि आईपीसी की धारा 140 ऐसे अपराध के लिए क्या बताती है?
आईपीसी की धारा 140 (Indian Penal Code Section 140)
भारतीय दंड संहिता 1860 की धारा 140 (Section 140) में बताया गया है कि सैनिक (Soldier), नौसैनिक (Sailor) या वायुसैनिक (Airman) द्वारा उपयोग में लाई जाने वाली वर्दी (Uniform) पहनना या उन जैसे स्टार और निशान धारण करना (Star and mark) अपराध है. IPC की धारा 140 के मुताबिक, जो कोई भारत सरकार की सेना (Army), नौसेना (Navy) या वायुसेना (Air Force) का सैनिक, नौसैनिक या वायुसैनिक न होते हुए भी इस आशय से कि यह विश्वास किया जाए कि वह ऐसा सैनिक, नौसैनिक या वायुसैनिक है, और वह उन जैसी कोई पोशाक पहनेगा या ऐसे टोकन धारण करेगा जो सैनिक, नौसैनिक या वायुसैनिक द्वारा उपयोग में लाई जाने वाली पोशाक या टोकन से मिलते हैं, तो वह अपराधी (Offender) माना जाएगा.
सजा का प्रावधान (Punishment provision)
ऐसा अपराध करने वाला व्यक्ति दोषी (Guilty) पाया जाएगा तो उसे किसी भांति के कारावास से दंडित (Punished with imprisonment) किया जाएगा. जिसकी अवधि तीन मास तक की होगी. या उस पर जुर्माना (Fine) किया जाएगा, जो पांच सौ रुपये तक का हो सकेगा. या उसे दोनों ही तरह से दंडित (Punished) किया जाएगा.
इसे भी पढ़ें--- IPC Section 139: सेना अधिनियम, नेवल एक्ट और एयरफोर्स एक्ट से जुड़ी ये धारा
क्या होती है आईपीसी (IPC)
भारतीय दंड संहिता (Indian Penal Code) IPC भारत में यहां के किसी भी नागरिक (Citizen) द्वारा किये गये कुछ अपराधों (certain offenses) की परिभाषा (Definition) और दंड (Punishment) का प्रावधान (Provision) करती है. आपको बता दें कि यह भारत की सेना (Indian Army) पर लागू नहीं होती है. पहले आईपीसी (IPC) जम्मू एवं कश्मीर में भी लागू नहीं होती थी. लेकिन धारा 370 हटने के बाद वहां भी आईपीसी लागू हो गई. इससे पहले वहां रणबीर दंड संहिता (RPC) लागू होती थी.
अंग्रेजों ने लागू की थी IPC
ब्रिटिश कालीन भारत (British India) के पहले कानून आयोग (law commission) की सिफारिश (Recommendation) पर आईपीसी (IPC) 1860 में अस्तित्व में आई. और इसके बाद इसे भारतीय दंड संहिता (Indian Penal Code) के तौर पर 1862 में लागू किया गया था. मौजूदा दंड संहिता को हम सभी भारतीय दंड संहिता 1860 के नाम से जानते हैं. इसका खाका लॉर्ड मेकाले (Lord Macaulay) ने तैयार किया था. बाद में समय-समय पर इसमें कई तरह के बदलाव किए जाते रहे हैं.