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IPC Section 141: गैरकानूनी रूप से कहीं जमा होना है जुर्म, लागू होती है आईपीसी की धारा 141

आईपीसी की धारा 141 में ऐसे लोगों के खिलाफ प्रावधान किया गया है, जो गैर कानूनी तौर पर किसी स्थान पर जमा होते हैं. चलिए जान लेते हैं कि आईपीसी की धारा 141 इस बारे में क्या कहती है?

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विधि विरुद्ध जमाव से संबंधित है ये धारा
विधि विरुद्ध जमाव से संबंधित है ये धारा
स्टोरी हाइलाइट्स
  • विधि विरुद्ध जमाव से संबंधित है ये धारा
  • अंग्रेजी शासनकाल में लागू हुई थी आईपीसी
  • जुर्म और सजा का प्रावधान बताती है IPC

Indian Penal Code: भारतीय दंड संहिता (IPC) की धाराओं में कई प्रकार के अपराध (Offence) और उनकी सजा (Punishment) को लेकर प्रावधान (Provisions) किए गए हैं. इसी तरह से आईपीसी की धारा 141 में ऐसे लोगों के खिलाफ प्रावधान किया गया है, जो गैर कानूनी तौर पर किसी स्थान पर जमा होते हैं. चलिए जान लेते हैं कि आईपीसी की धारा 141 इस बारे में क्या कहती है?

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आईपीसी की धारा 141 (Indian Penal Code Section 141) 

भारतीय दंड संहिता 1860 की धारा 141 (Section 141) में कानून के खिलाफ जाकर कहीं पांच या उससे अधिक लोगों का जमा होना बताया गया है. दरअसल, आईपीसी (IPC) की धारा 141 के मुताबिक पांच या अधिक व्यक्तियों का जमाव “विधिविरुद्ध जमाव” कहा जाता है, यदि उन व्यक्तियों का, जिनसे वह जमाव गठित हुआ है, सामान्य उद्देश्य हो-

(1) केन्द्रीय सरकार को, या किसी राज्य सरकार को, या संसद को, या किसी राज्य के विधान मण्डल को, या किसी लोक सेवक को, जबकि वह ऐसे लोक सेवक की विधिपूर्ण शक्ति का प्रयोग कर रहा हो, आपराधिक बल द्वारा या आपराधिक बल के प्रदर्शन द्वारा आतंकित करना, अथवा

(2) किसी विधि के, या किसी वैध आदेशिका के निष्पादन का प्रतिरोध करना, अथवा

(3) किसी रिष्टि या आपराधिक अतिचार या अन्य अपराध का करना, अथवा

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(4) किसी व्यक्ति पर आपराधिक बल द्वारा या आपराधिक बल के प्रदर्शन द्वारा किसी सम्पत्ति का कब्जा लेना या अभिप्राप्त करना या किसी व्यक्ति को किसी मार्ग के अधिकार के उपभोग से, या जल का उपभोग करने के अधिकार या अन्य अमूर्त अधिकार से, जिसका वह कब्जा रखता हो, या उपभोग करता हो, वंचित करना या किसी अधिकार या अनुमित अधिकार को प्रवर्तित करना, अथवा

(5) आपराधिक बल द्वारा या आपराधिक बल के प्रदर्शन द्वारा किसी व्यक्ति को वह करने के लिए, जिसे करने के लिए वह वैध रूप से आबद्ध न हो या उसका लोप करने के लिए, जिसे करने का वह वैध रूप से हकदार हो, विवश करना.

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क्या होती है आईपीसी (IPC)

भारतीय दंड संहिता (Indian Penal Code) IPC भारत में यहां के किसी भी नागरिक (Citizen) द्वारा किये गये कुछ अपराधों (certain offenses) की परिभाषा (Definition) और दंड (Punishment) का प्रावधान (Provision) करती है. आपको बता दें कि यह भारत की सेना (Indian Army) पर लागू नहीं होती है. पहले आईपीसी (IPC) जम्मू एवं कश्मीर में भी लागू नहीं होती थी. लेकिन धारा 370 हटने के बाद वहां भी आईपीसी लागू हो गई. इससे पहले वहां रणबीर दंड संहिता (RPC) लागू होती थी.

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अंग्रेजों ने लागू की थी IPC

ब्रिटिश कालीन भारत (British India) के पहले कानून आयोग (law commission) की सिफारिश (Recommendation) पर आईपीसी (IPC) 1860 में अस्तित्व में आई. और इसके बाद इसे भारतीय दंड संहिता (Indian Penal Code) के तौर पर 1862 में लागू किया गया था. मौजूदा दंड संहिता को हम सभी भारतीय दंड संहिता 1860 के नाम से जानते हैं. इसका खाका लॉर्ड मेकाले (Lord Macaulay) ने तैयार किया था. बाद में समय-समय पर इसमें कई तरह के बदलाव किए जाते रहे हैं.

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