Indian Penal Code: भारतीय दंड संहिता (IPC) की धाराओं में कई प्रकार कानूनी प्रावधान (Provisions) किए गए हैं. ऐसे ही आईपीसी की धारा 144 ऐसे व्यक्ति के लिए सजा का प्रावधान करती है, जो गैर कानूनी (Unlawful) तौर पर जमा भीड़ में घातक हथियार लेकर जाता है. आइए जान लेते हैं कि आईपीसी की धारा 144 इस बारे में क्या कहती है?
आईपीसी की धारा 144 (Indian Penal Code Section 144)
भारतीय दंड संहिता 1860 की धारा 144 (Section 144) के मुताबिक, जो कोई किसी घातक आयुध (Lethal armament) से या किसी ऐसी चीज से, जिससे आक्रामक आयुध (Offensive armament) के रूप में उपयोग किए जाने पर मृत्यु कारित (Cause of death) होनी संभाव्य है, सज्जित होते हुए किसी विधिविरुद्ध जमाव (Unlawful assembly) का सदस्य होगा और वहां शामिल होगा, वह अपराधी (Offender) माना जाएगा.
सजा का प्रावधान (Punishment provision)
ऐसा करने वाले को किसी भांति के कारावास से दंडित (Punished with imprisonment) किया जाएगा. जिसकी अवधि दो वर्ष तक की हो सकती है. या उस पर आर्थिक जुर्माना (Monetary penalty) किया जाएगा. या फिर उसे दोनों ही तरह से दंडित किया जाएगा. यह एक जमानती (Bailable) और संज्ञेय अपराध (Cognizable offenses) है. जो किसी भी मजिस्ट्रेट (Magistrate) द्वारा विचारणीय है. यह अपराध समझौता करने योग्य नहीं (Not negotiable) है.
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क्या होती है आईपीसी (IPC)
भारतीय दंड संहिता (Indian Penal Code) IPC भारत में यहां के किसी भी नागरिक (Citizen) द्वारा किये गये कुछ अपराधों (certain offenses) की परिभाषा (Definition) और दंड (Punishment) का प्रावधान (Provision) करती है. आपको बता दें कि यह भारत की सेना (Indian Army) पर लागू नहीं होती है. पहले आईपीसी (IPC) जम्मू एवं कश्मीर में भी लागू नहीं होती थी. लेकिन धारा 370 हटने के बाद वहां भी आईपीसी लागू हो गई. इससे पहले वहां रणबीर दंड संहिता (RPC) लागू होती थी.
अंग्रेजों ने लागू की थी IPC
ब्रिटिश कालीन भारत (British India) के पहले कानून आयोग (law commission) की सिफारिश (Recommendation) पर आईपीसी (IPC) 1860 में अस्तित्व में आई. और इसके बाद इसे भारतीय दंड संहिता (Indian Penal Code) के तौर पर 1862 में लागू किया गया था. मौजूदा दंड संहिता को हम सभी भारतीय दंड संहिता 1860 के नाम से जानते हैं. इसका खाका लॉर्ड मेकाले (Lord Macaulay) ने तैयार किया था. बाद में समय-समय पर इसमें कई तरह के बदलाव किए जाते रहे हैं.