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IPC Section 148: घातक हथियार से लैस होकर किया बलवा तो लागू होगी ये धारा

आईपीसी की धारा 148 के तहत घातक हथियार लेकर बल्वा करने के बारे में प्रावधान किया गया है. आइए जानते हैं कि आईपीसी की धारा 148 इस विषय में क्या बताती है?

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घातक हथियार के साथ बल्वा करने से जुड़ी है ये धारा
घातक हथियार के साथ बल्वा करने से जुड़ी है ये धारा
स्टोरी हाइलाइट्स
  • घातक हथियार के साथ बलवा करने से जुड़ी है ये धारा
  • अंग्रेजी शासनकाल में लागू हुई थी आईपीसी
  • जुर्म और सजा का प्रावधान बताती है IPC

Indian Penal Code: भारतीय दंड संहिता (IPC) की कई धाराओं में बल्वा, दंगा और उपद्रव जैसे अपराधों को लेकर कानूनी प्रावधान (Provisions) भी मौजूद हैं. जिनका इस्तेमाल कोर्ट और पुलिस ज़रूरत पड़ने पर करते हैं. ऐसे ही आईपीसी की धारा 148 के तहत घातक हथियार लेकर बल्वा करने के बारे में प्रावधान किया गया है. आइए जानते हैं कि आईपीसी की धारा 148 इस विषय में क्या बताती है?

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आईपीसी की धारा 148 (Indian Penal Code Section 148) 

भारतीय दंड संहिता 1860 की धारा 148 (Section 148) में घातक आयुध से लैस होकर बल्वा करना परिभाषित किया गया है. IPC की धारा 148 के अनुसार, जो कोई घातक आयुध (Deadly weapon) से या किसी ऐसी चीज से, जिससे आक्रामक आयुध (Offensive armament) के रूप में उपयोग किए जाने पर मृत्यु कारित होनी संभाव्य (likely to cause death) हो, सज्जित होते हुए बल्वा करने का दोषी (Guilty of rioting) होगा, वह किसी भांति के कारावास से दंडित (Punished with imprisonment) होगा, जिसकी अवधि तीन वर्ष की हो सकेगी. या फिर उस पर आर्थिक जुर्माना (Monetary penalty) लगाया जाएगा. या फिर उसे दोनों तरह से दंडित (Punished) किया जाएगा.

इसे भी पढ़ें--- IPC Section 147: दंगा करने वालों के लिए सजा का प्रावधान करती है धारा 147 

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क्या होती है आईपीसी (IPC)

भारतीय दंड संहिता (Indian Penal Code) IPC भारत में यहां के किसी भी नागरिक (Citizen) द्वारा किये गये कुछ अपराधों (certain offenses) की परिभाषा (Definition) और दंड (Punishment) का प्रावधान (Provision) करती है. आपको बता दें कि यह भारत की सेना (Indian Army) पर लागू नहीं होती है. पहले आईपीसी (IPC) जम्मू एवं कश्मीर में भी लागू नहीं होती थी. लेकिन धारा 370 हटने के बाद वहां भी आईपीसी लागू हो गई. इससे पहले वहां रणबीर दंड संहिता (RPC) लागू होती थी.

अंग्रेजों ने लागू की थी IPC

ब्रिटिश कालीन भारत (British India) के पहले कानून आयोग (law commission) की सिफारिश (Recommendation) पर आईपीसी (IPC) 1860 में अस्तित्व में आई. और इसके बाद इसे भारतीय दंड संहिता (Indian Penal Code) के तौर पर 1862 में लागू किया गया था. मौजूदा दंड संहिता को हम सभी भारतीय दंड संहिता 1860 के नाम से जानते हैं. इसका खाका लॉर्ड मेकाले (Lord Macaulay) ने तैयार किया था. बाद में समय-समय पर इसमें कई तरह के बदलाव किए जाते रहे हैं.
 

 

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