Indian Penal Code यानी भारतीय दंड संहिता हमारे देश की कानून व्यवस्था से जुड़े प्रावधानों की जानकारी तो देती ही है, साथ ही महत्वपूर्ण शब्दों (Important words) को परिभाषित (defined) भी करती है. आईपीसी की धारा 23 सदोष अभिलाभ और संपत्ति से संबंधित है. तो आइए जानते हैं कि आईपीसी (IPC) की धारा 23 (Section 23) क्या है?
आईपीसी की धारा 23 (IPC Section 23)
भारतीय दंड संहिता (Indian Penal Code) की धारा 23 (Section 23) सदोष अभिलाभ (Wrongful gain) संपत्ति से है. जिसमें सदोष अभिलाभ विधिविरुद्ध साधनों (wrongful gain unlawful means) द्वारा ऐसी सम्पत्ति का अभिलाभ (property gains) है, जिसे प्राप्त करने वाला व्यक्ति वैध रूप से उसका हकदार न हो.
- सदोष हानि विधिविरुद्ध साधनों (Wrongful loss unlawful means) द्वारा ऐसी सम्पत्ति की हानि है, जिस हानि को उठाने वाला व्यक्ति वैध रूप से उसका हकदार हो.
- जब कोई व्यक्ति सदोष लाभ (Wrongful gain) रखे रखता है और सदोष लाभ अर्जित करता है, तो उस व्यक्ति द्वारा सदोष अभिलाभ प्राप्त करना (Receiving wrongful gain) कहा जाता है.
- जब किसी व्यक्ति को किसी सम्पत्ति (Property) से सदोष अलग रखा जाता है और सदोष वंचित किया जाता है तो उस व्यक्ति द्वारा सदोष हानि उठाना (Incurring wrongful loss) कहा जाता है।
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क्या है आईपीसी (IPC)
भारतीय दंड संहिता (Indian Penal Code) IPC भारत में यहां के किसी भी नागरिक द्वारा किये गये कुछ अपराधों की परिभाषा और दंड का प्रावधान करती है. आपको बता दें कि यह भारत की सेना पर लागू नहीं होती है. पहले आईपीसी जम्मू एवं कश्मीर में भी लागू नहीं होती थी. लेकिन धारा 370 हटने के बाद वहां भी आईपीसी लागू हो गई. इससे पहले वहां रणबीर दंड संहिता (RPC) लागू होती थी.
अंग्रेजों ने लागू की थी IPC
ब्रिटिश कालीन भारत के पहले कानून आयोग की सिफारिश पर आईपीसी (IPC) 1860 में अस्तित्व में आई. और इसके बाद इसे भारतीय दंड संहिता के तौर पर 1862 में लागू किया गया था. मौजूदा दंड संहिता को हम सभी भारतीय दंड संहिता 1860 के नाम से जानते हैं. इसका खाका लॉर्ड मेकाले ने तैयार किया था. बाद में समय-समय पर इसमें कई तरह के बदलाव किए जाते रहे हैं.