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IPC Section 25: जानें, क्या होती है आईपीसी की धारा 25?

आईपीसी (IPC) की धारा 25 भी एक ऐसे अपराध को समझाती है, जिसका संबंध कपटपूर्वक (Fraudulently) से है. आइए जानते हैं कि आईपीसी (IPC) की धारा 25 (Section 25) क्या है?

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आईपीसी की धारा 25 कपटपूर्वक किए गए कार्य को परिभाषित करती है
आईपीसी की धारा 25 कपटपूर्वक किए गए कार्य को परिभाषित करती है
स्टोरी हाइलाइट्स
  • कपट किए जाने से संबंधित है IPC की धारा 25
  • 1862 में लागू की गई थी आईपीसी

भारतीय दंड संहिता (Indian Penal Code) में अपराध (Crime) और सजा (Punishment) के साथ-साथ कानून व्यवस्था (Law and order) से जुड़े प्रावधानों (Provisions) की जानकारी भी मिलती है. आईपीसी (IPC) की धारा 25 भी एक ऐसे अपराध को समझाती है, जिसका संबंध कपटपूर्वक (Fraudulently) से है. आइए जानते हैं कि आईपीसी (IPC) की धारा 25 (Section 25) क्या है?

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आईपीसी की धारा 25 (IPC Section 25)
भारतीय दंड संहिता (Indian Penal Code) की धारा 25 (Section 25) कपटपूर्वक (Fraudulently) को परिभाषित करती है. सेक्शन 25 के मुताबिक अगर कोई शख्स किसी काम को कपट (Fraud) करने के आशय (Intention) से करता है, उसे कपटपूर्वक कृत्य (Fraudulent Act) कहा जाता है, अन्यथा नहीं.

इसे भी पढ़ें--- IPC Section 24: जानिए, क्या है आईपीसी की धारा 24? 

क्या है आईपीसी (IPC)
भारतीय दंड संहिता (Indian Penal Code) भारत में यहां के किसी भी नागरिक द्वारा किये गये कुछ अपराधों की परिभाषा (Definition of offenses) और दंड का प्रावधान करती है. आपको बता दें कि यह भारत की सेना पर लागू नहीं होती है. पहले आईपीसी (IPC) जम्मू एवं कश्मीर में भी लागू नहीं होती थी. लेकिन धारा 370 हटने के बाद वहां भी आईपीसी लागू हो गई. इससे पहले वहां रणबीर दंड संहिता (RPC) लागू होती थी.

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अंग्रेजों ने लागू की थी IPC
ब्रिटिश कालीन भारत के पहले कानून आयोग की सिफारिश पर आईपीसी (IPC) 1860 में अस्तित्व में आई और इसके बाद इसे भारतीय दंड संहिता के तौर पर 1862 में लागू किया गया था. मौजूदा दंड संहिता को हम सभी भारतीय दंड संहिता 1860 के नाम से जानते हैं. इसका खाका लॉर्ड मेकाले ने तैयार किया था. बाद में समय-समय पर इसमें कई तरह के बदलाव किए जाते रहे हैं.

 

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