scorecardresearch
 

IPC Section 42: जानिए, क्या है आईपीसी की धारा 42?

आईपीसी (IPC) की धारा 42 (Section 42) स्थानीय विधि (Local Law) के बारे में जानकारी देती है. तो चलिए जानते हैं कि आईपीसी (IPC) की धारा 42 इस बारे में क्या कहती है?

Advertisement
X
IPC की धारा 42 लोकल लॉ के बारे में बताती है
IPC की धारा 42 लोकल लॉ के बारे में बताती है
स्टोरी हाइलाइट्स
  • स्थानीय विधि से संबंधित है IPC की धारा 42
  • स्थानीय विधि को परिभाषित करती है धारा 42
  • 1862 में लागू की गई थी आईपीसी

भारतीय दंड संहिता (Indian Penal Code) अपराध (Offence) और उसकी सजा (Punishment) की व्याख्या तो करती ही है, साथ ही कानून (Law) और उनसे जुड़े प्रावधानों (Provisions) की जानकारी भी देती है. ऐसे ही आईपीसी (IPC) की धारा 42 (Section 42) स्थानीय विधि (Local Law) के बारे में जानकारी देती है. तो चलिए जानते हैं कि आईपीसी (IPC) की धारा 42 इस बारे में क्या कहती है?

Advertisement

आईपीसी की धारा 42 (IPC Section 42)
भारतीय दंड संहिता (Indian Penal Code) की धारा 42 (Section 42) हमें स्थानीय विधि (Local Law) का अर्थ (Meaning) समझाती है. IPC की धारा 42 के अनुसार स्थानीय विधि (Local law) वह विधि (Law) है जो भारत (India) के किसी विशिष्ट भाग (Particular part) को ही लागू हो. आसान शब्दों में कहें तो ऐसा स्थानीय कानून जो भारत के किसी एक भाग में ही प्रभावी या लागू (Applicable) होता हो. 

इसे भी पढ़ें--- IPC Section 41: जानिए, क्या है आईपीसी की धारा 41? 

क्या है आईपीसी (IPC)?
भारतीय दंड संहिता (Indian Penal Code) IPC भारत में यहां के किसी भी नागरिक (Citizen) द्वारा किये गये कुछ अपराधों (certain offenses) की परिभाषा (Definition) और दंड (Punishment) का प्रावधान (Provision) करती है. आपको बता दें कि यह भारत की सेना (Indian Army) पर लागू नहीं होती है. पहले आईपीसी (IPC) जम्मू एवं कश्मीर में भी लागू नहीं होती थी. लेकिन धारा 370 हटने के बाद वहां भी आईपीसी लागू हो गई. इससे पहले वहां रणबीर दंड संहिता (RPC) लागू होती थी.

Advertisement

अंग्रेजों ने लागू की थी IPC
ब्रिटिश कालीन भारत (British India) के पहले कानून आयोग (law commission) की सिफारिश (Recommendation) पर आईपीसी (IPC) 1860 में अस्तित्व में आई. और इसके बाद इसे भारतीय दंड संहिता (Indian Penal Code) के तौर पर 1862 में लागू किया गया था. मौजूदा दंड संहिता को हम सभी भारतीय दंड संहिता 1860 के नाम से जानते हैं. इसका खाका लॉर्ड मेकाले (Lord Macaulay) ने तैयार किया था. बाद में समय-समय पर इसमें कई तरह के बदलाव किए जाते रहे हैं.

ये भी पढ़ेंः

 

Advertisement
Advertisement