Indian Penal Code यानी भारतीय दंड संहिता कानून (Law) और उससे जुड़े प्रावधानों (Provisions) के बारे में जानकारी देती है. साथ ही जुर्म (Offence) और उसकी सजा (Punishment) को परिभाषित भी करती है. ऐसे ही आईपीसी (IPC) की धारा 46 (Section 46) 'मृत्यु' शब्द को परिभाषित करती है. आइए जानते हैं कि आईपीसी (IPC) की धारा 46 इस शब्द के बारे में क्या कहती है?
आईपीसी की धारा 46 (IPC Section 46)
भारतीय दंड संहिता (Indian Penal Code) की धारा 46 (Section 46) मृत्यु का अर्थ (Meaning of Death) समझाती है. IPC की धारा 46 के अनुसार जब तक कि संदर्भ (Context) के तत्प्रतिकूल प्रतीत (Contrary appears) न हो, मृत्यु शब्द (Death word) मानव (Human) की मृत्यु (Death) का द्योतक (denotes) है.
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क्या है आईपीसी (IPC)?
भारतीय दंड संहिता (Indian Penal Code) IPC भारत में यहां के किसी भी नागरिक (Citizen) द्वारा किये गये कुछ अपराधों (certain offenses) की परिभाषा (Definition) और दंड (Punishment) का प्रावधान (Provision) करती है. आपको बता दें कि यह भारत की सेना (Indian Army) पर लागू नहीं होती है. पहले आईपीसी (IPC) जम्मू एवं कश्मीर में भी लागू नहीं होती थी. लेकिन धारा 370 हटने के बाद वहां भी आईपीसी लागू हो गई. इससे पहले वहां रणबीर दंड संहिता (RPC) लागू होती थी.
अंग्रेजों ने लागू की थी IPC
ब्रिटिश कालीन भारत (British India) के पहले कानून आयोग (law commission) की सिफारिश (Recommendation) पर आईपीसी (IPC) 1860 में अस्तित्व में आई. और इसके बाद इसे भारतीय दंड संहिता (Indian Penal Code) के तौर पर 1862 में लागू किया गया था. मौजूदा दंड संहिता को हम सभी भारतीय दंड संहिता 1860 के नाम से जानते हैं. इसका खाका लॉर्ड मेकाले (Lord Macaulay) ने तैयार किया था. बाद में समय-समय पर इसमें कई तरह के बदलाव किए जाते रहे हैं.
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