भारतीय दंड संहिता (Indian Penal Code) IPC में अपराध और उस अपराध से जुड़ी सजा का प्रावधान तो है ही, साथ ही आईपीसी दूसरे कुछ विभागों और कानूनों में दखल ना दिए जाने का प्रावधान भी करती है. मगर वो प्रावधान क्या हैं और इसके लिए आईपीसी की धारा 5 क्या कहती है, आइए जानते हैं.
क्या है आईपीसी (IPC) की धारा 5 (Section 5)
इंडियन पीनल कोड (Indian Penal Code) की धारा 5 के अनुसार भारत सरकार की सेवा के अधिकारियों, सैनिकों, नौसैनिकों या वायु सैनिकों द्वारा विद्रोह और परित्याग किए जाने, उन्हें दण्डित किए जाने वाले किसी भी एक्ट के उपबन्धों, या किसी विशेष या स्थानीय विधि के उपबन्धों को प्रभावित नहीं कर सकती.
अब इसे आम भाषा में कहें तो आईपीसी की धारा 5 एक ऐसा कानून है, जिसके तहत आईपीसी (IPC) किसी भी तरह से आर्मी एक्ट में दखलअंदाजी नहीं कर सकती है. यानी अगर कोई सैनिक या सेना से जुड़ा कर्मचारी या अधिकारी सेवा के दौरान ही सेना छोड़कर भाग जाता है या फिर सेना से गद्दारी करता है, तो उसके खिलाफ आईपीसी की कोई धारा लागू नहीं की जा सकती है.
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ऐसे मामलों में आरोपी सैन्यकर्मी या अधिकारी के खिलाफ केवल आर्मी एक्ट (Army Act) के अधीन ही कार्यवाही और मुकदमा होगा. उसी एक्ट के तहत दोषी पाए जाने पर उसे सजा भी मिलेगी. इस तरह के मामले में आईपीसी किसी तरह की दखलंदाजी नहीं कर सकती है.
क्या है भारतीय दंड संहिता (IPC)
भारतीय दंड संहिता (Indian Penal Code) IPC भारत में यहां के किसी भी नागरिक द्वारा किये गये कुछ अपराधों की परिभाषा और दंड का प्रावधान करती है. आपको बता दें कि यह भारत की सेना पर लागू नहीं होती है. पहले आईपीसी जम्मू एवं कश्मीर में भी लागू नहीं होती थी. लेकिन धारा 370 हटने के बाद वहां भी आईपीसी लागू हो गई. इससे पहले वहां रणबीर दंड संहिता (RPC) लागू होती थी.