भारतीय दंड संहिता (Indian Penal Code) कई धाराओं का संग्रह है, जो अपराध (Offence) और उसकी सजा (Punishment) के बारे में तो जानकारी देती ही हैं. साथ ही कानूनी तौर पर कई शब्दों (words) का अर्थ (Meaning) और उनकी परिभाषा (Definition) भी बताती है. ऐसे ही आईपीसी (IPC) की धारा 50 (Section 50) कानून (Law) में 'धारा' शब्द को परिभाषित (defined) करती है. आइए जानते हैं कि आईपीसी (IPC) की धारा 50 क्या बताती है?
आईपीसी की धारा 50 (IPC Section 50)
भारतीय दंड संहिता (Indian Penal Code) की धारा 50 (Section 50) कानूनन 'धारा' (Section) शब्द को परिभाषित (defined) करती है. IPC की धारा 50 के अनुसार 'धारा शब्द (Section Word) इस संहिता (Code) के किसी अध्याय (Chapter) के उन भागों में से किसी एक का द्योतक (denotes) है, जो सिरे पर लगे संख्यांकों (numeral figures) द्वारा सुभिन्न (distinct) किए गए हैं.'
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ये होती है आईपीसी (IPC)
भारतीय दंड संहिता (Indian Penal Code) IPC भारत में यहां के किसी भी नागरिक (Citizen) द्वारा किये गये कुछ अपराधों (certain offenses) की परिभाषा (Definition) और दंड (Punishment) का प्रावधान (Provision) करती है. आपको बता दें कि यह भारत की सेना (Indian Army) पर लागू नहीं होती है. पहले आईपीसी (IPC) जम्मू एवं कश्मीर में भी लागू नहीं होती थी. लेकिन धारा 370 हटने के बाद वहां भी आईपीसी लागू हो गई. इससे पहले वहां रणबीर दंड संहिता (RPC) लागू होती थी.
अंग्रेजों ने लागू की थी IPC
ब्रिटिश कालीन भारत (British India) के पहले कानून आयोग (law commission) की सिफारिश (Recommendation) पर आईपीसी (IPC) 1860 में अस्तित्व में आई. और इसके बाद इसे भारतीय दंड संहिता (Indian Penal Code) के तौर पर 1862 में लागू किया गया था. मौजूदा दंड संहिता को हम सभी भारतीय दंड संहिता 1860 के नाम से जानते हैं. इसका खाका लॉर्ड मेकाले (Lord Macaulay) ने तैयार किया था. बाद में समय-समय पर इसमें कई तरह के बदलाव किए जाते रहे हैं.