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IPC Section 52: क्या होता है 'सद्भावपूर्वक' शब्द का अर्थ, जानें आईपीसी की धारा 52 में

आईपीसी (IPC) की धारा 52 (Section 52) कानूनीतौर पर 'सद्भावनापूर्वक' शब्द को परिभाषित (defined) करती है. तो चलिए जानते हैं कि आईपीसी (IPC) की धारा 52 इस पर क्या कहती है?

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सद्भाव से संबंधित है आईपीसी की धारा 52
सद्भाव से संबंधित है आईपीसी की धारा 52
स्टोरी हाइलाइट्स
  • सद्भाव से संबंधित है IPC की धारा 52
  • सद्भाव को परिभाषित करती है धारा 52
  • 1862 में लागू की गई थी आईपीसी

भारतीय दंड संहिता (Indian Penal Code) के हर अध्याय में कई धाराएं मौजूद हैं, जो हमें जुर्म (Offence) और उसकी सजा (Punishment) के साथ-साथ कई शब्दों के अर्थ (Meaning of words) और उनकी परिभाषा (Definition) भी बताती है. ऐसे ही आईपीसी (IPC) की धारा 52 (Section 52) कानूनीतौर पर 'सदभावनापूर्वक' शब्द को परिभाषित (defined) करती है. तो चलिए जानते हैं कि आईपीसी (IPC) की धारा 52 इस पर क्या कहती है?

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आईपीसी की धारा 52 (IPC Section 52)
भारतीय दंड संहिता (Indian Penal Code) की धारा 52 (Section 52) में सद्भावपूर्वक (Good faith) शब्द का अर्थ बताते हुए इसे परिभाषित (defined) किया गया है. IPC की धारा 52 के अनुसार अगर समझें तो कोई भी बात जो सम्यक सतर्कता (due diligence), ध्यान (Care) और विश्वास (believed) के बिना की जाए उसे सद्भावनापूर्वक (in good faith) नहीं कहा जा सकता. और अगर वो बात उपरोक्त तीन तथ्यों के साथ की जाए तो उसे सद्भावपूर्वक माना जाएगा. 

इसे भी पढ़ें--- IPC Section 51: कानून में क्या होता है 'शपथ' का मतलब, यही बताती है आईपीसी की धारा 51 

क्या होती है आईपीसी (IPC)
भारतीय दंड संहिता (Indian Penal Code) IPC भारत में यहां के किसी भी नागरिक (Citizen) द्वारा किये गये कुछ अपराधों (certain offenses) की परिभाषा (Definition) और दंड (Punishment) का प्रावधान (Provision) करती है. आपको बता दें कि यह भारत की सेना (Indian Army) पर लागू नहीं होती है. पहले आईपीसी (IPC) जम्मू एवं कश्मीर में भी लागू नहीं होती थी. लेकिन धारा 370 हटने के बाद वहां भी आईपीसी लागू हो गई. इससे पहले वहां रणबीर दंड संहिता (RPC) लागू होती थी.

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अंग्रेजों ने लागू की थी IPC
ब्रिटिश कालीन भारत (British India) के पहले कानून आयोग (law commission) की सिफारिश (Recommendation) पर आईपीसी (IPC) 1860 में अस्तित्व में आई. और इसके बाद इसे भारतीय दंड संहिता (Indian Penal Code) के तौर पर 1862 में लागू किया गया था. मौजूदा दंड संहिता को हम सभी भारतीय दंड संहिता 1860 के नाम से जानते हैं. इसका खाका लॉर्ड मेकाले (Lord Macaulay) ने तैयार किया था. बाद में समय-समय पर इसमें कई तरह के बदलाव किए जाते रहे हैं.

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