हमारे देश में अधिकांश राज्यों के पास अपनी पुलिस (Police) है, जो वहां की सरकारों और गृमह मंत्रालय के अधीन काम करती है. वहां की विधान सभा और विधान परिषद पुलिस से संबंधित कानून बनाने का अधिकार रखती है. लेकिन देशभर की पुलिस के लिए कुछ केंद्रीय कानून भी मौजूद हैं, जो पूरे देश में लागू होते हैं. उन्हीं कानूनों को पुलिस अधिनियम (Police Act) कहा जाता है.
दरअसल, पूरे देश में मौजूद पुलिस व्यवस्था ही पुलिस अधिनियम के तहत काम करती है. पुलिस एक्ट सन् 1861 में लागू किया गया था. पुलिस एक्ट का मकसद पुलिस का पुनर्गठन करना और अपराधों का निर्धारण करना तो है ही, साथ ही अपराधों का पता लगाने के लिए पुलिस को अधिक दक्ष और मजबूत बनाना भी है. इस अधिनियम में पुलिस और पुलिस के कामकाज से संबंधित उपनियम परिभाषित होते हैं.
हालांकि पुलिस अधिनियम के होने के बावजूद भी कई राज्यों ने अपनी पुलिस को शक्तियां और कर्तव्य प्रदान करने के लिए विधान सभा और विधान मंडलों में पुलिस से संबंधित अधिनियम बनाए गए हैं. इसकी मिसाल कई राज्यों में देखने को मिलती है. जैसे मध्य प्रदेश में मध्यप्रदेश पुलिस मैनुअल लागू है. वैसे ही तमिलनाडु में तमिलनाडु जिला पुलिस अधिनियम के तहत पुलिस काम करती है. इसी प्रकार से यूपी में उत्तर प्रदेश पुलिस अधिनियम लागू होता है.
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क्या होती है पुलिस
पुलिस अधिनियम 1861 के अधीन भर्ती संबंधित विभाग में भर्ती किए गए सभी लोग 'पुलिस' माने जाएंगे. इसका मतलब यह है कि इस अधिनियम के अंतर्गत जितने भी लोगों को पुलिस बल के लिए भर्ती किया गया है, वे सभी पुलिस के अंतर्गत आते हैं. पुलिस जनता के जान-माल की रक्षा करने, शांति व्यवस्था बनाए रखने और सामाजिक सुरक्षा का प्रबंध करने वाला सरकारी महकमा है. जिसके तहत पुलिस के अधिकारी और कर्मचारी अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन करते हैं.