इंदौर के श्री युगपुरुष धाम बाल आश्रम में हाल ही में छह बच्चों की संदिग्ध मौत हो गई थी. ये मामला अभी ठंड़ा भी नहीं पड़ा कि अब ये आश्रम एक बार फिर चर्चाओं में आ गया. क्योंकि वहां रहने वाले एक 16 वर्षीय लड़के का अपहरण कर लिया गया. आश्रम के प्रबंधन ने पुलिस को शिकायत दर्ज कराई है कि नाबालिग मानसिक रूप से कमजोर था और उसे किसी अज्ञात व्यक्ति ने अगवा कर लिया है.
29 जून से शुरू हुए कुछ दिनों के अंतराल में इंदौर के मल्हारगंज क्षेत्र में एक गैर सरकारी संगठन द्वारा संचालित श्री युगपुरुष धाम बाल आश्रम में छह बच्चों की मौत हो गई थी. इन मौतों के पीछे बच्चों के आश्रय गृह में कुप्रबंधन, अत्यधिक प्रवेश और संदिग्ध हैजा प्रकोप बताया गया था.
सहायक पुलिस आयुक्त (ACP) आशीष पटेल ने इस मामले में जानकारी देते हुए पीटीआई को बताया कि श्री युगपुरुष धाम बाल आश्रम में हैजा फैलने के बाद बच्चों की तबीयत खराब होने के बाद एहतियात के तौर पर 6 जुलाई को कुछ बच्चों को शहर के खंडवा नाका क्षेत्र स्थित अखंड परमानंद आश्रम भेजा गया था.
एसीपी ने बताया कि अब श्री युगपुरुष धाम बाल आश्रम के प्रबंधन ने एक शिकायत दर्ज कराई है. जिसके आधार पर तेजाजी नगर थाने में एफआईआर दर्ज की गई है. शिकायत में बताया गया है कि 8 जुलाई को वहां रहने वाले 16 वर्षीय आनंद को किसी अज्ञात बदमाश ने बहला-फुसलाकर अगवा कर लिया.
एसीपी ने बताया कि घटनास्थल और उसके आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों में कैद 8 जुलाई की फुटेज में पुलिस को लड़का नहीं मिला. उन्होंने बताया कि हम उस तारीख से पहले की सीसीटीवी फुटेज भी जांच रहे हैं. आश्रम प्रबंधन के अनुसार लापता लड़का मानसिक रूप से कमजोर है और उसे जनवरी में हरदा की बाल कल्याण समिति ने इंदौर भेजा था.
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि लापता नाबालिग लड़के के मामले से जुड़े सभी पहलुओं की जांच की जा रही है. 1 से 2 जुलाई के बीच आश्रम में हैजा से पीड़ित चार बच्चों की मौत हो गई थी, जबकि 30 जून को संस्थान में मरने वाले बच्चों में से एक की मौत दिमागी दौरे के कारण हुई थी.
उन्होंने बताया कि 29 और 30 जून की दरम्यानी रात आश्रम के एक अन्य सदस्य की मौत हो गई थी, लेकिन आश्रम प्रबंधन ने बच्चे की मौत की सूचना प्रशासन को नहीं दी और उसके शव को उसके परिजनों को सौंप दिया और स्थानीय श्मशान घाट में दफना दिया.
अधिकारियों ने बताया कि आश्रम प्रबंधन ने दावा किया कि बच्चे की मौत मिर्गी के कारण हुई, लेकिन इसकी पुष्टि नहीं हो सकी. उन्होंने बताया कि प्रशासन ने इस मामले की जांच के लिए उच्च स्तरीय समिति का गठन किया है. जिसकी जांच में आश्रम में बच्चों की संख्या जरूरत से ज्यादा होने, बच्चों के मेडिकल रिकॉर्ड ठीक से नहीं रखे जाने तथा संस्थान के रखरखाव में अन्य अनियमितताओं का खुलासा हुआ है.