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असम पुलिस के एनकाउंटर में मारे गए मेरठ के बंजारा बंधु, गोवंश की इंटरनेशनल तस्करी में थी तलाश

Meerut News: असम पुलिस को दो लाख रुपए के इनामी तस्कर अकबर बंजारा की काफी दिन से तलाश थी. मेरठ में गोवंश तस्कर की गिरफ्तारी के बाद असम पुलिस ने यूपी पुलिस को इनाम के 2 लाख रुपए दिए.

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अकबर बंजारा पर असम पुलिस ने 2 लाख का इनाम रखा था.
अकबर बंजारा पर असम पुलिस ने 2 लाख का इनाम रखा था.
स्टोरी हाइलाइट्स
  • असम में मारे गए दो इंटरनेशनल गौ तस्कर
  • मेरठ के निवासी थे अकबर बंजारा और सलमान बंजारा

उत्तर प्रदेश में मेरठ के रहने वाले इंटरनेशनल गोवंश तस्कर अकबर बंजारा और सलमान बंजारा मंगलवार को असम पुलिस के एनकाउंटर में मारे गए. अकबर बंजारा पर असम पुलिस ने 2 लाख रुपए का इनाम घोषित कर रखा था. दरअसल, 13 अप्रैल को ही मेरठ पुलिस ने अकबर के साथ उसके भाई सलमान और शमीम को एक मामले में गिरफ्तार किया था. इसके बाद बी वारंट पर तीनों को असम पुलिस कोकराझार ले गई. फिर 19 अप्रैल को असम में अकबर और सलमान एक एनकाउंटर में मारे गए. 

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मेरठ देहात एसपी केशव कुमार का कहना है कि फलावदा थाने में कुछ दिन पहले गोकशी का एक मुकदमा दर्ज हुआ था. इस मामले में अकबर बंजारा और उसके दो भाइयों सलमान और शमीम के नाम प्रकाश में आए थे. गिरफ्तार करके तीनों को जेल भेज दिया गया था. जिसके बाद असम पुलिस ने कोर्ट से बी वारण्ट प्राप्त किया और आरोपियों को अपने साथ असम लेकर गई थी और वहां कोर्ट के सामने पेश किया था. 

मेरठ पुलिस ने अकबर, सलमान और शमीम बंजारा को गिरफ्तार किया था.

 
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अकबर बंजारा के परिवार के पास 100 करोड़ से भी ज्यादा की संपत्ति बताई जा रही है. हालांकि, एसपी ने बताया कि एनकाउंटर में मारे गए आरोपियों की संपत्ति की जांच की जा रही है. कुछ संपत्तियां सामने आई है, लेकिन उनको दस्तावेजों के आधार पर वेरीफाई कराया जा रहा है. इसमें अभी थोड़ा-सा वक्त लगेगा.  

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वहीं, इंटरनेशनल रैकेट से जुड़े होने के मामले में एसपी देहात ने यह भी कहा कि मेरठ पुलिस की जांच में अभी कोई ऐसी बात सामने नहीं आई कि आरोपियों की बाहर के कुछ संगठनों से गठजोड़ है. लेकिन असम पुलिस की तरफ से ऐसा बताया गया है कि तो उनको ऐसे तथ्य मिले होंगे. 

पुलिस अफसर ने यह भी बताया कि अकबर बंजारा मेरठ के फलावदा में सिर्फ रहता था जबकि तस्करी का काम उत्तर पूर्वी राज्यों में करता था. इसीलिए यहां पर इसके ऊपर बहुत ज्यादा मुकदमे भी नहीं हैं. मेरठ जनपद में उसने पहली बार इसी साल इस तरीके का काम किया था. इसमें उसके खिलाफ तुरंत ही मुकदमा भी लिखा गया और गिरफ्तारी भी हुई. मेरठ में फिलहाल इसके खिलाफ दो मुकदमे थाना फलावदा में हैं. वहीं, जांच के दौरान अगर कोई गैंग सामने आएगी या गैंग के अन्य सदस्यों के बारे में जानकारी प्राप्त होगी तो उनकी गिरफ्तारी की जाएगी.

 

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