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ISIS के सहयोगी संगठन ISKP के खिलाफ NIA का एक्शन, आतंकी साजिश से जुड़े 5 लोगों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल

एनआईए की जांच के अनुसार, आईएसआईएस का एक सहयोगी संगठन आईएसकेपी अफगानिस्तान के खुरासान प्रांत में सक्रिय है और अशांत राष्ट्र में आतंक और हिंसा को बढ़ावा देने के लिए रची जा रही साजिश का हिस्सा है.

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NIA ने आतंकी संगठन ISKP से जुड़े पांच लोगों के खिलाफ चार्जशीट दायर की है
NIA ने आतंकी संगठन ISKP से जुड़े पांच लोगों के खिलाफ चार्जशीट दायर की है

राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने मंगलवार को इस्लामिक स्टेट ऑफ खुरासान प्रांत (ISKP) से जुड़े पांच लोगों के खिलाफ आरोप पत्र दायर कर दिया है. जिससे आतंक और हिंसा की वारदातों को अंजाम देने के लिए प्रतिबंधित अफगान आतंकवादी संगठन की एक बड़ी साजिश का खुलासा हुआ है.
 
एनआईए की जांच के अनुसार, आईएसआईएस का एक सहयोगी संगठन आईएसकेपी अफगानिस्तान के खुरासान प्रांत में सक्रिय है और अशांत राष्ट्र में आतंक और हिंसा को बढ़ावा देने के लिए रची जा रही एक साजिश की प्लानिंग का हिस्सा है.
 
अब तक की जांच से पता चला है कि आरोपियों की पहचान उबैद नासिर मीर, हनान हयात शॉल और मोहम्मद हाजिम शाह, सुमेरा बानो और जुबैर के तौर पर हुई है.  सभी आरोपी अफगानिस्तान में प्रशिक्षण और आतंकवादी कृत्यों को अंजाम देने के लिए जा रहे थे. इन सभी की पोरबंदर, गुजरात से अवैध रूप से ईरान के रास्ते अफगानिस्तान जाने की योजना थी. लेकिन विश्वसनीय इनपुट के आधार पर उन्हें एटीएस, गुजरात ने गिरफ्तार कर लिया. एटीएस ने पाया कि पांचों लोग आईएसकेपी के साथ सक्रिय रूप से जुड़े हुए थे. 
 
एनआईए की जांच से पता चला था कि गिरफ्तार किए गए आरोपी प्रतिबंधित आतंकी संगठन के हिंसक एजेंडे में शामिल होने के लिए मुस्लिम युवाओं की भर्ती जैसी गतिविधियों में लगे हुए थे. उनका काम सोशल मीडिया पर आईएसकेपी के एजेंडे और विचारधारा का प्रचार करने तक ही सीमित नहीं थे, बल्कि वे भारत में कमजोर तबके के मुस्लिम युवाओं को आईएसकेपी की चरमपंथी विचारधारा से प्रेरित करने और उन्हें कट्टरपंथी बनाने में सक्रिय रूप से लगे हुए थे. 

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जानकारी के मुताबिक, आरोपी प्रतिबंधित आतंकी संगठन के लिए फंड भी इकट्ठा कर रहे थे. इस मामले में दो अन्य आरोपी फरार हैं. जांच में पचा चला है कि वे लोग अफगानिस्तान और ईरान में मौजूद हैं. माना जा रहा है कि दोनों भगोड़े गिरफ्तार किए गए आरोपियों के प्रमुख संचालक हैं.

राष्ट्रीय सुरक्षा प्रभावों और अंतरराष्ट्रीय संबंधों को देखते हुए भारत सरकार के गृह मंत्रालय ने 28 जून 2023 को इस मामले की जांच एनआईए के हवाले कर दी थी. इसके बाद, 1 जुलाई 2023 को आतंकवाद विरोधी एजेंसी ने धारा 38 और के तहत मामला दर्ज किया था. इस केस में गैरकानूनी गतिविधियां (पी) एक्ट, 1967 की धारा 39 और आईपीसी की धारा 120बी के तहत एटीएस अहमदाबाद ने पहले से ही मामला दर्ज किया हुआ था. उसी के आधार पर NIA ने एक्शन लिया है. इस मामले में एनआईए की जांच जारी है.

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